कविता: "खुश खेत, हैरान इंसान"
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* "खुश खेत, हैरान इंसान" *
खामोश है यह मौशम आज ,
थोड़ा सा उमड़ रहा गरज रहा है।
और सूरज हाँस रहा है।
तो आ रही है धरती पर ,
लेकिन बारिश भी जमा रही उन पर ,
पहले...
1 day ago