tag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post1791700227701443987..comments2024-03-12T09:39:30.889-07:00Comments on ब्लॉगमंच: "मेरा सुझाव अच्छा लगे तो इस कड़वे घूँट का पान करें"प्रांजल-प्राचीhttp://www.blogger.com/profile/09742305225899096765noreply@blogger.comBlogger32125tag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-60393162549375667412012-11-19T23:18:58.018-08:002012-11-19T23:18:58.018-08:00buy phentermine phentermine no prescription 30 mg ...<a href="http://buyphentermineonlinepill.com/#3564" rel="nofollow">buy phentermine</a> phentermine no prescription 30 mg - buy phentermine online in australiaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-34500598853319265202012-11-19T15:30:01.506-08:002012-11-19T15:30:01.506-08:00long term side effects of phentermine phentermine ...<a href="http://buyphentermineonlinepill.com/#1486" rel="nofollow">long term side effects of phentermine</a> phentermine uk - phentermine joliet ilAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-21171623948794291582012-11-19T14:28:52.268-08:002012-11-19T14:28:52.268-08:00discount phentermine online phentermine without pr...<a href="http://buyphentermineonlinepill.com/#phentermine-adipex" rel="nofollow">discount phentermine online</a> phentermine without prescription - buy phentermine online no prescriptionAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-66984522278539802452012-11-19T11:18:04.053-08:002012-11-19T11:18:04.053-08:00purchase phentermine phentermine 37.5 mg side effe...<a href="http://buyphentermineonlinepill.com/#2587" rel="nofollow">purchase phentermine</a> phentermine 37.5 mg side effects - phentermine 37.5 tablets onlineAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-12609279582862059132012-11-19T02:41:08.002-08:002012-11-19T02:41:08.002-08:00herbal phentermine buy phentermine online pharmacy...<a href="http://buyphentermineonlinepill.com/#3457" rel="nofollow">herbal phentermine</a> buy phentermine online pharmacy - buy phentermine online reviewsAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-20922744102810567572012-11-14T20:56:40.226-08:002012-11-14T20:56:40.226-08:00buy tramadol online cheap order tramadol from cana...<a href="http://buytramadol100mgonline.com/#tramadol-prescription" rel="nofollow">buy tramadol online cheap</a> order tramadol from canada - tramadol purchase online ukAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-69070679488115450092012-11-07T02:42:06.099-08:002012-11-07T02:42:06.099-08:00Hello! I just would like to give a huge thumbs up ...Hello! I just would like to give a huge thumbs up for the great info you have here on this post. I will be coming back to your blog for more soon.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-26779459635218619832012-11-03T05:54:45.566-07:002012-11-03T05:54:45.566-07:00बहुत सही कहा आपने ...आपकी बात से सहमत हैं .. तकनीक...बहुत सही कहा आपने ...आपकी बात से सहमत हैं .. तकनीकी मामले में हम फिस्सड्डी है बस मदद जरुर मांग लेते हैं ....कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-29183783906492543332012-10-30T23:55:49.005-07:002012-10-30T23:55:49.005-07:00"कई ब्लोगर शब्द पुष्टिकरण लगा देते हैं। जिससे..."कई ब्लोगर शब्द पुष्टिकरण लगा देते हैं। जिससे टिप्पणी देने में अनावश्यक समय लगता है।" और कई बार तो शब्दों की पुष्टि ही नहीं हो पाती है जिससे समय की बरवादी तो होती ही है साथ ही अपनी बात रखने से भी बंचित रह जाते हैं, एक और बात की अनावश्यक गैजेट भी परेशानी का सबब बन जाते हैं, अंत में छोटी सी कहानी काफी प्रेरक लगी.....आभार.........पी.एस .भाकुनीhttps://www.blogger.com/profile/10948751292722131939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-15861068051954435582012-10-29T05:00:57.854-07:002012-10-29T05:00:57.854-07:00आपका सुझाव सर्वथा उचित है शास्त्री जी.आपका सुझाव सर्वथा उचित है शास्त्री जी.shalini rastogihttps://www.blogger.com/profile/07268565664101777300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-89175858975395959062012-10-28T11:28:25.007-07:002012-10-28T11:28:25.007-07:00 भड़ास मन की निकालिए, रखिये खुले विचार।
