"मंगलमय नववर्ष" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Monday, December 31, 2012
इतिहास बन गया, गया साल।
आया जीवन में, नया साल।।
फिर स्वप्न सलोने टूटेंगे,
कुछ मीत पुराने कुछ रूठेंगे,
लेकिन जीवन के उपवन में,
आशा के अंकुर फूटेंगे,
खुशियों का होगा फिर धमाल।
आया जीवन में, नया साल।।
अब समय सुहाना आयेगा,
सुख का सूरज मुस्कायेगा,
जब अमराई बौराएगी,
कोकिल स्वर भरकर गायेगा,
अपना उत्तर देगा सवाल।
आया जीवन में, नया साल।।
भँवरे फिर से मँडरायेंगे,
गुन-गुन गुंजार सुनायेंगे,
खिल जाएँगे फिर सरस-सुमन,
हँस-हँस मकरन्द लुटाएँगे,
दूषित नहीं होगा कोई ताल।
आया जीवन में, नया साल।।
|
6 comments:
प्रतीक्षा है सूर्योदय की... नव वर्ष की शुभकामनाओं के साथ....
नए साल की हार्दिक शुभकामनाएं
आपकी यह पोस्ट 3-1-2013 को चर्चा मंच पर चर्चा का विषय है
कृपया पधारें
नववर्ष की शुभ कामनाएँ
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति..नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
सुंदर रचना !
आशा पर ही ये दुनिया क़ायम है...!
"नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ शास्त्री सर !"
~सादर!!!
चर्चा के सभी लिंक अपने वक्त से बा -वास्ता हैं जीवंत हैं मौजू हैं .बधाई .
बहुत बढ़िया है गागर में सागर जैसे .
फिर स्वप्न सलोने टूटेंगे,
कुछ मीत पुराने कुछ रूठेंगे,
लेकिन जीवन के उपवन में,
आशा के अंकुर फूटेंगे,
खुशियों का होगा फिर धमाल।
आया जीवन में, नया साल।।
एक अलग अंदाज़ लिए एक अनोखा प्यार लिए ,जोश और उल्लास लिए है यह नव वर्ष अभिनंदनी पोस्ट
Post a Comment