order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग"पर लगाया था!
कविता : "घडी अंत की ओर"
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*"घडी अंत की ओर" *
*अब घडी अंत की ओर है | *
*हर जगह बच्चो का ही शोर है ,*
*लाखो है अनपढ़ ग्वार | *
*कुछ लोग पढ़ के भी है मक्कार ,*
*सड़को पर इनका ही डेरा ...
नव वर्ष-2023 का हार्दिक अभिनन्दन
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एक-खूबसूरती...! एक-ताजगी..! एक-सपना..! एक-सचाई..! एक-कल्पना..! एक-अहसास..!
एक-आस्था..! एक-विश्वास..!
यही है एक अच्छे साल की शुरुआत।
नव वर्ष-2023 का ह...
गुड़िया का टेंट
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*बाल कविता*
*गुड़िया का टेंट*
*गुड़िया ने एक टेंट मंगाया*
*बड़े जतन से उसे लगाया **l*
*बिछा के उसमें अपना बिस्तर*
*पढ़ने लगी कथा एक सुंदर **l*...
मुहावरे ढूँढो :
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मुहावरे ढूँढो :
चेहरे की हवाइयाँ उड़ गईं, देख लिया जब शेर ,
भीगी बिल्ली बना बहादुर , भागा लाई न देर |
पास हुआ तो फूला नहीं , समाया पप्पू राम |
घर बसाकर समझ ...
हमारा घर बारह साल का हो गया
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आज हमारे घर की बारहवीं सालगिरह है देखते देखते इतना वक़्त बीत गया । एक
इमारत बनने से लेकर यहां इस घर में रमने जमने में । ऐसा लगता है जैसे यह कल ...
आप अपने बच्चों के हीरो हैं
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दिन 27 जुलाई 2019
समय प्रातः आठ बजे
स्थान : अर्वाचीन भारती भवन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दिल्ली
अवसर : विद्यालय में अभिभवक शिक्षक विद्यार्थी मिलन
आज का ...
Invasion
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Wrote this on 1 Dec as part of the school homework. First two para is for
the attached countries and last two paras for invaders.
Text
A battle cry,
A fe...
The girl Child
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*The Girl Child* : A Tender bud
Little girls of the ages of 6 and below are a joy to see. They prance
around, in their cute frocks and ponies all the while...
हर बुराई में एक अच्छाई ( कहानी )
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प्रिय दोस्तो ,
मैं फ़िर से उपस्थित हूँ अपनी एक छोटी सी नई कहानी के साथ , जिसका शीर्षक है ...*.
हर बुराई में एक अच्छाई *
एक बार एक किसान था , जिसका ना...
सपने
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सपनों की दुनिया है कितनी निराली,
हर रोज छुट्टी है, हर दिन दिवाली|
पलकों में बंद किये सपने सुहाने,
सोई हूँ पापा के लग कर सिरहाने|
तारों को अपने मैं तकिये...
Happy Teacher's Day - “गुरु का हाथ”
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*पिसते… घिसते… तराशे जाते…*
*गिरते… छिलते… लताडे जाते…*
*मांगते… चाहते… ठुकराए जाते…*
*गुजर जाते हैं चौबीस या इससे ज्यादा साल…*
*लगे बचपन से… बहुत लोग फरिश्...
गर्मी मीठे फल है लाती
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लाल लाल तरबूजे लाती,
गर्मी मीठे फल है लाती.
आम फलों का राजा होता,
बच्चों को मनभावन लगता.
मीठे पके आम सब खाते,
मेंगो शेक भी अच्छा लगता.
खरबूजा गर्मी में आत...
सपत्नीक सम्मानित.....
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विप्र फाउण्डेशन, हनुमानगढ़ की ओर से साहित्य की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए
समस्त ब्राह्मण समाज के भव्य समारोह में सपत्नीक सम्मानित करते हुए.....
इन दिनों की जादू की ड्रॉइंग्स
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जादू को ड्रॉइंग का शौक़ काफी समय से है।
आजकल चूंकि घर के नीचे वाली सड़क को कोलतार वाली सड़क से कॉन्क्रीट वाली सड़क
में बदला जा रहा है। इसलिए जादू आते-जा...
निश्छल मन...., भोली बातें !!
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आज हमारी नन्ही बेटी ने हमें ऑफिस फ़ोन किया . पंखुरी बेटी से बात करना एक इतना
प्यारा अनुभव है जिसे सिर्फ़ महसूस ही किया जा सकता है. तो लीजिए आप भी हमारे
इस...
नाकारा साबित हुईं राजनीति कि चाल
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नाकारा साबित हुईं राजनीति कि चाल,
आम आदमी पार्टी ने वो किया कमाल।
वोटर नेता से कहे - 'अब तो जाओ चेत,
लूट-दलाली छोड़ दो समझो कुछ संकेत'।
मोदी कि बाँछें खिल...
ओ मेरे पापा , ओ मेरी मम्मा
-
ओ मेरे पापा , ओ मेरी मम्मा
एक बात सुनाऊं मैं
मैं ही सत्य हूँ
मैं ही सुन्दर
शिव तुम्हारा भी हूँ मैं
तेरा सपना
और हकीकत
तेरा आकाश हूँ मैं ...
तेरा बच...
मेरे नाम अनेक -डा. नागेश पांडेय 'संजय'
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*शिशुगीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'*
मेरे नाम अनेक , दोस्तों ,
मैं छोटा सा भोलू .
कोई मुझसे सोनू कहता ,
कोई कहता गोलू .
दादा जी कहते हैं टिंकू ,
दादी क...
देखो, मैं कितना गोरा हूँ : पहेली का हल
-
८ जून २०११ को सरस पायस पर यह चित्र प्रकाशित करके
यह पूछा गया था कि यह किसका फ़ोटो है!
इसके साथ पहेली के रूप में
मेरी एक कविता भी प्रकाशित की गई थी,
जिसम...
फिर जहाँ थे वहीं चले ....!!
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इस बार जन्मदिन की धूम बहुत दिन चली . ममा पापा और सभी चाहने वालों ने मिलकर
बर्थडे वीक सेलिब्रेट किया . ४थे जन्मदिन पर ४-४ केक काटे गए . डीज़नी लेंड
में मिकी...
मैं प्रधानमंत्री बनी तो देश का लुक बदल दूंगी
-
महज 13 साल की लड़की सड़क पर किसी आदमी को पोलीथीन फेंकते देखकर कहती है कि अगर
मैं कभी देश की प्रधानमंत्री बनी तो देश का पूरा लूक ही बदल दूंगी।
यह लड़की और कोई न...
ज्ञ से ज्ञानी........
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ज्ञ कहता है प्यारे बच्चों,
अब आई है मेरी बारी,
शांत होकर बैठो सभी,
सुनो मेरी कहानी प्यारी।
ज् व ञ के मिलने से,
मैं अस्तित्व में आया,
वर्णमाला का अ...
अनुभव
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*अनुभव भैय्या जी आप तो बड़े उत्साहित लग रहो हो शायद कुछ कहाँ चाहते हैं अपने
school और शिक्षकों के बारे में साथ में यह भी की यदि आप शिक्षक होते तो क्या
करत...
"बिगड़ गई बोली-भाषा" (चर्चा-अंक 4638)
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*मित्रों!*
*जनवरी 2023 के अन्तिम रविवार *
*की चर्चा में आपका स्वागत है।*
*--*
*सारे जग से अलग है, तीन रंग की शान।*
*देशभक्ति सबसे प्रथम, इतना लेना जा...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
-
*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
2019 का वार्षिक अवलोकन (अट्ठाईसवां)
-
खत्म होनेवाला है हमारा इस साल का सफ़र। 2020 अपनी गुनगुनी,कुनकुनी आहटों के
साथ खड़ा है दो दिन के अंतराल पर।
चलिए इस वर्ष को विदा देते हुए कुछ बातें कहती ...
स्वागतम्
-
मित्रों,
सभी को अभिवादन !!
बहुत दिनों के बाद कोई पोस्ट लिख रहा हूँ |
इतने दिनों ब्लॉगिंग से बिलकुल दूर ही रहा | बहुत से मित्रों ने इस बीच कई
ब्लॉग के लिं...
सारा खेल कराता पैसा
-
नाते रिश्ते इसके पीछे
सबके आगे रहता पैसा
खूब हंसाता खूब रूलाता
सबको नाच नचाता पैसा
अपने इससे दूर हो जाते
दूजे इसके पास आ जाते
दूर पास का खेल ये ...
ज़िन्दगी का झाँसा
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खामोश सी खामोशी हो गई
कुछ सपने जबसे छोड़कर चले गए
आँखों की स्याही भी अब सूखने लगी है
लाल स्याही आंखों से छूटने लगी है
चेहरे की लकीरें गहरी हो गई है
माथे की ल...
2 Cara Screenshot Hp Xiaomi dengan Mudah
-
*Cara Screenshot Hp Xiaomi dengan Mudah. Me*ngambil gambar layar Android
disebut screenshot. Melakukan screen capture di Layar Xiaomi android
bukanlah hal ...
Online Diaries - 01
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यही सुकून है मेरे लिए, यही तलाश और तलाश की मंजिल भी।
लिखने के लिए सबसे पहली शर्त है आलोचना से बचने की कोशिश से मुक्त होना।
ये मुक्ति ही लिखने की दुनिया का ...
बैंकों में राजभाषा की असली तस्वीर
-
हमारी कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारी हिंदी के
प्रति सोच और व्यवहार है. सार्वजनिक मंच पर हिंदी को प्रशासन और जनसाधारण की
एक मात्र...
कुछ कहना हैं...: जिंदगी के पल
-
कुछ कहना हैं...: जिंदगी के पल: हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे पल आते है ' जिसे हम
कभी भुला नहीं सकते और किसी के सामने बयां भी नहीं कर सकते. ऐसे पालो को याद
करने ...
-
सुना था रिश्तों की शुरुआत में, होती है जुस्तज़ू
मगर सिर्फ़ इतने छोटे सफ़र के लिए, ये सोचा ना था
सुना था तब हर पल होती है, हमसफ़र की आरज़ू
मगर सिर्फ़ इतने छो...
YAAD !!!
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har pal har lamha,
Kayal Tera mujhey rehta h,
Pyar mera tujhko yuhi,
Har pal yaad karta h....
kyu tu dur rehti h mujhse,
kyu mai tere paas nhi,
yaado ko paa...
मुझे अपना जन्म-समय ज्ञात नहीं!
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आप में से कई लोग ऐसे होंगे, जिन्हें ज्योतिष-विद्या पर पूर्ण विश्वास है और
वो इसका लाभ भी उठाना चाहते हैं; पर एक ही चीज जो हर बार उन्हें मायूस कर देती
है, व...
internet trickss...
-
hello every one ....still awaiting for my new blog...........friends
its now starting for new takniki sahta.................
enjoying
जय माँ \दी
झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद"
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झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित
मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का.
सन पैंतीस नवंबर उ...
बॉर्डर और बिहार
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बिहार के सीमांत जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में पोरस बॉर्डर से
होकर जो समस्याएं प्रवेश कर रही हैं, उनके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। सतत
घुसपैठ...
क्रिसमस की हार्दिक बधाइयाँ
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*मेरा Exam आज से शुरू हो रहा है इसलिए ये पोस्ट मैं वक़्त से पहले दे रहा
हूँ....*
*क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला...
रिमाइंडर बाबा का कमाल
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यदि आप भुलक्कड है नाराज ना हो श्रीमान अधिका कार्य के कारण यह आजकल होना
लाजमी है इसी के सम्बंध मे मैने कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर मे एक काम की
जानकारी पढ...
खुशी का अणु
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*किसी ने कहा जानते हो *
*सबसे छोटा अणु होता हैखुशी का अणु*
*उसी बात को याद करते हुऎ मैंने आगे कुछ इस तरह लिखामैं भी तो तरसती हूँ उसी
एक छोटे से ...
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*****माँ *****
ओ माँ तुझे सलाम ................
अपने बच्चे तुझको प्यारे
रावण हो या राम .........
क्या आप भी इस बात से सहमत है ???????
और है तो कितना % सहमत...
मेरा पैगाम
-
नमस्कार दोस्तों!......कहते है, ''जान है तो जहान है!''......शायद
सच ही है!...जिन्दगी के कुछ सपने है, कुछ लक्ष्य है, जिन्हें हासिल करने के
लिए निरं...
Back in Black
-
It has been an awfully long time since I wrote. As a matter of fact, it's
been quite a long time since I did something meaningful on the internet.
What in ...
बुद्धिमानों की सलाह
-
एक बहुत बडा विशाल पेड था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत स्याना
हंस था,बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे।
एक दिन ...
विश्वास
-
किसी का विश्वास न तोड़ा करो
तुम पर पूरा विश्वास किया सबने
केवल तुम पर उसकी आशा टिकी है
मन को न निराश करो उसके |
कभी कारण भी पूंछ लिया करो
उदासी...
1105-आई ऋतु नवल
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*डॉ. कविता भट्ट 'शैलपुत्री*
*कली बुराँस*
*अब नहीं उदास*
*आया वसंत*
*ठिठुरन का अंत*
*मन मगन*
*हिय है मधुवन*
*सुने रतियाँ*
*पिय की ही बतियाँ*
...