भे... भड़ास मन की निकालिए, रखिये खुले विचार। <br /><br /> भेद-भाव अपनाइ बिनु, बांटे सबको प्यार।। <br /><br /> जग आभासी ब्लॉग का, पिलाते कड़वे घूँट।<br /><br /> वक्त वक्त की बात है, किस करवट बैठे ऊँट।। <br /><br /> सूर्यकान्त गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/05578755806551691839noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-534689397059442212012-10-28T01:10:48.939-07:002012-10-28T01:10:48.939-07:00असल में वर्ड वेरिफिकेशन से काफी लोग अनजान हैं.उन्ह...असल में वर्ड वेरिफिकेशन से काफी लोग अनजान हैं.उन्हें इसे हटाने के बारे में ज्ञान नही होता.ख़ास कर नए ब्लोगर ,बिचारे इसकी जानकारी नही रखते.कोई भी जान बुझकर ये नही चाहता की पाठक उसके पोस्ट्स पर कमेंट्स ना दें.<br /><br /><br /><a href="http://indians-bloggers.blogspot.com/" rel="nofollow">इंडियन ब्लोगर्स वर्ल्ड</a> Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11687562436927833964noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-7009272700439685852012-10-27T20:09:15.947-07:002012-10-27T20:09:15.947-07:00केवल परम हितैषी ही,भला सुझाव देते हैं |
'प्यार...केवल परम हितैषी ही,भला सुझाव देते हैं |<br />'प्यार के बादल' ही हमें छाँव देते हैं ||देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-73023279555784296932012-10-27T12:42:42.697-07:002012-10-27T12:42:42.697-07:0035) "मेरा सुझाव अच्छा लगे तो कड़वे घूँट का पा...35) "मेरा सुझाव अच्छा लगे तो कड़वे घूँट का पान करें"मित्रों! बहुत दिनों से एक विचार मन में दबा हुआ था! हमारे बहुत से मित्र अपने <br /><br />ब्लॉग पर या फेसबुक पर अपनी प्रविष्टि लगाते हैं। वह यह तो चाहते हैं कि लोग उनके यहाँ जाकर अपना अमूल्य समय लगा कर विचार कोई बढ़िया सी<br /><br /> टिप्पणी दें। केवल इतना ही नहीं कुछ लोग तो मेल में लिंक भेजकर या लिखित बात-चीत में भी अपने लिंक भेजते रहते हैं। अगर नकार भी दो तो वे फिर <br /><br />भी बार-बार अपना लिंक भेजते रहते हैं। लेकिन स्वयं किसी के यहाँ जाने की जहमत तक नहीं उठाते हैं..<br /><br />एक प्रतिक्रिया :वीरुभाई <br /><br />ब्लॉग का मतलब ही है संवाद !संवाद एक तरफा नहीं हो सकता .संवाद है तो उसे विवाद क्यों बनाते हो ?जो दोनों के मन को छू जाए वह सम्वाद है जो <br /><br />एक <br /><br />के मन को आह्लादित करे ,दूसरे <br /><br />के मन को तिरस्कृत वह संवाद नहीं है .<br /><br />भले यूं कहने को विश्व आज एक गाँव हो गया है लेकिन व्यक्ति व्यक्ति से यहाँ बात नहीं करता .पड़ोसी पड़ोसी को नहीं जानता .व्यक्ति व्यक्ति के बीच <br /><br />का संवाद ख़त्म हो रहा है .जो एक प्रकार का खुलापन था वह खत्म हो रहा है ब्लॉग इस दूरी को पाट सकता है .ब्लॉग संवाद को जिंदा रख सकता है .<br /><br />इधर सुने उधर सुनाएं .कुछ अपनी कहें कुछ हमारी सुने .<br /><br />गैरों से कहा तुमने ,गैरों को सुना तुमने ,<br /><br />कुछ हमसे कहा होता ,कुछ हमसे सुना होता .<br /><br />जो लोग अपने गिर्द अहंकार की मीनारें खड़ी करके उसमें छिपके बैठ गएँ हैं वह एक नए वर्ग का निर्माण कर रहें हैं .श्रेष्ठी वर्ग का ?<br /><br />बतलादें उनको -<br /><br />मीनार किसी की भी सुरक्षित नहीं होती .लोग भी ऊंची मीनारों से नफरत करते हैं .<br /><br />बेशक आप महानता का लबादा ओढ़े रहिये ,एक दिन आप अन्दर अंदर घुटेंगे ,और कोई पूछने वाला नहीं होगा .<br /><br />अहंकार की मीनारें बनाना आसान है उन्हें बचाए रखना मुश्किल है -<br /><br />लीजिए इसी मर्तबा डॉ .