कविता :"आंबेडकर जयंती "
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*"आंबेडकर जयंती "*
जिस जगह से मैं गुजरूं ,
वह जगह अपवित्र हो जाता |
जिस कुंआ का पानी मैं पिया ,
वह कुंआ का पानी अपवित्र हो जाता |
हर कदम और हर जगह पर ,
छु...
12 hours ago
2 comments:
नववर्ष 2014 सभी के लिये मंगलमय हो ,सुखकारी हो , आल्हादकारी हो
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
नए साल की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें!
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