757. मम्मी (मम्मी की दूसरी पुण्यतिथि पर)
-
मम्मी
***
जीवन का दस्तूर
सबको निभाना होता है
मरने तक जीना होता है।
तुम जीवन जीती रही
संघर्षों से विचलित होती रही
बच्चों के भविष्य के सपने ...
Kedarnath Dham Ke Liye Bus Booking करे फ़ोन करके
-
*Kedarnath Dham Ke Liye Bus Booking* करे फ़ोन करके. अगर आप kedarnath dham ki
yatra करना चाहते हो तो मेरा आज का ये आर्टिकल आप सभी लोगो के लिए है. अपने आज
क...
" बंजर होती संस्कृति "
-
🙏🏼 नमस्कार सुधि मित्रों!
क्षमा प्रार्थी हूँ आप सभी सुधि मित्रों स्नेहियों का ,मेरी पुस्तक " बंजर
होती संस्कृति " (कहानी संग्रह )सरलता से उपलव्ध ...
खोजते हैं!
-
कितनी अजीब हैं ये दुनिया वाले,
परिंदों को बेघर कर अपना आशियाना खोजते हैं।
बसा कर मंजिलों का जाल,
अब सैर के लिए जमीन खोजते हैं।
उजाड़ कर बाग गाँवों के...
वो फ़ोन कॉल
-
हमारे समय में कम्प्यूटर नहीं था, नेट नहीं था, मोबाइल नहीं थी। किसी को जरूरी
समाचार देना होता तो शहर में हरकारा दौड़ाया जाता, बात दूर, दूसरे राज्य की हो
तो...
बेटियाँ वरदान हैं
-
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस
संसार के सुन्दर सृजन में, बेटियाँ वरदान हैं।
माता पिता की लाडली अब बन रही अभिमान हैं।।
बेटी पढ़े आगे बढ़े यह कह रही स...
सर्दियों के दिन ---
-
सर्दियों के दिन, हैं बहुत कठिन,
कास्तकार लोगों के जीने के लिए।
धोबी का लड़का रोज पूछता है,
कपड़े हैं क्या प्रैस करने के लिए।
कपड़े भी ऐसे हैं कि फटते...
मौनी अमावस्या
-
देर अचानक रात्रि दौड़ के
बदरा घिर घिर आए
शांत स्निग्ध गंगा पावन जल
अमृत घट बूंदे बरसाए।
गंगा की लहरें उठ धायीं
नमन करे उठ जागे लोग
हलचल मेला में थी भा...
एक ग़ज़ल -धूप निकल जाए तो अच्छा
-
चित्र साभार गूगल
एक ग़ज़ल -
एक ग़ज़ल-धूप निकल जाए तो अच्छा
संक्रान्ति है मौसम ये बदल जाए तो अच्छा
भींगी हैं छतें धूप निकल जाए तो अच्छा
लो अपनी ही शाखो...
सारा खेल कराता पैसा
-
नाते रिश्ते इसके पीछे
सबके आगे रहता पैसा
खूब हंसाता खूब रूलाता
सबको नाच नचाता पैसा
अपने इससे दूर हो जाते
दूजे इसके पास आ जाते
दूर पास का खेल ये ...
हैं नहीं पहले सी अब तो रौनकें बाजार में
-
ग़ज़ल
सब तरफ है छाई मंदी आजकल व्यापार में
हैं नहीं पहले सी अब तो रौनकें बाजार में
कुछ जरा बदलाव आए , दाम शेयर के गिरें
ढूँढने लग जा...
अनचाहा
-
हर दिन की तरह उस दिन भी सूरज निकला, हर दिन की तरह मै भी तैयार हो कर काम के
लिये निकल गई, हर दिन की तरह उस दिन भी मां ने कहा बेटा, अपना खयाल रखना, संभल ...
कल्पवृक्ष पे झूला झूलूं
-
नैन मूंद मत करे अकेला
मेरे जीवन का तू मेला
मुझको भी लेे चल तू मुन्ना
रंग बिरंगे सपनों में....
अंक भरूं मै चंदा मामा
सूरज चाचू को जल दे दूं
तारों संग कुछ कं...
खेल
-
*मेला मशहूर था.*
*कई दुकाने लगी होती थी. कुछ दुकानों पर प्लास्टिक के टुकड़ों से बना एक चौखटा
जैसा बिकता था. ये टुकड़े चौखटे के भीतर ही सरकते थे. इन पर एक न...
शब्द शब्द कहती है !!
-
पेड़ों की झुरमुठ में
चहकते हुए पंछी
और
अनायास झरती
बूंदों की लड़ी ,
वो घड़ी ,
साँसों की सरगम में ,
भावों की चहकन में
गुंथी हुई .....
शब्दकार के शब्दों में
जब ...
देर न लगेगी
-
हमने रखे हैं नक्शे पा आसमां के ज़मीं पर
अब ज़मीं को आसमां बनने में देर न लगेगी
टांग आयी हूँ सारे ग़म दरो दीवार के खूंटी पर
अब वफ़ाओं के मुस्कुराने में देर न...
-
I just listed: BHAGWANI SHANTA [perfect] DINESH CHANDRA GUPTA (RAVIKAR)
[Jan 01, 2022], for ₹250.00 via @amazon
https://www.amazon.in/gp/product/B0BF4PKNT6...
MENTAL GARBEJ
-
One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
बांके बिहारी
-
हर वर्ष जन्म दिवस पर हमारे मन मे परिवर्तन होते है क्या ? बिल्कुल । किन्तु
सकारात्मकता होनी चाहिए । जो एक नही बहुतो को मान्य ही । यही है सत्य और दिल
की स...
मैथिली में ..
-
मैथिली में ..
इ दिल्ली छैक
एतय ठामे-ठामे
इतिहासक पृष्ठ
खुजल भेटत..
चाँदनी चौक,जामा मस्जिद
लाल किला
जंतर-मंतर, राज घाट
मजनूँ के टिला..
अमीर खु...
अब कोई लिखता नही इस मंच पर
-
पूरे 10 वर्षों बाद आज इस मंच पर आया।
थोड़ी पीड़ा हुई ।
कोई लिखता नहीं अब इस मंच पर।
मैं अन्य को क्यों बोलूं मैं भी तो बहुत दिनों के बाद लौटा हूं।
अ...
वक़्त की मुस्कान ...
-
वक़्त तो बड़ा ही व्यस्त है
ज़िन्दगी भी अब
इसकी अभ्यस्त है
नित-नई चुनौतियों की
ओढ़कर दुशाला
चलते-चलते
सोचता कोई है ..
जो मन की देहरी को
पार करने से पहले
दस्तक़...
मशहूर कथाएं : काव्यानुवाद
-
*दो बैलों की कथा :मुंशी प्रेमचंद)*
(1)
बछिया के ताऊ कहो, कहो गधा या बैल।
हीरा मोती मे मगर, नहीं जरा भी मैल।
नही जरा भी मैल, दोस्ती बैहद पक्की।
मालिक झूरी म...
छंद के छलछंद : एक कार्यशाला
-
*भाग 1*
*पाठ 1*
*मात्रा गणना: (जितना मैं समझा)*
बिना स्वरों के कोई व्यंजन, कभी नहीं होता उच्चारित।
मात्राओं की गणना करना, आरोपित स्वर पर आधारित।
सूक्ष्म दृष...
शांता-परिशिष्ट : प्रमुख शांता-श्रृंगी मंदिर
-
(1)
*उत्तर प्रदेश *
सरसी-छंद
यू पी के बस्ती जनपद में, परसरामपुर खण्ड
श्रृंगी नारी मंदिर में नित जुटती भीड़ प्रचण्ड.
पर अषाढ़ का अंतिम मंगल, रविकर बेहद खास...
अकेले पड़ रहे कितने बंटी
-
हाल ही में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया |
उन्हें याद करते हुए उनके प्रशंसकों ने उनकी चर्चित कृति 'आपका बंटी' का सबसे
ज्...
“पर-कटी पाखी” एक विश्लेषण
-
मित्रो,
International Journal of Social Science & Management Studies (IJSSMS) ISSN:
Nov 2017 (पेज न, 52-55) जबलपुर (म.प्र.) से प्रकाशित एक लेख *"नैतिक मूल...
वर्ण सितारे...दस साल का सफर
-
आज ब्लॉगिंग डे है| ब्लॉग पर आये दस वर्ष बीत चुके हैं| आप सभी मित्रों के
उत्साहवर्धन से लिखती रही| यहाँ पर कई विधाओं से परिचित हुई| सर्वप्रथम हाइकु
से ले...
Top Fresh Hoods Coupon & Promo Codes
-
Wearing what you want is important since it does not only give you
convenience, it also lets you move freely. Selecting the best clothing
pieces takes time...
मौत के बाद भी
-
मौत के बाद भी मुझको बुलाया, आँऊगा।
जो दिल में छुपा कर राज जहां से जाऊँगा....
उस हरिक राज से तब.... परदा हटाऊँगा।
सोचोगे क्यूँ जीवन-भर छुपाया था ये मैनें,
मु...
छायादार पेड़ की सजा
-
www.sahityakar.com
मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों
की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं...
यादों का महल : डॉ. स्वाति जैन
-
यादों के महल में हम हर रोज़ जाते है
दीवारों पर टँगी तस्वीरों से मन बहलाते हैं...
सच-झूठ के फर्क को भूल जाते हैं ...
यादों के महल में हम हर रोज़ जात...
मुहब्बत के ज़ख़्मों का, पूछो न हिसाब मुझसे
-
*मुहब्बत के ज़ख़्मों का, पूछो न हिसाब मुझसे*
*रुक न पाएगा, फिर यादों का सैलाब मुझसे ।*
*पहले छीना था हमसे, प्यार जिस ज़ालिम ने*
*वो सितमगर, अब छीन रहा ह...
कुछ दूर ही चले थे
-
कुछ दूर ही चले थे, मंजिल का पता लेके।
अच्छा हुआ कि उसने रास्ते पे ला दिया।
क्या होता अगर चलता कुछ और दूर आगे।
ये वक़्त था और वक़्त ने रस्ता बता दिया।
कुछ और ही...
गुरुत्वाकर्षण
-
कल रात यूँ हुआ, हाथ जा चाँद से टकरा गया,
तुम्हे छूने की चाह में, हाथ झुलस के रह गया।
दूर जाते - जाते ये तुम कितनी दूर निकल गए !
*
*
*
*
मैं पृथ्...
ऐतिहासिक शख्सियत...
-
पागी
फोटो में दिखाई देने वाला जो वृद्ध गड़रिया है वास्तव में ये एक
विलक्षण प्रतिभा का जानकार रहा है जिसे उपनाम मिला था पागी । वैसे इनका
वास्तविक...
दशमूलक्वाथ : समस्याएँ अनेक उपाय सिर्फ एक.
-
ग्रामीण क्षेत्रों में प्रथम औषधि के रुप में प्रचलित दस विभिन्न
जडी-बूटियों के मेल से निर्मित दशमूलक्वाथ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता का
विकास करने क...
तब तब शहीद फिर मरता है
-
अरमान तो होंगे उसके भी
कि बेटा मरने पर कंधा दे
मुखाग्नि दे, श्राद्ध करे, श्रद्धा से उसको तर्पण दे
पर देखो वो माँ बेटे को ही कंधा दे आई
जुग जुग जियो ...
A better Blogger experience on the web
-
Since 1999, millions of people have expressed themselves on Blogger. From
detailed posts about almost every apple variety you could ever imagine to a
blog...
free live demo based on lal kitab
-
लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो
क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे
तक होगा|...
खटीमा का इकलौता कुम्हार
-
खटीमा से टनकपुर को जाते समय वन चुंगी से 50 मीटर आगे रॉड के बायीं ओर पिछले
20-25 सालों से #दीपावली के समय मां के साथ दीऐं खरीदने जाता था ।
आज मन हुआ कि खटीम...
गिरगिट के रंगो से भरा नीरस चुनाव
-
इस बार के चुनाव बड़े नीरस से लग रहे हैं, जैसे २०१४ में चाय पर चर्चा हो या
फिर, मोदी जी का virtually पूरे देश में बड़ी बड़ी स्क्र्रीन के जरिये देश को
सम...
सब कुछ अच्छे के लिए नहीं होता!
-
ढाई साल के बाद आज इधर आया हूँ। पिछले कई सालों से यहाँ पहले की तरह आना नहीं
हो पाता था। ज़िन्दगी में कई सारे बदलाव आये। समय की कमी और काम के प्रति
व्यस्तता ...
मौसम...
-
एक समन्दर लिखना
कुछ किनारे लिखना।।
मै अपने लिख दूँगी
तुम, तुम्हारे लिखना।।
लिखना कैसी है वो बूंदें
जो बारिश में बरसती है
और कैसा है वो पानी
जिनको आंखें तरस...
बदलाव
-
इस वक़्त ने बहुत बदल दिया है मुझे
या कहूँ इस समाज ने
क्या अंतर है।
मेरे इस संघर्ष को इस बदलाव को
तुम कैसे परिभाषित करोगे?
तुम मुझे कल भी अबला समझते थे
तुम म...
इतिहास व महापुरुष हथियाने की कोशिश
-
भारत में सदियों से जाति व्यवस्था रही है। सभी जातियां अन्य दूसरी जातियों का
सम्मान करते हुए, एक साझी संस्कृति में प्रेमपूर्वक रहती आई है। देश के
महापुरुष भल...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
-
*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भा...