वागीश मेहता जी की कविता पढ़िए -<br /><br />तर्क की मीनार <br /><br />मैं चाहूँ तो अपने तर्क के एक ही तीर से ,आपकी चुप्पी की मीनार को ढेर कर दूं -<br /><br />तुम्हारे सिद्धांतों की मीनार को ढेर कर दूं ,<br /><br />पर मैं ऐसा करूंगा नहीं -<br /><br />इसलिए नहीं कि मैं तुमसे भय खाता हूँ ,सुनो इसका कारण सुनाता हूँ ,<br /><br />क्योंकि मैं जानता हूँ -<br /><br />क़ानून केवल नाप झौंख कर सकता है ,<br /><br />क़ानून के मदारी की नजर में ,गधे का बच्चा और गाय का बछड़ा दोनों एक हैं -<br /><br />क्योंकि दोनों नाप झौंख में बराबर हैं .<br /><br />अभी भी नहीं समझे ! तो सुनो ध्यान से ,<br /><br />जरा इत्मीनान से ,कि इंसानी भावनाओं के हरे भरे उद्यान को -<br /><br />चर जाने वाला क़ानून अंधा है ,<br /><br />कि अंधेर नगरी की फांसी का फंदा है ,<br /><br />जिसे फिट आजाये वही अपराधी है ,<br /><br />और बाकी सबको आज़ादी है .<br /><br />(समाप्त )<br /><br />वीरुभाई :<br /><br />इसीलिए मैं कहता हूँ ,कुछ तो दिल की बात कहें ,कुछ तो दिल की बात सुने।<br /><br />नावीन्य बना रहेगा ब्लॉग जगत में . virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-64349314940782703042012-10-27T08:49:21.449-07:002012-10-27T08:49:21.449-07:0035) "मेरा सुझाव अच्छा लगे तो कड़वे घूँट का पा...35) "मेरा सुझाव अच्छा लगे तो कड़वे घूँट का पान करें"मित्रों! बहुत दिनों से एक विचार मन में दबा हुआ था! हमारे बहुत से मित्र अपने <br /><br />ब्लॉग पर या फेसबुक पर अपनी प्रविष्टि लगाते हैं। वह यह तो चाहते हैं कि लोग उनके यहाँ जाकर अपना अमूल्य समय लगा कर विचार कोई बढ़िया सी<br /><br /> टिप्पणी दें। केवल इतना ही नहीं कुछ लोग तो मेल में लिंक भेजकर या लिखित बात-चीत में भी अपने लिंक भेजते रहते हैं। अगर नकार भी दो तो वे फिर <br /><br />भी बार-बार अपना लिंक भेजते रहते हैं। लेकिन स्वयं किसी के यहाँ जाने की जहमत तक नहीं उठाते हैं..<br /><br />एक प्रतिक्रिया :वीरुभाई <br /><br />ब्लॉग का मतलब ही है संवाद !संवाद एक तरफा नहीं हो सकता .संवाद है तो उसे विवाद क्यों बनाते हो ?जो दोनों के मन को छू जाए वह सम्वाद है जो <br /><br />एक <br /><br />के मन को आह्लादित करे ,दूसरे <br /><br />के मन को तिरस्कृत वह संवाद नहीं है .<br /><br />भले यूं कहने को विश्व आज एक गाँव हो गया है लेकिन व्यक्ति व्यक्ति से यहाँ बात नहीं करता .पड़ोसी पड़ोसी को नहीं जानता .व्यक्ति व्यक्ति के बीच <br /><br />का संवाद ख़त्म हो रहा है .जो एक प्रकार का खुलापन था वह खत्म हो रहा है ब्लॉग इस दूरी को पाट सकता है .ब्लॉग संवाद को जिंदा रख सकता है .<br /><br />इधर सुने उधर सुनाएं .कुछ अपनी कहें कुछ हमारी सुने .<br /><br />गैरों से कहा तुमने ,गैरों को सुना तुमने ,<br /><br />कुछ हमसे कहा होता ,कुछ हमसे सुना होता .<br /><br />जो लोग अपने गिर्द अहंकार की मीनारें खड़ी करके उसमें छिपके बैठ गएँ हैं वह एक नए वर्ग का निर्माण कर रहें हैं .श्रेष्ठी वर्ग का ?<br /><br />बतलादें उनको -<br /><br />मीनार किसी की भी सुरक्षित नहीं होती .लोग भी ऊंची मीनारों से नफरत करते हैं .<br /><br />बेशक आप महानता का लबादा ओढ़े रहिये ,एक दिन आप अन्दर अंदर घुटेंगे ,और कोई पूछने वाला नहीं होगा .<br /><br />अहंकार की मीनारें बनाना आसान है उन्हें बचाए रखना मुश्किल है -<br /><br />लीजिए इसी मर्तबा डॉ .वागीश मेहता जी की कविता पढ़िए -<br /><br />तर्क की मीनार <br /><br />मैं चाहूँ तो अपने तर्क के एक ही तीर से ,आपकी चुप्पी की मीनार को ढेर कर दूं -<br /><br />तुम्हारे सिद्धांतों की मीनार को ढेर कर दूं ,<br /><br />पर मैं ऐसा करूंगा नहीं -<br /><br />इसलिए नहीं कि मैं तुमसे भय खाता हूँ ,सुनो इसका कारण सुनाता हूँ ,<br /><br />क्योंकि मैं जानता हूँ -<br /><br />क़ानून केवल नाप झौंख कर सकता है ,<br /><br />क़ानून के मदारी की नजर में ,गधे का बच्चा और गाय का बछड़ा दोनों एक हैं -<br /><br />क्योंकि दोनों नाप झौंख में बराबर हैं .