‘‘तितली रानी’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Sunday, March 10, 2013
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhP9e0DFgOp7Naw2jJtxHGllzHBB2d0c7Ibc1xDao1GNbEvsorgphXsHwtMXD3R9hAZwTnsPQ3l_UXcl_FGNI0FndVkxNUq2ktPgkEjs0g5gnYnqWf5udi8Saq0Mc_EXU1oOMKTo2AfsxFw/s200/181532788_b36b70d052.jpg)
मन को बहुत लुभाने वाली,
तितली रानी कितनी सुन्दर।
भरा हुआ इसके पंखों में,
रंगों का है एक समन्दर।।
उपवन में मंडराती रहती,
फूलों का रस पी जाती है।
अपना मोहक रूप दिखाने,
यह मेरे घर भी आती है।।
भोली-भाली और सलोनी,
यह जब लगती है सुस्ताने।
इसे देख कर एक छिपकली,
आ जाती है इसको खाने।।
आहट पाते ही यह उड़ कर,
बैठ गयी है चौखट के ऊपर।
मेरा मन भी ललचाया है,
मैं भी देखूँ इसको छूकर।।
इसके रंग-बिरंगे कपड़े,
होली की हैं याद दिलाते।
सजी धजी दुल्हन को पाकर,
बच्चे फूले नही समाते।।
14 comments:
वाह गुरु जी हर विधा है आपके पास
आदरणीय गुरुदेव श्री सादर प्रणाम बेहद सुन्दर मन मोहक रचना बेहद लुभा रही है हार्दिक बधाई स्वीकारें.
मनभावन तितलियाँ छंद-
वासंतिक बयार बहे मंद मंद-
आभार गुरुवर
बाल-जगत का मन मोहने वाली सुन्दर कविता !
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।
बहुत सुंदर और मनभावन् कविता ...
.बहुत सुन्दर प्रस्तुति आभार मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध के लिए आधुनिक महिलाएं कितनी जिम्मेदार? रत्ती भर भी नहीं . .महिलाओं के लिए एक नयी सौगात WOMAN ABOUT MAN
गुरूजी! आपका आभार व्यक्त किया जाना चाहिए इतनी सुन्दर रचनायें प्रस्तुत करने के लिए!
बहुत ही प्यारी रचना ......
बहुत सुंदर और मन मोहने वाली प्यारी तितलियाँ
रंग-बिरंगी तितली के साथ होली की याद आ गई.....अब तितली की तरह रंग बिरंगे होते थे या नहीं ये तो पता नहीं..हां आधे तीतर-आधे बटेर जरुर लगते थे हम।
बहुत ही प्यारी और मासूम सी
बाल कविता बहुत सुंदर रचना महोदय,
साभार....
प्यारी प्यारी सुन्दर तितली |
रंग विरंगी सुन्दर उजली ||
फूल फूलपर मंडराती है-
पराग खा कर उड़ जाती है ||
बहुत सुन्दर रचना !!
सुन्दर प्रस्तुति
Post a Comment