संसार को सही दृष्टि से देखना चाहिए।
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*कुछ *व्यक्तियोँ को अपने अतिरिक्त अन्य सभी से कुछ न कुछ
शिकायत रहा करती है, उन्हेँ इस दुनियाँ मेँ ढंग का कोई आदमी ही नजर नहीँ आता,
म...
हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगे
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*हम चाँद को सिक्का बना दुनिया खरीद लेंगेहाँ ! चाँद को सिक्का बना दुनिया
खरीद लेंगे*
जो रात होगी तो जमी से चाँदी बटोर लेंगे
चाँदी की फिर पायल बना लम्हों ...
दियों की दिवाली - २०१६ Diyon ki Diwali 2016
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जो दिये के
तल अँधेरा
रह गया था उस दिवाली
इस दिवाली
उस तमस् को भी नया दिनमान देना
कुछ अँधेरे झोपड़ों पर
याद रखना इक नजऱ
देखना अबकी चमकती
हर हवेली के परे
...
सेवा कृतज्ञता और क्षमा
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एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे। जिनका इस्तेमाल वह लोगों
को उनके द्वारा की गयी गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था।
एक बार कुछ ऐसा ...
Top 3 priorities of our nation in 21st century.
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Like every Indian I too am concerned about the progress and prestige of my
country and I wish that India relishes the image of a highly cultured,
clean...
तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत....
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तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत,
कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत।
झंकृत है ये तन,मन और जीवन,
हो रहा है ह्रदय नर्तन,
थिरक कर कर रही कोशिश,
झूमने की आज दर...
अब पछताय होत का ?
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रामू बड़े भोले थे जैसा की आम भोली जनता, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बाहर आ रहे
थे, बड़े थके थे, पसीना चल रहा था, उनके पास एक बड़ी सी पोटरी थी, उसका भी वजन
भार...
প্রেম মানে
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প্রেম মানে চুপচাপ টুপটাপ গল্প প্রেম হলো আদরের আষাঢে স্বপ্ন প্রেম মানে
বিশ্বাস প্রাণ ভরা নিশ্বাস ছোট কোনো গল্পের পুরনতার আশ্বাস প্রেম যদি দিক্ভ্রম
তবে কেন ...
लोको पायलट कहें या रेलवे ड्राईवर
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🚎🚌🚌🚌🚌🚌🚌🚌
रेलवे ड्राइवर की दिनचर्या
🚃🚌🚌🚌🚌🚌🚌🚌
1. दो घंटे पहले ड्राइवर के पास फोन किया जाता है कि आपको कौनसी गाड़ी कहा ले
जानी है
2. अगर ड्रा...
तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम
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यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन नदियों के पास मेरे देश...
निरामिष पर विशेष लेखों की कड़ियाँ
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*(1) *अक्रूर मनोवृति (करूणा और अहिंसा के लिए)
1. दिलों में दया भाव का संरक्षक शाकाहार।
2. विश्व शान्ति का उपाय शाकाहार।
3. हिंसा का अल्पीकरण ...
जिंदगी का पता न दे.........
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चित्र गूगल साभार
ऐ खुदा, मुझे फिर से ये सजा न दे
कज़ा है मुकद्दर मेरा जिंदगी का पता न दे।
अश्कों से भर गया है दरिया-ए-मोहब्बत मेरा
फिर से चाहुँ मैं किस...
विचार
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विचार ...?
निराली सी इनकी दुनियाँ
आते हैं |जाते है |
निरंतर मन के आकाश पर
घुमड़ते रहते है|
आवारा बादलों की तरह ,
ऊपर नीचे
व्र्त्ताकर ,त्रिकोण ,चतुर्भु...
जिंदगी एक कविता
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नहीं सूझती कविता अब कोई,
जिंदगी खुद एक कविता बनी है।
ढली है सुरमई शाम बनकर,
शंखनाद बन सुबह को गूंजी है।
विराम मिला है बुद्धि को,
जैसे युद्ध के बाद,
प्रेम य...
महिला दिवस
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महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत
हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं,
बेखौ...
बचपन : कड़ी भाग 2
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कहने को तिकड़ी थी।
एक थी बुलबुल, एक थी टीना, और एक मैं दोनों से छोटी, बोले तो सबसे छोटी
टिन्नी,,, ।
मुझे तब भी झुंडों की जरुरत नहीं थी, वो दोनों मुझसे बड़ी ...
प्रतिदान
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बेटा ! तुम पहली बार घर से कहीं बाहर जा रही हो, सम्हल कर रहना, दूर घूमने
नहीं जाना, शाम होने के बाद हॅास्टल से बाहर नहीं निकलना, किसी से ज्यादा
अनावश्यक घुल...
हवा
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स्वछंद माहौल गर हो
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती है...
अगर ऐसा नहीं वैसा हुआ तो?
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नही बरसी मगर छाई घटा तोज़मीं को दे गयी इक हौसला तो! न कुछ मैंने किया इस
कश्मकश में अगर ऐसा नहीं वैसा हुआ तो? किये हैं बंद सारे रास्ते, पर
जबर्दस्ती वो दिल ...
हिन्दी साहित्य पहेली 107 का सही उत्तर और विजेता
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*प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,घोषित है हिन्दी सहित्य पहेली 107 का सही उत्तर*
*नल दमयंती*
*और अब चर्चा इस पहेली 107 के परिणाम पर1- और आज की पहेली में ...
प्रकृति से दो टूक
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देवेश
हम बूँद बूँद को तरसे
तुम वहाँ इतना क्यूँ बरसे
हमको मारा बिन पानी
उनको मारा पानी पानी में
तुम कहते हो ये मेरा प्रतिशोध है
मैं कहता हूँ उन निर्दोषों ...
आपको भी होली की अग्रिम शुभकामनाएं...
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* लाल रंग आपके गालों के लिए;*
*काला रंग आपके बालों के लिए;*
*नीला रंग आपकी आँखों के लिए;*
*पीला रंग आपके हाथों के लिए;*
*गुलाबी रंग आपके सपनों के लिए;*
*सफ़...
हमारी भी सुनो!
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*हमारी भी सुनो!*
*..गृहिणियां!..कुछ कामकाजी है और कुछ नहीं भी है...घर परिवार से थोड़ी दूरी
बनाकर,अपना एक अलग ग्रुप बनाकर मिलने-जुलने का प्रबंध करती है!...यहा...
ज़रा सोचिये !
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बलात्कारियों के लिए कौनसी सजा उचित है या होनी चाहिए ये तो देश के बुद्धिजीवी
और प्रबुद्ध व्यक्ति तय कर ही लेंगे मगर मैं कुछ और भी सोचता हूँ, जो कुछ इस
तरह...
मोमबतिया फूकने दरिंदो की दरिंदगी नहीं रुकेगी
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23 वर्षीय दामिनी (परिवर्तित नाम )
द्वारका मोड़ जाने के लिए अपने एक मित्र के
साथ बस का इन्तेज़ार कर रही थी ,
तभी एक स्कूल बस उन्हें देखकर रूकती है और
बस का ड्...
कबीर के श्लोक - १२१
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*ढूंढ्त डोलहि अंध गति , अरु चीनत नाही संत॥कहि नामा किऊ पाईऐ , खिनु भगतहु
भगवंतु॥२४१॥*
कबीर जी कहते हैं कि नामदेव जी कहते हैं -जीव खोज खोज कर परेशान हो जात...
OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान
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उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश
*http://shabdvyuh.com/*
ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2गीतिका छंद
वीर छंद या आल्हा छंद
'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक पर...
घर…!!!
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*इस घर के हर कोने में बसी हैं यादें कितनी इसलिए यहाँ जानाऔर जाके भूल पाना
बेहद मुश्किल है ......माँ के जाने के बाद पिता ने मान ली है हार हर वक...
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*फेसबुक मैत्री सम्मेलन: किशोर श्रीवास्तव कृत जन चेतना कार्टून पोस्टर
प्रदर्शनी ‘‘खरी-खरी‘‘ के आयोजन *
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत...
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*1] फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन*
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं
अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेसब...
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*1] फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन*
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं
अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेस...
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15, श्री त्रिलोक सिंह ठकुरेला व उनकी लघुकथाएं:
पाठकों को बिना किसी भेदभाव के अच्छी लघुकथाओं व लघुकथाकारों से रूबरू कराने
के क्रम में हम इस बार *श्री ...
जयहिंद!
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समस्त सम्माननीय मित्रों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाईयों सहित एक
नज़्म सादर समर्पित...
झुक नहीं सकता कभी भी मान यह अभिमान है।
यह तिरंगा ही हम...
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
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इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और यंत्र
बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई बार तो
लगत...
इन दिनों बस्तर में
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इन दिनों बस्तर में.
इन दिनों
चिंतित है,लकडहारे
घटते जंगलो से.
परेशां है,शिकारी
शेरो की घटती संख्या से
दहशत में है,ठेकेदार
नक्सलियों की दहशत से.
राज...
ख़याल...
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एक कप कॉफी और ख़यालों का साथ जैसे हो चोली दमन का साथ
और इन्हीं ख़यालों की इस उधेड़बुन सी ज़िंदगी में
हजारों लाखों आते-जाते,पल-पल में बदलते ख्याल
इन ख़या...
काग्रेस सरकार जिन्दाबाद..
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एक आदमी ने मछली पकडी और घर लाया,
घर मेँ ना तेल था ना आटा,
ना गैस था ना लकडी,
ना मसाला ना मिर्च, उसने वापस मछली को नदी मे छोड दिया , नदी मे पहुचते ही
मछली चि...
आलस्य :मेरा दोस्त
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*आज सुबह मैंने पूछा आलस्य से," भाई, तुम क्यूँ मुझे इतना सताते हो?हर समय बिन
बुलाये मेहमान के जैसे आस-पासमंडराते हो!मुझे नहीं पसंद है यूँ तुम्हार...
"ग़ज़ल"
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"ग़ज़ल"
हवाओ से कह दो बहना छोड दे,
भोरो से कह दो मंडराना छोड दे,
कलियो से कह दो चटकना छोड दे,
बदलो से कह दो गरजना छोड दे,
बिजलियो से कह दो चमकना छोड दे,
ज...
जमाना
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इस ज़माने को मैं कैसे जमाना कह दूँ
जमाना तो वो था जिसमे हम जवान हुए
वो मीठे बोल में छुपी शरारतें और वो सुहावनी रातें
वो चाँद की ही गोद थी जिसमे हम जवान ...
दस
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*नेताजी ने आश्वासन दिया-*
*हम भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा देगें।*
*जनता बोली ठीक है नेताजी,*
*जनाजे की तैयारी करवाइये*
*हम भी आपकी अर्थी में कन्धा लगा देगें॥*
बचपन
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माँ की गोद, पापा के कंधे;
आज याद आते हैं, बचपन के वो लम्हे.
रोते हुए सो जाना, खुद से बातें करते हुए खो जाना.
वो माँ का आवाज लगाना,
और खाना अपने हाथों से...
Cool Santa.....
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Cool Santa!................. > > > > > >
Sardar Santa Singh Ji is the English teacher in a
> >school. He is very
> >well renowned for all his students do v...
Kedarnath Dham Ke Liye Bus Booking करे फ़ोन करके
-
*Kedarnath Dham Ke Liye Bus Booking* करे फ़ोन करके. अगर आप kedarnath dham ki
yatra करना चाहते हो तो मेरा आज का ये आर्टिकल आप सभी लोगो के लिए है. अपने आज
क...
चन्द माहिए
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चन्द माहिए
1
घिर घिर आए बदरा,
बादल बरसा भी,
भीगा न मेरा अँचरा।
2
कुछ सपने दिखला कर,
लूट लिए मुझको,
सपनों के सौदागर।
3
कुछ रंग लगा ऐसा,
ब...
राधा तिवारी "राधेगोपाल" , गीत , फिर इस बार
-
*फिर इस बार*
*गाँव घरों में दीन दुखी भी रह लें अब खुशहाली में।*
*मिट्टी वाले दिए जलेंगे फिर इस बार दिवाली में।*
*वतन रहे आबाद हमारा घर-घर दी...
क्या पढ़ना चाहेंगे आप?
-
प्रिय मित्रों, आपकी सुविधा के लिये मैं यहां मेन्यू कार्ड यानि Table of
Contents दे रहा हूं जिससे आपको एक निगाह में पता चल जाये कि यहां क्या – क्या
उपलब्ध ह...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
-
*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
हरी भरी धरती रहे
-
संकट सिर पर है खड़ा, रहिए ज़रा सतर्क।बचा हुआ है अब कहाँ, मिट्टी से
सम्पर्क।।हरियाली पानी हवा, पृथ्वी के उपहार।हर प्राणी के वास्ते, जीवन का
आधार।।कंकरीट से ह...
युगपरिवर्तनकार थे राहुल सांकृत्यायन और डॉ. अंबेडकर
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अप्रैल महीने में स्वतंत्रता, समता और बंधुता और सामाजिक न्याय पर आधारित
आधुनिक भारत का सपना देखने वाले दो बड़े विद्वानों-चिंतकों का जन्मदिन है।
राहुल सांकृत...