<br /><br />अभी भी नहीं समझे ! तो सुनो ध्यान से ,<br /><br />जरा इत्मीनान से ,कि इंसानी भावनाओं के हरे भरे उद्यान को -<br /><br />चर जाने वाला क़ानून अंधा है ,<br /><br />कि अंधेर नगरी की फांसी का फंदा है ,<br /><br />जिसे फिट आजाये वही अपराधी है ,<br /><br />और बाकी सबको आज़ादी है .<br /><br />(समाप्त )<br /><br />वीरुभाई :<br /><br />इसीलिए मैं कहता हूँ ,कुछ तो दिल की बात कहें ,कुछ तो दिल की बात सुने।<br /><br />नावीन्य बना रहेगा ब्लॉग जगत में virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-57677281748719561462012-10-27T06:03:15.879-07:002012-10-27T06:03:15.879-07:00समझने वाले के लिये इशारा काफी होता है पर अंधे बहरे...समझने वाले के लिये इशारा काफी होता है पर अंधे बहरे गूंगे के लिये किसी इशारे का कोई मतलब कहाँ होता है जो वाकई में हम हैं हम कहने में बुरा लगे किसी को तो क्षमा करें और उसे मैं हूँ कर के पढ़ लें !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-33476351154712976572012-10-27T04:19:30.205-07:002012-10-27T04:19:30.205-07:00वाह क्या सुझाव दिया हैं आपने :)))वाह क्या सुझाव दिया हैं आपने :)))Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-25692735192679273472012-10-27T02:31:05.350-07:002012-10-27T02:31:05.350-07:00मैं आपकी बात से सहमत हूँ मैं आपकी बात से सहमत हूँ Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-80668385746972685162012-10-26T23:43:25.889-07:002012-10-26T23:43:25.889-07:00अच्छा सुझाव है जरुर पालन करेंगे
आभार विस्तृत बता ...अच्छा सुझाव है जरुर पालन करेंगे <br />आभार विस्तृत बता दिया है !Sumanhttps://www.blogger.com/profile/02336964774907278426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-65800662916565629472012-10-26T20:48:01.622-07:002012-10-26T20:48:01.622-07:00लो = लोगलो = लोगKajal Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06605771267817674472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-44000417857584098822012-10-26T20:46:48.965-07:002012-10-26T20:46:48.965-07:00लो फिर भी नहीं मानेंगेलो फिर भी नहीं मानेंगेKajal Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06605771267817674472noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-45903554590948692732012-10-26T13:32:28.458-07:002012-10-26T13:32:28.458-07:00Cool blog! Is your theme custom made or did you do...Cool blog! Is your theme custom made or did you download it from somewhere? A design like yours with a few simple adjustements would really make my blog jump out. Please let me know where you got your design. KudosAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-69663050793458408362012-10-26T13:06:06.792-07:002012-10-26T13:06:06.792-07:00हमको भी ये बहुत सताएं ,
अक्सर अपनी पीठ दिखाएं .
...हमको भी ये बहुत सताएं ,<br /><br />अक्सर अपनी पीठ दिखाएं .<br /><br />पीड़ा ये सामूहिक भैया ,<br /><br />इनके नाम खोल दो भैया .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-76291923056325365472012-10-26T13:05:13.098-07:002012-10-26T13:05:13.098-07:00कहिये तो गिनती हो जाए ,
कितने यहाँ ब्लॉग गौरव ,ब्...कहिये तो गिनती हो जाए ,<br /><br />कितने यहाँ ब्लॉग गौरव ,ब्लॉग गर्विताएं <br /><br />हुकुम करो तो नाम बताएं ,<br /><br />या मुद्दा आगे खिसकाएं .<br /><br />ब्लॉगमंच<br /><br />अपना न्यौता बांटते, पढवाते निज लेख |<br />स्वयं कहीं जाते नहीं, मारें शेखी शेख |<br />मारें शेखी शेख, कभी दूजे घर जाओ |<br />इक प्यारी टिप्पणी, वहां पर जाय लगाओ |<br />करो तनिक आसान, टिप्पणी करना भाये |<br />कभी कभी रोबोट, हमें भी बहुत सताए ||virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2510011997199637147.post-63457446242768496512012-10-26T12:45:14.465-07:002012-10-26T12:45:14.465-07:00अच्छा किया आपने कह डाला - धन्यवाद!अच्छा किया आपने कह डाला - धन्यवाद!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com