कविता:"छुट्टी "
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*"छुट्टी "*
हाय दिन भर सोना हो गया ,
यह छुट्टी नहीं अब रोना हो गया |
सुबह शाम बस खुद में खो गया ,
न जाने किसने जगाया और सो गया |
मेरा मन हर सपने में मचलता ...
18 minutes ago
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3 comments:
सुंदर
ग खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत अच्छी रचना...
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