अनलिमिटेड वेब होस्टिंग की सच्चाई
-
आपने अक्सर देखा होगा कि कई वेब होस्टिंग कंपनियां अनलिमिटेड शेयर्ड होस्टिंग
बेचती हैं। क्या अनलिमिटेड का अर्थ वाकई में अनलिमिटेड ही होता है? इसकी
सच्चाई क्य...
free live demo class based on lal kitab
-
लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो
क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे
तक होगा|...
free live demo based on lal kitab
-
लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो
क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे
तक होगा|...
Learn Forex Trading
-
Practically all net advertisers have distinguished of forex mercantilism or
on-line cash exchanging on the grounds that it is generally referenced and
a lo...
इतिहास व महापुरुष हथियाने की कोशिश
-
भारत में सदियों से जाति व्यवस्था रही है। सभी जातियां अन्य दूसरी जातियों का
सम्मान करते हुए, एक साझी संस्कृति में प्रेमपूर्वक रहती आई है। देश के
महापुरुष भल...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
-
*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भा...
उम्मीद
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गम तो दिए हैं जिंदगी ने लेकिन उम्मीद है कि दीदारे-यार होगा बहाने बहुत हैं
जीने के लेकिन जीता हूँ कि विसाले-यार होगा होती है जब हवाओं में जुंबिश लगता
है तू ...
इस मिट्टी में राम कृष्ण भी खेले है
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मत समझो हमको इस मिट्टी मे अकेले है
संस्कारो के इसमे रमते कितने ही मेले है
ये मिट्टी है मथुरा की और काशी की
याद रहे इसमे राम कृष्ण भी खेले है...
मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे,
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मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे,
अपने आँचल,. में समेट लूँगा।....
सितारे बन बरसे, ....घर मेरे,
अपने आँगन में,. समेट लूँगा।....
बदरा बन बरसे,...... संग मेरे,
उन्हे...
रिमाइंडर बाबा का कमाल
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यदि आप भुलक्कड है नाराज ना हो श्रीमान अधिका कार्य के कारण यह आजकल होना
लाजमी है इसी के सम्बंध मे मैने कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर मे एक काम की
जानकारी पढ...
Hindi Tech Blog के लिए 7 Blockquote Effect
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ब्लॉग पर HTML,CSS कोड आदि दिखाने के लिए कुछ blockquote effect । blockquote
effect का उपयोग आम तौर पर hindi tech blog , में tech Tips हेतु html , css
कोड को...
भाजपा को भारी पड़ सकती है स्मृति ईरानी की बौखलाहट
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-देवेंद्र गौतम
स्मृति ईरानी बौखलाई हुई हैं। गोवा के सिली रेस्टोरेंट पर उनकी झूठ दस्तावेज़ी
सबूतों की भेंट चढ़ गई है। यह साफ हो चुका है कि उस रेस्टोरे...
अंत
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अंत की शुरुआत तो हमारी सोच के विकृत होने से ही हो जाती है। अंत बाद में
दिखाई देता है।सोच का विकृत होना ही मृत्यु है। शरीर भले ही बाद में जलाया
जाता है। ...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
-
*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
Tara Tarini Maha Shaktipeeth.
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*Tara Tarini Maha Shaktipeeth*
*गंजम जिले में पुरुषोत्तमपुर के पास रुशिकुल्या नदी के तट पर कुमारी
पहाड़ियों पर तारा-तारिणी ओडिशा के सबसे प्राचीन शक्तिपीठों...
स्वर जो अमर रहेगा !सादर श्रद्धांजलि !
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😢🙏अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि !सादर नमन!
सदियों तक आपके गीत इस धरती पर आपकी उपस्थिति बनाए रखेंगे।
दिली इच्छा थी कि आपको रूबरू देख सकूँ !
============...
Pooja (laghukatha)
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पूजा
" सुनिये ! ", पत्नी ने पति से कहा
" जी कहिये", पति ने पत्नी की तरह जवाब दिया तो पत्नी चिढ़ गयी. पति को समझ आ
गया और पत्नि से पूछा कि क्या बात है...
Collage-8
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*It's not what we intend to give..*
*It's rather what the other one receives from us..*
*When both are ignorant of what's given or taken..*
*Till we see ...
वायसराय की भुतहा कोठी
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छोटे
कहानी 20 वीं शताब्दी के छठे दशक की है। ब्रिटेन में एक वायसराय की एक विशाल
और भव्य कोठी थी। वह कोठी भुतहा कोठी के रूप में विख्यात हो चुकी थी। वायसराय...
शर्मसार होती इंसानियत..
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*इंसानियत का गिरता ग्राफ ...*
आज का दिन वाकई एक काले दिन के रूप में याद किया जाना था. सबेरे जब समाचार
पत्रों में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले इस समाचा...
!! राजस्थान विधानसभा और भूतों का भय !!
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* विधान सभाओं में बैठ कर राज्य का भविष्य लिखा जाता है.किन्तु आजकल
"राजस्थान विधान सभा " में बैठ कर "भूतों " का लेखाजोखा किया जा रहा है !चार
सालों तक सो...
हल्दीपोखर का सच
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सच का मुलम्मा चढ़ा देने से झूठ नहीं छिपता
थोड़ा फेरबदल करके
आप उसके नंगापन को ढंक सकते हैं
अमली जामा नहीं पहना सकते
क्योंकि झूठ नंगा होता है
जो हुआ नागाडी...
कुछ हम चले कुछ तुम
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कुछ हम चले कुछ तुम
अपनी गृहस्थी को कुछ इस तरह बचा लिया
कभी आँखें दिखा दी कभी सर झुका लिया
आपसी नाराज़गी को लम्बा चलने ही न दिया
कभी वो हंस पड़े कभी मैं म...
उम्रभर की यही कमाई है.
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हर घड़ी ग़म से आशनाई है.
ज़िंदगी फिर भी रास आई है.
आस्मां तक पहुंच नहीं लेकिन
कुछ सितारों से आशनाई है.
अपने दुख-दर्द बांटता कैसे
उम्रभर की यही कमाई है.
ख्...
मेघा हमको पानी दे दो
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मेघा हमको पानी दे दो
राकेश ‘चक्र’
मेघा हमको पानी दे दो
खाने को गुरधानी दे दो ।
आग उगलते सूरज दादा
पानी दे दो, पानी दे दो ।।
सूखी नदियाँ सरवर सारे
फसलें सूख...
पावन पवित्र होली की हार्दिक अनंत अपार शुभकामनायेँ ।
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होली हैँ भाई होली हैँ बुरा ना मानोँ होली हैँ _हुंडदंग टोली
बोलो हैँपी होली
गोबर कीचर कादोँ हुंडदंग का चोली
सब मिलकर बोलो हैँपी होली
Nature Ka Har Rang Aap ...
इंतज़ार ..
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सुरसा की बहन है
इंतज़ार ...
यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है
जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं ..
कहते हैं ..
इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं
ख़त्म भी...
कम से कम खाता जनधन हो
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खुला खुला सा घर आँगन हो
और पंछी सा नित जीवन हो
मुक्त गगन उड़ने की खातिर
नहीं कहीं कोई बन्धन हो
घटे वही जीवन में नित नित
जो चाहत में अपने म...
ये बजट कुछ अज़ीब है
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[image:
data:image/jpeg;base64,/9j/4AAQSkZJRgABAQAAAQABAAD/2wCEAAkGBxQTExYUFBMWFxYYFhgZGRkZGhgWFxoZGBgYGRobGBgZHikiGhwnHhgWIzIjJiosPC8vHiE1OjUuOSkuLywBCg...
लौट कर अब अँधेरे भी घर जाएँगे.
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जाएँगे हम मगर इस क़दर जाएँगे.
रख के सब की ख़बर बे-ख़बर जाएँगे.
धूप चेहरे पे मल-मल के मिलते हो क्यों,
मोम के जिस्म वाले तो डर जाएँगे.
हुस्न की बात का क्या बुरा...
"बिगड़ गई बोली-भाषा" (चर्चा-अंक 4638)
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*मित्रों!*
*जनवरी 2023 के अन्तिम रविवार *
*की चर्चा में आपका स्वागत है।*
*--*
*सारे जग से अलग है, तीन रंग की शान।*
*देशभक्ति सबसे प्रथम, इतना लेना जा...
खिलखिलाता बसंत --
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सरस्वती आगमन का दिन ही
चुन लिया था मैंने
बासंती जीवन के लिए .
पर बसंत !
तुम तो न आये ।
ऐसा नहीं कि
मौसम नहीं बदले
ऐसा भी नहीं कि
फूल नहीं खिले
व...
सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान पर विविध कार्यक्रम
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*बरेली :* पिछले सप्ताह बीआईयू कॉलेज ऑफ़ ह्यूमनिटीज एण्ड जर्नलिज्म एवं बीआईयू
कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट (बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी...
सा विद्या या विमुक्तये
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एक रोचक अनुभव से अपनी बात शुरू करता हूँ। कुछ साल पहले हाई स्कूल के कुछ
विद्यार्थी मेरे घर सरस्वती पूजा के लिए चन्दा करने आए। जैसा कि अमूमन होता
है, समय के...
मौनी अमावस्या
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देर अचानक रात्रि दौड़ के
बदरा घिर घिर आए
शांत स्निग्ध गंगा पावन जल
अमृत घट बूंदे बरसाए।
गंगा की लहरें उठ धायीं
नमन करे उठ जागे लोग
हलचल मेला में थी भा...
आज मौसम बड़ा..बेईमान है बड़ा
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प्रकृति प्रद्दत मौसमों से बचने के उपाय खोज लिये गये हैं. सर्दी में स्वेटर,
कंबल, अलाव, हीटर तो गर्मी में पंखा, कूलर ,एसी, पहाड़ों की सैर. वहीं बरसात
मे...
तुलसीदास की विनय पत्रिका, गीतावली एवं कवितावली
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तुलसी साहित्य में रूचि रखनेवालों के लिए तुलसीदास जी की विनय पत्रिका,
गीतावली और कवितावली को पढ़ना एक अलग आनंद देता है। लोकभारती प्रकाशन से
अत्यंत ही अल्...
भोरमदेव पुस्तिका
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*श्री अजय चंद्रवंशी ने ‘भोरमदेव क्षेत्र‘ पुस्तक तैयार की है। किसी प्राचीन
स्मारक, पुरातात्विक स्थल की बेहतर समझ के लिए स्थानीय मान्यताओं, लोक विश्वास
मूल्य...
Contoh Penerapan TOC Otomatis
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What are Shower Heads?
Shower heads are an essential component of any shower system. They are
responsible for directing and controlling the flow of water t...
मंगलाचरण
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मैंने अक्सर छोड़ा हर वो रास्ता
जिससे दूसरे को तकलीफ हुई
छवि मेरी यूँ बनती बिगड़ती रही
क्योंकि
छवियाँ बनती ही टूटने के लिये हैं
पलायन नहीं था ये और न होगा
...
2022 के सबसे सुंदर गीत
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परिवार व मित्रों को खोने की दृष्टि से देखें तो मेरा यह बीता वर्ष बहुत बुरा
रहा। जितने लोग इस वर्ष खोये, उतने शायद पहले किसी एक साल में नहीं खोये थे।
नीचे...
नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी।
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नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी।1. रचनाकार का नाम पता और संपर्क।2. रचना
की विधा – कविता , कहानी , नाटक, व्यंग इत्यादि।3. रचना की भाषा।4. रचना
कंप्यूटर ...
तीन सालों का सारांश...
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हमने कई बार ये सुना है कि सपनों का हक़ीक़त से कोई वास्ता नहीं होता, लेकिन
अगर मैं ये कहूँ कि कभी-कभी सच्चाई का भी हक़ीक़त से कोई वास्ता नहीं होता,
क्यूँकि ...
देर न लगेगी
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हमने रखे हैं नक्शे पा आसमां के ज़मीं पर
अब ज़मीं को आसमां बनने में देर न लगेगी
टांग आयी हूँ सारे ग़म दरो दीवार के खूंटी पर
अब वफ़ाओं के मुस्कुराने में देर न...
मन के घेरे ( कहानी )
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- *रश्मि शर्मा *
उनकी आँखेँ पहले मिचमिचाई और फिर मुँद-सी गईं। ऐसा सोचते या कहते हुए वह एक
खास तरह के सुख से भर उठी थी, ऐसा सुख जिसका शब्दों में ठी...
MENTAL GARBEJ
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One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
जाले: घोड़ा उड़ सकता है
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जाले: घोड़ा उड़ सकता है: घोड़ा उड़ सकता है. पिछली शताब्दी के दूसरे दशक में जब
मुम्बई-दिल्ली रेल लाइन की सर्वे हो रही थी तो एक अंग्रेज इंजीनियर ने कोटा व
सवाई...
मैथिलजन मे आस बनल
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अष्टम सूची मे स्थान।
बढ़ल मैथिली मिथिला मान।
ई कारण जे मास प्रथम के दिवस आठ अछि खास बनल।
आओर मैथिली बढ़ती आगां, सभहक मन विश्वास बनल।
प्रमुख भाग मिथिला, बिहा...
AM 38 आसान हो रही है मौत
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एक शमशान में
पुरोहित ने मृतक के ज्येष्ठ पुत्र को
बुलाया
जलती चिता के
कपाल पर
कपाल क्रिया का विधान समझाया,
पुत्र ने बैसे ही दुहराया
पिता के साथ पुत्र का य...
मैथिली में ..
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मैथिली में ..
