"फेसबुक पर यह फोटो लगाया था अदित भगत ने" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
Sunday, February 12, 2012
मेरे छोटे मित्र को, भाया मेरा रूप। वृद्धावस्था में कहाँ, इस चेहरे पर धूप।। सोच-समझकर ही सदा, करना हमसे प्यार। पिता तुल्य हम आपके, करना यही विचार।। खूब चलाओ लेखनी, देता हूँ अधिकार। कूँची ठण्डी राख में, भर देती अंगार।। |