कविता :"अकेला "
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*"अकेला "*
शुक्र है की मैं अकेला मुस्कुराता हूँ ,
हर वक्त हर समय ख्यालो में खोया रहता हूँ |
नहीं है कोई खौफ किसी का ,
अकेला हूँ अकेला रह लेता हूँ |
जीने को...
1 day ago
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3 comments:
सुंदर
ग खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत अच्छी रचना...
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