इ दिल्ली छैक
एतय ठामे-ठामे
इतिहासक पृष्ठ
खुजल भेटत..
चाँदनी चौक,जामा मस्जिद
लाल किला
जंतर-मंतर, राज घाट
मजनूँ के टिला..
अमीर खु...
'रास्ता..'
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...
"और मुझे लिखने थे किस्से..कभी दर्द के, फ़रेब के, इस्तेमाल किए जाने के,
आउटसाइडर ट्रीट किए जाने के, डंप हुए जाने के और यह भी जतलाये जाने के कि "तुम
ह...
पागलपन !
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*पागलपन !*
मनुष्य की एक दिमागी हालत जिसके लिए वह खुद जिम्मेदार नहीं होता
है। फिर जिम्मेदार कौन है ? उसकी मस्तिष्क संरचना. हालात या फिर उस...
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गुरु
शिष्य रूपी गीली मिट्टी को गढ़ कर
बन जाते कुम्हार
गुरु की उसी दिव्यता को
याद करता है संसार......
ज्ञानरूपी भूख मिटाकर
बढ़ाते शिष्य का ज्ञान
अनुर्वर म...
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गुरु
शिष्य रूपी गीली मिट्टी को गढ़ कर
बन जाते कुम्हार
गुरु की उसी दिव्यता को
याद करता है संसार......
ज्ञानरूपी भूख मिटाकर
बढ़ाते शिष्य का ज्ञान
अनुर्वर मन -...
सलिल २० जून
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सदोका सलिला
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ई कविता में
करते काव्य स्नान
कवि-कवयित्रियाँ।
सार्थक होता
जन्म निरख कर
दिव्य भाव छवियाँ।१।
•
ममता मिले
मन-कुसुम खिले,
सदोका-बगिया में।...
क़वायद .... ! - संध्या शर्मा
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जब बारिश आती है
शुरू हो जाती है
क़वायद .... !
एक तरफ धरती की
दूसरी ओर इंसान की
धरा ढूंढती है कॉन्क्रीट के बीच
जल को आत्मसात करने की जगहें
और इंस...
तुलसी शालिग्राम संयोग .....एक प्रश्नचिन्ह
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1
जार जार है अस्मिता मेरी आज भी
व्यथित हूँ , उद्वेलित हूँ , मर्मान्तक आहत हूँ
करती हूँ जब भी आकलन
पाती हूँ खुद को ठगा हुआ
मेरा क्या दोष था
आज तक न कहीं...
संयोग
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पश्चिम बंगाल के पहाड़ों और सिक्किम से लौट आई. किन्तु उस पर बाद में.
कई अन्य बातें हैं जो अपने को लिखवाना चाह रही हैं.
बागडोगरा हवाईअड्डे पर उतरने के बाद ...
Watch: मिलिए इमरान के नन्हे जबरा फैन से...
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*पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रैली में 350 किलोमीटर दूर
से पहुंचा अबु बकर; पूर्व पीएम से नहीं मिल पाया तो रो-रो कर हुआ बेहाल,
वीडियो व...
नारी का श्रृंगार तो पति है
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: नारी का श्रृंगार तो पति है: नारी का श्रृंगार तो
पति है पति पर जान लुटाए एक एक गुण देख सोचकर कली फूल सी खिलती जाए प्रेम ही
बोती ...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
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अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
सरयू तट राम खेलें होली सरयू तट
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BHRAMAR KA DARD AUR DARPAN: सरयू तट राम खेलें होली सरयू तट: सरयू तट राम
खेलें होरी सरयू तट सिया राम की है अनुपम जोड़ी, सरयू तट कनक भवन में रंग है
बरसे मात ...
Omicron -
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Omicron - B.1.1. 529
* Omicron** .. the superfast cosmopolite .. Other than air it needs Human
body to travel ( to spread ) and to survive ..*
*It'...
जश्न मनाना छोड़ दिया क्यूँ?
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जश्न मनाना छोड़ दिया क्यूँ? आते-जाते सालों का।
करता क्यूँ अफ़सोश नीर, इन सर के जाते बालों का।
ख्वाबो के घर खंडहर हो गए, राज हुआ अब जालों का।
घर में अब ...
एक आस साथ जुड़े रहने की
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इसकी कल्पना की है एक नये समाज के रूप में जिसमे सब एक दूसरे के साथ हों।
पहले हम गाँवो/छोटे शहरों मे रहते थे,आपसी सद्भाव, भाई-चारा और पारिवारिक
सम्बन्धों की...
बस तार तार
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*काल के प्रवाह में *
*भूत भविष्य दाह में *
*वर्तमान के सत्य *
*असत्य हुए सब कथ्य ,*
*जुड़ती खंडित प्रतिमाएं *
*आओ फिर से रोष जतायें //*
*सर्व जगत का...
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दरक़ रही थी दीवार क्या करते
अच्छे नहीं थे आसार क्या करते।
नश्तर से खरोंच नहीं लगी कभी
इस ज़ुबान का यार क्या करते।
हर हाल में रहने की आदत है हमें
बेवजह ...
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Sunita Sharma Khatri : कितनी ही कहानियां हमारे जीवन के चँहु ओर बिखरी रहती
हैं कुछ भुला दी जाती है कुछ लिखी जाती हैं. हर दिन सवेरा होता है, हर दिन नयी
...
जीवन सफ़र
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सबके अपने रास्ते
अपने अपने सफ़र
रास्तों के काँटे अपने
अपने अपने दर्द
अपनी अपनी मंज़िल
अपना अपना दुख
अपनी अपनी चाहते
अपना अपना सुख
सबकी अपनी सो...
छायादार पेड़ की सजा
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मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों
की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं पाते और कुछ सूरज
की रोश...
ऐतहासिक उपन्यास हम्मीर हठ से
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'मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो
ये है कि आज सारी ज़मीन पर कहीं भी कोई भी तलवारे अलाई का मुकाबला करने की
हिम्म...
जमाने से बगावत हो गयी है....
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*हमें जब से मुहब्बत हो गयी है...*
*जमाने से बगावत हो गयी है....!*
*दिवाने से बने हम घूमते हैं...*
*उसी की एक चाहत हो गयी है...!*
*जो रहता है अभी भी दिल...
अटकन चटकन : छोड़ आए हम वो गलियाँ
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*‘बातों वाली गली” *का कर्ज़ चुकाने का मौक़ा *“अटकन चटकन” *ने दे दिया, हालाँकि
इसमें भी व्यक्तिगत व्यस्तताओं और परेशानियों के कारण महीने भर से ज़्यादा का
सम...
दिव्यांशी की पहली कविता 'आने वाले हैं सर !'
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*आने वाले हैं सर*
कविता : दिव्यांशी शर्मा
पंखा चलता सर सर सर,
आने वाले हैं मेरे सर।
पूछेगें, 'क्या है करसर?'
तब घूमेगा मेरा सर!
जैसे धरती लगाए चक्कर,
देखूँ...
लाॅकडाउन 2
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मोदी जी....सुनो:-
धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार
सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार
कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा
लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा
दाढ़ी भी ...
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कोरोना को दूर भगाना है
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ख़ुशियों का संसार बसाना है
कोरोना को दूर भगाना है ।
आयी है सर पर विपदा भारी
दहशत में है यह दुनि...
परिचय की गाँठ
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अब प्रेम पराग, अनुराग राग का उन्माद ठहर चुका है... बचे हैं कुछ दुस्साहसी
लम्हों की आहट, मुकर जाने को तत्पर वैरागी होता मन, और आस पास कनखजूरे सी
रेंगती ख़ाम...
सूरज से टकराया
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आतुर सुलझाने को
उलझा धागा
वह जागा
उठकर भागा,
सूरज से टकराया
चकराया, गश खाया
जीवन को दे डाला
जीवन का वास्ता
रास्ते पर वह
या उसके अंदर रास्ता?
दो पल के सुकून...
देवी माँ आई हैं - Mother Goddess is here
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काफ़ी अर्से से एक आधुनिक शहर में रह रहा हूँ. कहीं किसी महिला में ‘देवी माँ’
के आने की ख़बर नहीं सुनी थी. इन दिनों मेरे सर्कल के एक मित्र के घर में
‘देवी म...
"चुनावी जंग"
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जनकवि कोदूराम "दलित"जी द्वारा साठ के दशक में रची गई हिन्दी कविता, आज भी
प्रासंगिक है -
"चुनावी जंग"
(काल्पनिक - कल्पनापुर नगर पालिका चुनाव की एक झाँकी)
अ...
लक्ष्मीरंगम - Laxmirangam: अंतस के मोती
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लक्ष्मीरंगम - Laxmirangam: अंतस के मोती: पुस्तक ऑर्डर करने के लिए निचली
लाइन पर क्लिक करें. पूरा लिंक खुलेगा. उस पर क्लिक कीजिए तो खरीदने का पोर्टल
खुल जाए...
गीत इक प्यार का सुना देना...
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*गीत इक प्यार का सुना देना...*
*रात तारों भरी सजा देना...!*
*ज़िन्दगी इस तरह से गुज़री है...*
*मौत को जैसे रास्ता देना...!*
*जब मुहब्बत से कोई देखे तो......
गर्भाशय की सूजन Uterus Swelling
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अक्सर लोगों को पेट में दर्द की समस्या होती है। कई बार ये दर्द लाइफस्टाइल
में हुए बदलाव, मौसम में बदलाव और गलत-खान-पान के चलते होता है। लेकिन कई बार
इस दर्...
आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरह
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ग़ज़ल
गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
आ जाओ ज़िंदगी में नए साल की तरह
कब तक किसी दरख़्त-से तने रहोगे तुम
झुक कर गले मिलो कभी तो डाल की तरह
आँसू छलक पड़े...
धिना धिन धा !!
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बिना म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट्स के बना हिंदी सिनेमा का ये इकलौता गाना है।
- पंकज शुक्ल
डायरेक्टर सुभाष घई की 1989 में रिलीज़ हुई सुपर हिट फिल्म 'राम लखन...
Dil ko hzar bar.....my voice
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[anamika27] sang Dil Ko Hazaar Baar really well! Check out this great cover
they made! #music #karaoke #sing
https://m.starmakerstudios.com/share?recording...
कूड़ाघर
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गैया जातीं कूड़ाघर
रोटी खातीं हैं घर-घर
बीच रास्ते सुस्तातीं
नहीं किसी की रहे खबर।
यही हाल है नगर-नगर
कुत्तों की भी यही डगर
बोरा लादे कुछ बच्चे
बू का जिनपर ...
शक्ति बिना उत्सव सब फीके
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रस की चाह प्रबल, घट रीते,
शक्ति बिना उत्सव सब फीके।
सबने चाहा, एक व्यवस्था, सुदृढ़ अवस्था, संस्थापित हो,
सबने चाहा, स्वार्थ मुक्त जन, संवेदित मन, अनुनादित ह...
काल का प्रवाह..
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वे दुष्यंत थे
भूल गये थे शकुन्तला को
आज के दुष्यंत हैं
जो शकुन्तला से मिलते ही हैं
भूलने के लिए।
वे दुष्यंत थे
याद आयीं थीं शकुन्तला उन्हें
अँगूठी देखकर
आज क...
दर-ब-दर
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बालिश्त दर बालिश्त
गुजरती उम्र,
गिनती रही पोरों
पे वो पड़ाव ,जो
बदलते रहे मायने
ज़िंदगी के ,
यादों की पुनरावृतियां
लाती रही सुनामीयां,
बस यूँ कटता रहा
उबा...
बदमाश औरत
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कल से इक विवादास्पद लेखक की अपने किसी कमेंट में कही इक बात बार बार हथौड़े सी
चोट कर रही थी ...." कुछ बदमाश औरतों ने बात का बतंगड़ बना दिया ...."
बस वहीं इस कव...
अंग्रेजी के कैपिटल्स का प्रयोग
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यह तो आप सभी जानते हैं कि अंग्रेजी में अक्षरों को दो प्रकार से लिखा जाता
है; कैपिटल और स्माल। पर क्या आप जानते हैं कि अंग्रेजी के कैपिटल लेटर का
प्रयोग कह...
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3
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पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने
के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए
लाभदाय...
जिन्द्गी
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जिन्दगी
कल खो दिया आज के लिए
आज खो दिया कल के लिए
कभी जी ना सके हम आज के लिए
बीत रही है जिन्दगी
कल आज और कल के लिए.
दोस्तों आज मेरा जन्म दिन भी...
हंसराज रहबर की पुस्तक 'नेहरू बेनकाब' का अंश-४
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* क्रमशः :- "जवाहरलाल को और बच्चों की तरह स्कूल नहीं भेजा गया, उनकी शिक्षा
अंग्रेज महिलाओं द्वारा घर पर ही हुई। जब वह ग्यारह साल के हुए तो एफ. टी.
ब्रुक्...
होली की हार्दिक बधाई
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नफ़रत की होली जले,पनपे हर पल प्यार।
देता है सन्देश यह,होली का त्यौहार।।
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होली की हार्दिक बधाई आप सभी को
-कुँवर कुसुमेश
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ख़बर सुनकर वो ये इतरा रहा है
मुझे उसका बिछोड़ा खा रहा है
मेरे सय्याद को कोई बुला दो
मेरे पिंजरे को तोड़ा जा रहा है
निकलना है हमें कब से सफ़र पर
मगर ये जिस्म आ...
