"आज 39 साल पूरे हो गये" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Wednesday, December 5, 2012
कभी नरम-कभी गरम,
कभी झगड़ा-कभी प्यार!
कभी इक़रार-कभी इन्कार,
कभी नखरे-कभी मनुहार!!
मूल से से मोह-ब्याज से प्यार,
यही तो है, जीवन का सार!!
चलता रहा अनवरत,
कभी न मानी हार!!
वक्त कितनी जल्दी गया गुज़र,
और कट गया जीवनसफर...!!!
ये हैं मुख्य गुरूद्वारा के दृश्य
यहाँ दूधवाला कुआँ के अमृत जल से
आचमन भी किया।
कभी झगड़ा-कभी प्यार!
कभी इक़रार-कभी इन्कार,
कभी नखरे-कभी मनुहार!!
मूल से से मोह-ब्याज से प्यार,
यही तो है, जीवन का सार!!
चलता रहा अनवरत,
कभी न मानी हार!!
वक्त कितनी जल्दी गया गुज़र,
और कट गया जीवनसफर...!!!
आज हमारे विवाह को 39 वर्ष व्यतीत हो गये हैं।
जीवन की इस अल्पावधि में काफी उतार चढ़ाव देखे।
पिछने दो दिनों से
अतिथि-सम्बन्धी घर में आने लगे हैं।
उनके साथ परसों नानकमत्ता साहिब गया था।
मैं तो बस फोटो ही खींचता रहा
(चित्र में- मेरे ज्येष्ठ साले इंजी. राजकुमार कश्यप,
सलहज साहिबा और मेरी श्रीमती जी)
![]() |
यहाँ दूधवाला कुआँ के अमृत जल से
आचमन भी किया।
कल हम लोग
भारत नेपाल की सीमा पर बने नगर
टनकपुर भी गये

यहाँ पर पवित्र शारदा की धारा
प्रवाहित हो रही है।





