कविता:"खेल "
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*"खेल "*
खेल के मैदान में ,
हार -जीत का फासला बना रहता है |
जो मंजिल बुना है तूने ,
उस कोशिश में लगा रहना पड़ता है |
आत्मा और अपने ये धीरज रखो ,
संघर्ष का...
6 minutes ago
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