कविता:"छुट्टी "
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*"छुट्टी "*
हाय दिन भर सोना हो गया ,
यह छुट्टी नहीं अब रोना हो गया |
सुबह शाम बस खुद में खो गया ,
न जाने किसने जगाया और सो गया |
मेरा मन हर सपने में मचलता ...
37 minutes ago
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2 comments:
बहुत बहुत बधाइयाँ ।
बधाई !
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