Transformation - Trasformazione - बदलाव
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After more than a year, I finally want to share some images. They are about
a moment of transformation, when the ordinary becomes magical. You are
going ...
ओ रे पाकिस्तान
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[image: pics of attacks on army के लिए चित्र परिणाम]
सोते शेरों को मारने वाले
पीठ में छुरा घोंपने वाले
अब तू भी चैन से न सो पायेगा
तेरे घर में ही घुस क...
चटख ललछौंहे रंग के कुरते के बावजूद
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*आज बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर कुछ लिखत - पढ़त। एक कविता के रूप में। लीजिए यह
साझा है :*
*कवि का कुरता*
यह कविता पाठ के मध्यान्तर का
चाय अंतराल था
जिसे कवि...
नदी और समंदर
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*वो हज़ारों मील बह कर नदी समंदरों से मिलती है,*
*उसे लगता है फूल-ए-इश्क़ बस वहीं जा के खिलती है,*
*अपना बजूद खो कर जब नदी लहरों के संग उठती हैं,*
*कई नदियां...
अब पछताय होत का ?
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रामू बड़े भोले थे जैसा की आम भोली जनता, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बाहर आ रहे
थे, बड़े थके थे, पसीना चल रहा था, उनके पास एक बड़ी सी पोटरी थी, उसका भी वजन
भार...
প্রেম মানে
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প্রেম মানে চুপচাপ টুপটাপ গল্প প্রেম হলো আদরের আষাঢে স্বপ্ন প্রেম মানে
বিশ্বাস প্রাণ ভরা নিশ্বাস ছোট কোনো গল্পের পুরনতার আশ্বাস প্রেম যদি দিক্ভ্রম
তবে কেন ...
ग्लेशियर
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अरतिंदर संधू
राजिंदर सिंह नौकरीपेशा आदमी था। बेटा उसका पढ़ाई में साधारण ही निकला। उसे
काम में डालने हेतु वह एक दुकान खरीदने के प्रयास में था। अंततः दला...
राजस्थानी भाषा राजस्थान मांय पूजीजैला
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राजस्थान में दूजै प्रदेशां सूं आ आ'र बस जावण वाळा लोग
आज राजस्थानी भाषा री मान्यता री संभावना देख'र नाक-भौं सिकोड़ण लाग रैया है ।
उणां नैं ललकारतां फिटकारता...
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
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वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
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मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
९. बिन शाखाओं के - गीता पंडित
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बिन शाखाओं
के देखो तो
बूढ़ा पीपल फफक रहा है
नहीं वृक्ष ने कुछ चाहा वो
जीवन देते आये हैं
काट उन्हें करते अपंग हम
कैसे अपने साये हैं
ठूँठ हुए हैं
बरग...
SHARMA JI KI HOLI
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होली कि सुबह
जब मैं चाय पीने आँगन में आयी
तो अपनी आंखों पे एकाएक विश्वास ना कर पायी
सामनेदएखा शर्मा जी खड़े हैं
फ़ोन पे किसी से मिलने कि जिद पे अड़े हैं...
संघर्ष विराम का उल्लंघन
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जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से
भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले
के का...
हाल-चाल ठीक-ठाक है
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हाल-चाल ठीक-ठाक है
सब कुछ ठीक-ठाक है
बी.ए. किया है, एम.ए. किया
लगता है वह भी ऐंवे किया
काम नहीं है वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है
आबो-हवा देश की बहुत स...
हमारी भी सुनो!
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*हमारी भी सुनो!*
*..गृहिणियां!..कुछ कामकाजी है और कुछ नहीं भी है...घर परिवार से थोड़ी दूरी
बनाकर,अपना एक अलग ग्रुप बनाकर मिलने-जुलने का प्रबंध करती है!...यहा...
महिला दिवस...एक अर्थ पूर्ण दिवस!
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*अगर महिलाएं समझ सकें...*
*...आज महिला दिवस पर महिलाएं और पुरुष सभी अपने विचार व्यक्त कर रहे
है!...महिलाओं की प्रगति कैसे हो, महिलाओं को समाज में सम्माननीय...
उपदेश का सही प्रभाव
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उपदेशदाता का कार्य उपदेश देना है लेकिन जिस व्यक्ति मेँ सत्यनिष्ठा नहीँ है
और उसे उपदेश दिया जाए, उसे समझाने का प्रयत्न करेँ किव्यवहार प्रामाणिक होना
चाहिए,...
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हर मंदिर की नींव में रखी हुई हर ईंट उतनी ही महत्त्वपूर्ण होती
हैं जितना कि मंदिर के ऊपर दिखाई देने वाला गुम्बद...और वो आकाश की तरफ
मुंह उठाये लोगों के ...
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नमस्कार मित्रों,
मैंने आज अपने इस ब्लॉग को अपने एक अन्य ब्लॉग में मर्ज कर लिया है..... जिसका
लिंक www.manavsir.blogspot.com है... आप सब दोस्तों ने मुझे जो...
यार की आँखों में.......
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मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ
उन्हे दिखाई नही देता।
मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ
उन्हें तारा नही दिखता।
या खुदा!
कहीं मेरे यार की आँखों में
मोतियाबिंद...
Dara Singh दारा सिंह का न रहना दुखद है।
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*अगर वे 1928 की बजाय 1988 में पैदा होते, या अगर w.w.f. 1958 में शुरू हो गया
होता तो दारा सिंह अरबपति हो गए होते। आइ पी एल में खेल कर करोड़ों बटोरने
वाले ...
संस्कृतजगत् ईपत्रिका का द्वितीय संस्करण
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प्रिय मित्रों
निश्चय ही यह आप सभी के सहयोग तथा संस्कृत माता की कृपा का परिणाम है कि
संस्कृतजगत् ईपत्रिका के प्रथम संस्करण के ही पाठकों की संख्या एक हजार...
साहिलों की रेत के जैसे !! ~♥ कल्प ♥~
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बरसों बाद आज जो पल्टे पन्ने , अपनी किताबों के ,
तो सुर्ख़ गुलाब की सूखी , चंद पंखुरियाँ बिखरी हुई मिलीं ,
एक-एक पंखुरी में हज़ार-हजार यादें , मुझे पुका...
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो …
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अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम जानकी मंदिर
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो … राम का नाम बदनाम न करो !!!
चुनाव का मौसम आ गया है । उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अप...
HAPPY NEW YEAR 2012
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*2012*
*नव वर्ष की शुभकामना सहित:-*
*हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।*
*पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।*
*हर जोखिम से ...
आतंक में सुकून
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*लोगों की धारणा है अशांति शस्त्रों से फैलती है*
*कलयुग में तो शांति ,शस्त्रों के साए में मिलती है *
*मरने का खौफ तो अब जर्रे जर्रे में वाकिफ है *
*मज...
आत्मदर्शन
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*मनुष्य केवल मात्र अखिलेश्वर परमपिता परमात्मा के स्वरुप की प्रति है
जीवात्मा कर्मानुसार समस्त योनियों को भोगता हुआ मानव देह को प्राप्त करता
है यद्यपि ...
"मेरा देश और मै" पर संभाषण प्रतियोगिता संपन्न
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जय हिंद,
समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की ओर से सादर प्रणाम,
आदाब, सतश्री अकाल !!
दिनांक 19.11.2011 को "अभियान भारतीय" एवं संस्कार भारत...
"पूर्णागिरि यात्रा" (शिवकुमार वर्मा)
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*मित्रों!*
*कल रविवार को खटीमा से प्रातः 5 बजे उठकर*
*मैं अपनी बहन कविता, जीजा जी नितिन शास्त्री*
*भानजे प्रांजल, भानजी प्राची और *
*बुआ जी विजय लक्ष्मी व उन...
फिर जहाँ थे वहीं चले ....!!
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इस बार जन्मदिन की धूम बहुत दिन चली . ममा पापा और सभी चाहने वालों ने मिलकर
बर्थडे वीक सेलिब्रेट किया . ४थे जन्मदिन पर ४-४ केक काटे गए . डीज़नी लेंड
में मिकी...
आओ मिलकर वृक्ष लगायें
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वृक्ष हमें फल देते हैं,
हमसे कुछ नहीं लेते हैं,
खुशियाँ बाँटे, खुशियाँ पायें।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
तरु हमें छाया देते हैं,
हम इनको पानी देते हैं,
आओ इनकी ...
राज के जन्मदिन के अवसर पर लगा आम का पौधा ‘चम्पक’
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राज के जन्मदिन के अवसर पर उनके मम्मी-पापा और उन्होंने इस अवसर यादगार बनाने
के लिये आम का पौधा लगाया है। जिसका प्यार से उनके बाबा जी ने ‘चम्पक’ नाम रखा
है...
आतंकवाद और हम भारत के लोग
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[प्रणाम]
समूची दुनिया में हमारे मुल्क ने आतंक की भयावह त्रासदी को जितना अधिक झेला है
, उतना शायद विश्व के किसी और देश ने इस पीड़ा को नही झेला है । आतंकवाद...
शिक्षा और साक्षरता
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*शिक्षा किसी भी समाज की अपरिहार्य आवश्यकता है । जीवन को संस्कारित करने का
आवश्यक साधन है । शिक्षा एक ऎसी प्रक्रिया है जो सतत् चलती रहती है । यह मात्र
पुस्...
“पुनरावृत्ति”
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कई बार बीते लम्हों की
पुनरावृत्ति
समय की उस
दहलीज़ पर
ला खड़ा करती है
इन्सान को
जहाँ वह कल को आज के साथ जीता
वक़्त के साथ
तत्वचिन्तक बन ज...
आया तूफान।
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Kmsraj51 की कलम से….. Aaya Toofan | आया तूफान। सावधान खबरदार, देखो आया ये
तूफान। दूर नहीं है किनारा, सब हैं मुसाफिर। हम हैं सहारा, नैया है सबका
किनारा। स...
बोधि वृक्ष
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नर्क की दीवार खंडहर
एकदम खंडहर हो चुकी है
हवा के हल्के स्पर्श से
वहाँ की
मिट्टी आज भी काँपती है
कोई चरवाह नहीं गुजरता उधर से
और न ही
पक्षी उस आकाश पर उड़ा...
मैं अक्सर अपनी छाया से बातें करता हूँ|
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मैं अक्सर अपनी छाया से बातें करता हूँ| क्यों हो तुम मेरे साथ – सदा, तब भी
जब मैं तुम्हें चिन्हित नहीं कर पाता| सूर्योदय से पूर्व मैं तुम्हें खोजता
हूँ – हर...
एक महीना चार तारीख़ें
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पहली तारीख़ –
प्रभात
आज मैंने अपनी पीएच०डी० थीसिस सबमिट कर दी. मेरी ख़ुशी की कोई इंतिहा नहीं थी
लेकिन मेरे गुरु जी, मेरे गाइड, मेरे आदर्श, प्रोफ़ेसर मेहता...
राजमिस्त्री
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*दिसम्बर* का तीसरा सप्ताह था। मुझे बाराँ से कोटा आना था। काम निपटाने के बाद
घर पर माँ से मिलने में समय हो गया और मुझे रात सात बजे की बस मिली। सूर्यास्त
हुए...
नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी।
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नए रचनाकारों के लिए आवश्यक जानकारी।1. रचनाकार का नाम पता और संपर्क।2. रचना
की विधा – कविता , कहानी , नाटक, व्यंग इत्यादि।3. रचना की भाषा।4. रचना
कंप्यूटर ...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
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*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
तोड़ती पत्थर
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तोड़ती पत्थर
वह तोड़ती पत्थर;
देखा मैंने उसे इलाहाबाद के पथ पर-
वह तोड़ती पत्थर।
कोई न छायादार
पेड़ वह जिसके तले बैठी हुई स्वीकार;
श्याम तन, भर बंधा...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
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अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
तेरे घर का आँगन
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नज़्म
(एक भ्रूण का अहसास)
तेरे घर का आँगन,
मुझे बड़ा ही सुहाना लगा ।
न जाने क्यूँ,
मुझे वो इस कदर पुराना लगा ।
मैं
बड़े इत्मीनान से
आया हूँ तेरे...
Homeschooling tidak Harus Menjadi Pekerjaan rumah
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Sebelum memulai home schooling pendekatan, mendapatkan mengurus pada cara
anda sendiri dari kemauan. Apakah menurutmu itu kemungkinan akan memadai
saat a...
युगपरिवर्तनकार थे राहुल सांकृत्यायन और डॉ. अंबेडकर
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अप्रैल महीने में स्वतंत्रता, समता और बंधुता और सामाजिक न्याय पर आधारित
आधुनिक भारत का सपना देखने वाले दो बड़े विद्वानों-चिंतकों का जन्मदिन है।
राहुल सांकृत...
हद तक खफा जो है - राज सक्सेना
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[image: Image result for बेवफा सनम]
मित्रो सुप्रभात आज सनम की बेरुखी पर एक मुक्तक आपके कोर्ट में-
जुनूनेइश्क में यारो कहींपर कुछ फंसा तो है |...
मार्मिक प्रसंग
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पाकिस्तान में फ़ौजी तानाशाही के दौर में एक बार किसी सरकारी इदारे ने तरही
मुशायरे का आयोजन किया....
मिराि दिया गया
"पाकिस्तान में मौज ही मौज"
हबीब जालिब को भ...
