"हिन्दी कविताएँ, आपके विचार से साभार" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Friday, May 11, 2012
एक मुलाकात (हिन्दी कविताएँ, आपके विचार से साभार)
देहरादून स्थित सरकारी निवास का लॉन!
सुबह सुबह जैसे ही फ़ोन की घंटी बजी उधर से हमारे ब्लोगिंग शिरोमणि डॉ रूप चन्द्र शास्त्री मयंक जी की आवाज सुनाई दी |नमस्कार शुभप्रभात करने के बाद बातो बातों में पता लगा कि वो देहरादून अपने बेटे के पास आये हैं अतः मेरे निमंत्रण पर वो अपनी धरम पत्नी श्री मति अमर भारती व् अपनी पुत्रवधू के साथ मेरे निवास स्थान पर मुझसे मिलने आये |उनसे मिलकर बहुत ख़ुशी हुई वो इतने सरल स्वभाव के शख्स हैं कि लग ही नहीं रहा था कि पहली बार मिल रहे हैं धन्य अंतर्जाल ,ब्लोगिंग जो दूर दूर से लोगों को इस तरह मिलवा देता है और एक दूसरे के बीच एक आत्मीयता स्थापित कर देता है| बातचीत के दौरान शास्त्री जी ने मुझे अपने काव्य रचनाओं की चार पुस्तकें सुख का सूरज ,धरा के रंग (हिन्दी कविताएँ)
और हाँ उन्होंने एक दिन चर्चामंच पर मंगलवार की चर्चा लगाने की पेशकश भी की जो मैंने अपना सौभाग्य समझकर सहर्ष स्वीकार कर ली और इस तरह अपने ब्लोगेर्स मित्रों की सेवा का अवसर मुझे भी प्रदान किया गया |इसके लिए मैं हार्दिक आभारी हूँ |चलिए अब से मैं आप लोगों से हर मंगल वार चर्चा मंच पर मिलूंगी | इस तरह ये छोटी सी मुलाकात आप लोगों से सांझा की शायद आप लोगों को पसंद आई होगी |
धन्यवाद ,आपका दिन मंगलमय हो