"व्यञ्जनावली-टवर्ग" (डॉ0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
Wednesday, July 13, 2016
"हिन्दी व्यञ्जनावली-टवर्ग"
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"ट"
"ट" से टहनी और टमाटर!
अंग्रेजी भाषा है टर-टर!
हिन्दी वैज्ञानिक भाषा है,
सम्बोधन में होता आदर!!
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"ठ"
"ठ" से ठेंगा और ठठेरा!
दुनिया में ठलुओं का डेरा!
ठग लोगों को बहकाता है,
तोड़ डालना इसका घेरा!!
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"ड"
"ड" से बनता डम्बल-डण्डा!
डलिया में मत रखना अण्डा!
रूखी-सूखी को खाकर के,
पानी पीना ठण्डा-ठण्डा!!
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"ढ"
"ढ" से ढक्कन ढककर रखना!
ढके हुए ही फल को चखना!
मनमाने मत ढोल बजाना,
सच्चाई को सदा परखना!!
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"ण"
"ड" को बोलो नाक बन्दकर!
मुख से "ण" का निकलेगा स्वर!
झण्डे-डण्डे में आधा “ण”,
सदा लगाना होता हितकर!!
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2 comments:
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 14-07-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2403 में दिया जाएगा
धन्यवाद
मनोरंजक तरीके से समझाया है आपने
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