चुनौती या मंज़िले
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चुनौती यहाँ है यहीं मंजिले भी यहाँ के सिवा अब कहा जाऊंगा मैं॥ संवरते संवरते
जो किस्मत भी बदली अभी तक चला हूँ चला जाऊंगा मैं ॥ कभी साथ छूटे तो थमना भले
हो...
खतरनाक होता है प्यार
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प्यार से डरकर रहो
बहुत खतरनाक होता है प्यार
ये तोड़ देता है ये समाज की वर्जनाओं को
मिटा देता है जात-पात की लकीरों को
लोगों के मन में भरी दिखावटी शान के दंभ को...
PROBLEM: FeedMedic Alert for blogspot/YywBH
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FeedBurner had trouble retrieving your Source Feed:
http://savitrikala.blogspot.com/feeds/posts/default
The error message is:
* Error getting URL: 503 -...
anuj post
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प्रसंग है एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है, वह उदास है, उसकी मुख मुद्रा देखकर लग
रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली है। विभिन्न कवियों से अगर
इस ...
हमारे तुम्हारे बीच
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हमारे तुम्हारे बीच
एक नदी बहा करती थी
शीतल, शांत और पावन
जलधारा समेटे,
फिर अचानक
लहरों का आवेग बढ़ने लगा,
पानी छिटक कर
किनारे बहने लगा,
जहाँ नागफनी के साथ
कुछ...
सच्चे और नेकदिल आदमी की कहानी - बजरंगी भाई जान
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चित्र गूगल से साभार पहली बार सलमान खान की कोई ऐसी फिल्म देखने को मिली जिसमे
उनका स्टारडम कम रहा। फिल्म में सलमान पिटता है, आम आदमी की तरह कमजोर भी है।
बजर...
ई-रिटर्न का कागज भेजने की अनिवार्यता हटेगी
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इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आयकर रिटर्न जमा करानेवाले लाखों करदाताओं को जल्द डाक
से इसकी प्रति सीबीडीटी को भेजने की अनिवार्यता से राहत मिलेगी. सीबीडीटी
सत्यापन ...
यही तो रहा है आज 'करतब'
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ये लड़की चाहे कितना भी पसीना बहाए, रस्सी पर अपनी एडिया घिस ले मगर उसे
मिलाता क्या है? सिर्फ दो वक्त की रोटी। चाहे कितने भी करतब करे मगर उसे
बहेतारिन जीव...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पिता...
आत्मघात से बुरी कोई चीज़ नहीं
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—चौं रे चम्पू! पिछले दिनन में कौन सी खबर नै तेरौ ध्यान खैंचौ?
—चचा, ख़बरें तो हर दिन देश की, विदेश की, परियों की, परिवेश की और मुहब्बतों
के क्लेश की सामने आ...
लिखना जरूरी क्यों है?
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जब से ब्लॉगिंग से अल्पविराम(?) लिया है तब से कई मित्रों, पाठकों, शुभचिंतकों
ने कई तरीकों से उलाहना दिया है कि मैं लिखता क्यों नहीं। बीच में ऐसे ही कुछ
उलाह...
13. वह एक प्रेम पत्र था
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तहसील का मुख्यालय होने के बावजूद शिवपालगंज इतना बड़ा गाँव न था कि उसे टाउन
एरिया होने का हक मिलता। शिवपालगंज में एक गाँव सभा थी और गाँववाले उसे
गाँव-सभा ही ...
वसंत आया देहरी पर
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सुबह हवाओं में खुशबू थी
खिले बाग़ में ढेरों फूल
कोयल कुहुक रही अमराई
पंछी रहे शाख पर झूल !
विस्मित थी क्या हुआ प्रकृति को
क्यों है इतनी मगन विभ...
माँ भारती
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गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🌷
माँ भारती
अब ले तिरंगा हाथ में चल मान से।
भू सज रही अब केसरी परिधान से।
जयकार की गूंजे सुहानी आ रही।
ऊँचा र...
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*Jagdishvari mareshvari bhuvneshvari parmeshvari*
maa dhyan de kuchh gyan de yshamaam de kuchh bhaan de
इन आलेखों में पूर्व विद्वानों द्वारा बताये गये ...
मौनी अमावस्या
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देर अचानक रात्रि दौड़ के
बदरा घिर घिर आए
शांत स्निग्ध गंगा पावन जल
अमृत घट बूंदे बरसाए।
गंगा की लहरें उठ धायीं
नमन करे उठ जागे लोग
हलचल मेला में थी भा...
स्वप्न नहीं! भविष्य था
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स्वप्न नहीं! भविष्य वर्तमान की आँखों में तैर रहा था
और चाँद दौड़ रहा था।
”हाँ! चाँद इधर-उधर दौड़ ही रहा था!! तारे ठहरे हुए थे एक ...
“धुआँ”
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राधिका शाम को अक्सर छत पर चली आती है । सांझ के तारे
को देखने के साथ पास-पड़ौस के घरों से उठता धुआँ देखना उसे
बड़ा भला लगता है । वह अनुमान लगाया करत...
सूरज से टकराया
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आतुर सुलझाने को
उलझा धागा
वह जागा
उठकर भागा,
सूरज से टकराया
चकराया, गश खाया
जीवन को दे डाला
जीवन का वास्ता
रास्ते पर वह
या उसके अंदर रास्ता?
दो पल के सुकून...
Agumbe karnataka ,Rainforest Research Station
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Agumbe karnataka, जो कि Agumbe Rainforest Research Station के नाम से जाना
जाता है और एक कम जानी पहचानी लेकिन सुंदर जगह है से आपका परिचय करवा रही
हैं अल्प...
सभी को सम्मान दें ...।
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ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था ।
वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी
समस्या उत्...
TIPS MEMBUAT ARTIKEL SEO UNTUK SI PEMALAS
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Banyak blogger yang malas untuk membuat postingan baru. Ia ingin blognya
selalu banyak pengunjung dan mudah masuk di halaman pertama google, makanya
banya...
बचपन की यादें
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बचपन, एक ऐसा मधुर शब्द जिसे सुनते ही लगता है मानो शहद की मीठी बूंद जुबान पर
रख ली हो। जिसकी कोमल कच्ची यादें जब दिल में उमड़ती है तो मुस्कान का लाल
छींटा ...
टच & फील
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*फेसबुक पर मेरे ४६०० मित्र हैं और १२-१३०० रिक्वेस्ट अभी पेंडिंग में है।
लेकिन कल ऐसी घटना हुई कि मेरे चारों तबक रोशन हो गये.एक सामान्य सी बात है
कि इन ल...
(14) सभ्यता (क) सभ्यता इसी को कहते हैं !
-
‘फूलों’ में ‘काँटे’ रहते हैं |
वे इक-दूजे को सहते हैं || दोनों में ‘समझौता’ हो जब-
‘सभ्यता’ इसी को कहते हैं || हम ‘भले-बुरे’ का निवाह कर-
अनवरत ‘नदी’ स...
बॉर्डर और बिहार
-
बिहार के सीमांत जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में पोरस बॉर्डर से
होकर जो समस्याएं प्रवेश कर रही हैं, उनके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। सतत
घुसपैठ...
महिला दिवस
-
महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत
हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं,
बेखौ...
आओ रोटी सेंकते हैं
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घर बगल में जल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं ,
एक मुद्दा पल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं |
फिर गरीबों की गली में , रात भर रोया कोई ,
फिर शहर से एक भूखा , खुद-ब-...
बुद्धिमानों की सलाह
-
एक बहुत बडा विशाल पेड था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत स्याना
हंस था,बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे।
एक दिन ...
कुण्डलियाँ : अरविन्द कुमार झा
-
१-
मना लो तुम भी होली
*होली में बढ़ती सदा इन चीजों की मांग*
*कपडे खोया साथ में दारू, गांजा, भांग*
*दारू, गांजा,भांग,छान मस्ती में सब ज...
भारत पर हमला
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भारत पर हमला आज तोताराम बड़ी अजीब धज में था । सिर पर सफेद पट्टी बांधे। एक
हाथ में प्लास्टिक की कोई ३००-४०० मिलीलीटर की एक बोतल और दूसरे हाथ में एक
छोटा-सा ...
ग़ज़ल 299 [64इ] : तुम्हें क्या दे सकूँगा मै---
-
ग़ज़ल 299 [64इ]
1222--1222--1222--1222
तुम्हे क्या दे सकूँगा मै सिवा इक प्यार, होली में
प्रणय से है भरा उद्गार यही उपहार होली में
भले ही भूल जाओ तु...
वसंत आया देहरी पर
-
सुबह हवाओं में खुशबू थी
खिले बाग़ में ढेरों फूल
कोयल कुहुक रही अमराई
पंछी रहे शाख पर झूल !
विस्मित थी क्या हुआ प्रकृति को
क्यों है इतनी मगन विभ...
लौट कर अब अँधेरे भी घर जाएँगे.
-
जाएँगे हम मगर इस क़दर जाएँगे.
रख के सब की ख़बर बे-ख़बर जाएँगे.
धूप चेहरे पे मल-मल के मिलते हो क्यों,
मोम के जिस्म वाले तो डर जाएँगे.
हुस्न की बात का क्या बुरा...
डर..! सभी को लगता है
-
*समाज में सबसे निडर फौजी जवानों को माना जाता है ! इसी विषय डर पर, सेना से
अवकाश लेने के बाद जब एक साक्षात्कार में सैम मानेकशॉ से पूछा गया तो
उन्होंने कहा...
कर्तव्य पथ पर ‘गणतंत्र’
-
हम भारत के लोग अपना 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। हमारा गणतंत्र बीते 73
वर्षों में किस ओर बढ़ा है, विद्वान लोग अकसर इसकी समीक्षा/चर्चा करते रहते
हैं। वै...
-
कुछ चेहरे
मेरे जीवन में कुछ चेहरे
यादों में आ आकर ठहरे
पहला चेहरा पिताश्री का
अनुशासन है जिन से सीखा
मिलनसार कर्मठ और हंसमुख
धर्मनिष्ट,सेवा को उन्मुख...
एक बरस बीत गया,
-
*
एक बरस बीत गया,
जीवन-घट जल अधिकांश बीत, रीत गया
पहुँचे सभी को प्रणाम और जुहार विनत ,
बोले-अनवोले मीत,पांथ-पथिक संग-नित, ,
देखे-अनद...
ठोकर
-
ठोकर
1
वह जा रहा था
सामान्य गति से
अचानक से
रास्ते में ठोकर लगी
वह गिर गया
वह चोटिल हुआ
पैर में जख्म लगे
रक्त बहा
आंसू बहे
आसपास के लोग
सहानुभूति में द...
मंगलाचरण
-
मैंने अक्सर छोड़ा हर वो रास्ता
जिससे दूसरे को तकलीफ हुई
छवि मेरी यूँ बनती बिगड़ती रही
क्योंकि
छवियाँ बनती ही टूटने के लिये हैं
पलायन नहीं था ये और न होगा
...
हैं नहीं पहले सी अब तो रौनकें बाजार में
-
ग़ज़ल
सब तरफ है छाई मंदी आजकल व्यापार में
हैं नहीं पहले सी अब तो रौनकें बाजार में
कुछ जरा बदलाव आए , दाम शेयर के गिरें
ढूँढने लग जा...
चलो, आज इस महाद्वीप के बहुरंगी आँगन में..
-
*
(पृष्ठभूमि में धीरे धीरे प्रकाश बढ रहा है ।एक ओर से कुछ युवक और युवतियाँ
- विभिन्न देशों की वेश-भूषा - में धीरे धीरे प्रवेश करते हैं ।
एक युवती -(ए...
मैराथन एक स्वप्न
-
खेलों से लगाव और सतत जुड़े रहने के कारण मन में एक ईच्छा थी कि कभी मैं धावक
के रूप में पहचान बनाऊं,ये इच्छा भी इसलिए दबी रही कि एथलेटिक्स में हमेशा भाग
लेती...
-
पड़ाव और पड़ताल अंक 1 से 31 अब निःशुल्क ई-बुक्स के रूप में
लघुकथा विधा पर आधारित दिशा प्रकाशन के श्री मधुदीप द्वारा पड़ाव और पड़ताल
शीर्षक से लघुकथा विधा प...
फ़्री ईबुक - निःशुल्क डाउनलोड: आधी सदी का क़िस्सा
-
एमेज़ॉन #1 बेस्टसेलर, "*आधी सदी का क़िस्सा*" एमेज़ॉन पर दो नवम्बर से चार
नवम्बर 2022 तक कुल तीन दिन (72 घण्टे निरंतर) नि:शुल्क डाउनलोड के लिये
उपलब्ध है। इस ...
अब पहली जन बग्वाळीयों की वा बात नी रै
-
अब पहली जन बग्वाळीयों की वा बात नी रै ।अन्न-धन्ना क कुठठारों की पूजा होंदी
छ, पूजा की वा थाळ नी रै ।।कार्तिक महीना आली बग्वाळ, बग्वाळ की वा जग्वाळ नी
रै । ...
प्रेमचन्द जी की पुण्यतिथि पर
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*प्रेमचन्द जी की पुण्यतिथि पर ...*
*मनोज कुमार*
आज प्रेमचन्द जी की पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर हम उनके जीवन के
बारे में कुछ बातें आपके समक...
