कविता : " चेतक "
-
*कविता : " चेतक "*
देखकर चेतक का रंग ,
दुश्मनों को भी कर दिया दंग।
राणा के हर एक इसरो को भाप जाता था,
हर वार से बचकर लोगो को मार गिराता था।
हवा से भी तेज ...
2 days ago
© Blogger templates Newspaper II by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP