गीत "आशाएँ विश्वास जगाती" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Saturday, August 1, 2015
आशा पर ही प्यार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशाएँ ही वृक्ष लगाती,
आशाएँ विश्वास जगाती,
आशा पर परिवार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशाएँ श्रमदान कराती,
पत्थर को भगवान बनाती,
आशा पर उपकार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशा यमुना, आशा गंगा,
आशाओं से चोला चंगा,
आशा पर उद्धार टिका है।
आशा पर ही प्यार टिका है।।
आशाओं में बल ही बल है,
इनसे जीवन में हलचल है.
खान-पान आहार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशाएँ हैं, तो सपने है,
सपनों में बसते अपने हैं,
आशा पर व्यवहार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशाओं के "रूप" बहुत हैं,
शीतल छाया धूप बहुत है,
प्रीत-रीत-मनुहार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
आशाएँ जब उठ जायेंगी,
दुनियादारी लुट जायेंगी,
उड़नखटोला द्वार टिका है।
आशा पर संसार टिका है।।
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