जिंदगी का सफर
-
*जिंदगी का सफर*
---~~~~💝--~~~
कैसे कटा 21 से 60
तक का यह सफ़र,
पता ही नहीं चला ।
क्या पाया, क्या खोया,
क्यों खोया,
पता ही नहीं चला !
बीता बचपन,
गई जवा...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
-
*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
शब्द से ख़ामोशी तक – अनकहा मन का (२५)
-
* ये जीवन कढ़ाई में उबलती घनी मलाई की तरह
है जिसमें हमारे सदगुण व अवगुण ( विकार, विचार, अच्छाई, बुराई, मोह, तृष्णा,
वि...
भोपाल प्रशासन हेतु सुझाव
-
यहां मैं प्रशासन को कुछ सुझाव देना चाहता हूं यदि ये चेंज लागू कर दिए जाएं।
तो भोपाल एक चेंज अनुभव करेगा।1. भोपाल के जो दो मुख्य रेलवे स्टेशन है रानी
कमलाप...
दूरी
-
मुझ तक नहीं आती है
कभी कोई ढाढ़स की आवाज़
अपना ढाढ़स होने को मुझे ही औरों का ढाढ़स होना पड़ता है
जिस जिस तक मैं पहुँची
वो सब मेरे खुद तक पहुँचने के ही उपक्...
भूला बिसरा गीत 35 साल बाद
-
1980 के दशक में मुझे रेडियो का बहुत शौक था । उस समय मुझे एक गीत जो बहुत
अच्छा लगता था उसे कल गुनगुनाने का मन किया और यह गीत मेरे जेहन में आ गया।
शायद आ...
अकेले पड़ रहे कितने बंटी
-
हाल ही में हिंदी साहित्य की प्रसिद्ध लेखिका मन्नू भंडारी का निधन हो गया |
उन्हें याद करते हुए उनके प्रशंसकों ने उनकी चर्चित कृति 'आपका बंटी' का सबसे
ज्...
WTC-2 में भारत के लिए मुश्किल डगर
-
वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के प्रथम संस्करण में भारतीय टीम से काफ़ी उम्मीदें
थी, लेकिन फाइनल में टेस्ट मैच के लिए निर्धारित अतिरिक्त दिन में किए गए उनके
प्रद...
जीवन-माया
-
जब माँ थीं तब छोटी छोटी पुरानी चीजें सहेज लेने की उनकी आदत पर सब बहुत खीझा
करते थे. अनुपयोगी वस्तुओं का अंबार हो जैसे... दादी तो खैर उनसे भी अधिक सहेज
ल...
उद्विग्नता
-
जीवन की उष्णता
अभी ठहरी है ,
उद्विग्न है मन
लेकिन आशा भी
नहीं कर पा रही
इस मौन के
वृत्त में प्रवेश
बस एक उच्छवास ले
ताकते हैं बीता कल ,
निर्निमे...
भूमिका - गीता दोहावली ( दिलबागसिंह विर्क )
-
श्रीमद्भगवद्गीता भारतीय संस्कृति का अनूठा ग्रंथ है, जो विश्व के ज्ञाननिधि
में एक अमूल्य चिंतामणि रत्न रूप में प्रकाशमान है। यह साहित्य सागर में अमृत
कुंभ...
ऐतहासिक उपन्यास हम्मीर हठ से
-
'मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो
ये है कि आज सारी ज़मीन पर कहीं भी कोई भी तलवारे अलाई का मुकाबला करने की
हिम्म...
टालमटोल
-
बहुत समय पहले के कुछ समय बाद की बात है |
एक मछुवारा हुआ करता था | बहुत ही ईमानदार और कर्मठ |
हर रात की सुबह, गावं के पास से गुज़र रही छोटी सी नदी में जाता...
लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है ....
-
महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने
थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के
मैदान मे...
अमितोष नागपाल की नौ कविताएँ
-
*राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातक अमितोष नागपाल की ये कविताएँ अलग-अलग
होते हुए भी एक कविता सीरीज सी चलती हैं. कहीं सवाल करती, कहीं उलझती और कहीं
जैसे ख...
जीवन यात्रा
-
कितनी दूर चला आया हूँ,
कितनी दूर अभी है जाना।
राह है लंबी या ये जीवन,
नहीं अभी तक मैंने जाना।
नहीं किसी ने राह सुझाई,
भ्रमित किया अपने लोगों ने।
अपनी राह न...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
-
वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
सूरज से टकराया
-
आतुर सुलझाने को
उलझा धागा
वह जागा
उठकर भागा,
सूरज से टकराया
चकराया, गश खाया
जीवन को दे डाला
जीवन का वास्ता
रास्ते पर वह
या उसके अंदर रास्ता?
दो पल के सुकून...
व्यंग्य : आँख दिखाना
-
एक व्यंग्य : आँख दिखाना --आज उन्होने फिर आँख दिखाई
और आँख के डा0 ने अपनी व्यथा सुनाई--" पाठक जी !यहाँ जो मरीज़ आता है ’आँख
दिखाता है ...
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* गज़ल *
रहे बरकत बुज़ुर्गों से घरों की
हिफाजत तो करो इन बरगदों की
खड़ेगा सच भरे बाजार में अब
नहीं परवाह उसको पत्थरों की
रहे चुप हुस्न के बढ़ते गुमां पर
रही ...
A Ray of Hope: Who is Chandrasekhar Sankurathri?
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On 23 June 1985, Dr Chandrasekhar Sankurathri was to see his world torn
apart—his wife, son and daughter were all on the ill-fated Air India
Kanishka fligh...
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तुम्हे जिस सच का दावा है
वो झूठा सच भी आधा है
तुम ये मान क्यूँ नहीं लेती
जो अनगढ़ी सी तहरीरें हैं
कोरे मन पर महज़ लकीरें हैं
लिख लिख मिटाती रहती हो
...
!! राजस्थान विधानसभा और भूतों का भय !!
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* विधान सभाओं में बैठ कर राज्य का भविष्य लिखा जाता है.किन्तु आजकल
"राजस्थान विधान सभा " में बैठ कर "भूतों " का लेखाजोखा किया जा रहा है !चार
सालों तक सो...
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झूठ का अब बोलबाला हो गया है
और सच का मुँह काला हो गया है
चापलूस सर पे जाकर बैठ गए हैं
सच्चे का देश निकाला हो गया है
ये सियासी भूख क्या क्या खाएगी
इंसा त...
बैंकों में राजभाषा की असली तस्वीर
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हमारी कथनी और करनी में कितना अंतर है इसका सबसे बड़ा उदाहरण हमारी हिंदी के
प्रति सोच और व्यवहार है. सार्वजनिक मंच पर हिंदी को प्रशासन और जनसाधारण की
एक मात्र...
मोल-भाव/ दीपक मशाल
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लघुकथा
उन्होंने कहा-
'न न... निश्चिन्त रहिए हमें कुछ नहीं चाहिए। बस लड़की सुन्दर हो, जरा तीखे
नैन-नक्श और रंग गोरा हो। हाँ, खाना अच्छा पकाती हो। बाकी कढ़ाई-ब...
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमला, 6 की मौत ..
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कश्मीर घाटी में आतंकवादी अब अपने अस्तित्व के आखरी दौर में हैं. उनके ऊपर जो
दबाव सेना ने बनाया है उस दबाव से निपटने के लिए उन्होंने अमरनाथ यात्रियों के
ऊपर ...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
-
*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भा...
ऐंठन
-
*किस बात पे इतना गरजे हो*
*किस बात पे तुमको इतनी अकड़*
*अपने ही बने उस जाल में कल *
*फंस कर के मरी है एक मकड़*
*किस बात की इतनी ऐंठन है*
*किस बात पे यूँ इ...
गाँव (देवरिया जिला) की पाठशाला (भाग-1)
-
*चित्र- साभार जागरण*
याद है मुझे, जी हाँ! अच्छी तरह याद है। वैसे भी जीवन के, बचपन के उन
अविस्मरणीय समय को मैं क्या, कोई भी नहीं भूल सकता। बोरा, बस्ता और पट...
सच में वो एलियन था.....
-
कल की ही बात है.....पांडालों में गणेश दर्शन के साथ ही बीच-बीच में मोबाइल पर
अपना स्टेटस अपडेट करते हुए, अपने मित्रों आदि को गणेश पांडालों की भव्यता
बताते ह...
गीत अंतरात्मा के: आशा
-
गीत अंतरात्मा के: आशा: मैं एक आशा हूँ मेरे टूट जाने का तो सवाल ही नहीं
होता मैं बनी रहती हूँ हर एक मन में ताकि हर मन जीवित रह सके मुझे खुद को
बचाए ही र...
इतिहास रच सकती हूँ मैं
-
मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है - यह कहना है कानपुर
निवासिनी श्री हरीचन्द्र जी और श्रीमती जमुना देवी जी की योग्य सुपुत्री
सुषमा कुमारी ...
तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत....
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तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत,
कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत।
झंकृत है ये तन,मन और जीवन,
हो रहा है ह्रदय नर्तन,
थिरक कर कर रही कोशिश,
झूमने की आज दर...
काश हम भी इंसान होते
-
यहाँ हो रहे बस मौत के सौदे,
इस हैवानी खेल को देख हम ,
बस इतनी सी दुआ करते,
काश हम भी इंसान होते।
यूँ तो कोई नयी बात नहीं है,
इंसानियत तो बिकती ही है,
कभी ...
पानी की बूँदें
-
पानी की बूँदे भी,
मशहूर हो गई ।
कल तक जो यूँही,
बहती थी बेमतलब,
महत्वहीन सी यहाँ वहाँ,
फेंकी थी जाती,
समझते थे सब जिसके,
मामूली सी ही बूँदें,
आज वो पहुँच स...
विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग
-
*विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग*
हममें से अधिकांश लोगों को टंकण करना काफी श्रमसाध्य एवं उबाऊ कार्य लगता है
और हम सभी यह सेाचते हैं कि व्यक्...
सोना जरूरी है अविनाश वाचस्पति
-
##Sleeping
सोना जरूरी है
कैसा भी हो
नींद हो या हो स्वर्ण
पीत हो वर्ण
पर पीलिया न हो
लीवर पर न हुआ
हो हमला
जानलेवा न अाघात
चाहे हो रात अथवा
दिन अथवा सुप्रभात...
एक फकीर बादशाह - औरंगजेब
-
औरंगजेब मुगलों के मध्य एक ऐसा शासक माना जाता है, जिसने प्रजा पर सर्वत्र
अत्याचार किए, मन्दिरों को तोडा, हिन्दुओं का उत्पीडन किया, जजिया कर लगाया
तथा अ...
हेराका आन्दोलन और हमारा दायित्व
-
जब असम में था तो नागालैंड के दो सरकारी अफसरों से जुड़ा एक प्रसंग सुनने को
मिला था. इन दोनों का प्रशासनिक सेवा के लिए चयन हुआ फिर दोनों को ट्रेनिंग के
लिए...
तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम
-
यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन नदियों के पास मेरे देश...
गर्मी मीठे फल है लाती
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लाल लाल तरबूजे लाती,
गर्मी मीठे फल है लाती.
आम फलों का राजा होता,
बच्चों को मनभावन लगता.
मीठे पके आम सब खाते,
मेंगो शेक भी अच्छा लगता.
खरबूजा गर्मी में आत...
बूढी मां की बाहों में फिर बिखर जाऊं (GAZAL)
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दर्द के बादल पिघलते नहीं
चांद बचपन के ढलते नही
खिलौने बदतमीज हो गये है
चाबी ना भरुं तो चलते नहीं
किताबों से बस्ते फट भी गये
आज पैसों से झोले भरते नहीं...
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ख्वाबों की ताबीर
सुना है उसके शहर की ...
बात बड़ी निराली है ,
सुना है ढलते सूरज ने ...
कई दास्ताँ कह डाली है ,
सुना है जुगनुओं ने ...
कई बारात निकाली है ,
स...
The Legend of Hercules (2014)
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Watch Movie The Legend of Hercules Online StreamingWatch Movie The Legend
of Hercules Online Streaming with duration 99 Min and broadcast on
2014-01-10 wi...
रेलवे के सभी नौ सर्विस काडर होंगे समाप्त
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रेलवे यूनियनों के विरोध के बावजूद रेलवे बोर्ड का पुनगर्ठन तय माना जा रहा
है। बड़े बदलाव के तहत रेलवे बोर्ड और रेलवे के नौ सर्विस काडर समाप्त किए जा
सकते है...
गाँव
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बहुत सुंदर बहुत मोहक तुम्हारा शहर है लेकिन
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
चहकते खेत, लहराती हुई फसलें; गरजते घन,
उन्ही के बीचमें फिर झूमता गाता ह...
आहटें .....
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*आज भोर *
*कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,*
*पूरब से उस लाल माणिक का *
*धीरे धीरे निकलना था *
*या *
*तुम्हारी आहटें थी ,*
*कह नहीं सकती -*
*दोनों ही तो एक से ...
वीर छत्रपति शिवाजी
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*भा*रतभूमि हमेशा ही वीरों की जननी रही है. यहां समय-समय पर ऐसे वीर हुए जिनकी
वीर गाथा सुन हर भारतवासी का सीना गर्व से तन जाता है. भारतभूमि के महान वीरों
में...
जागो
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एक तरंग लिए कोई नई – नई से उमंग लिए
उठो जागो देखो कोई सायद उजला – उजला सा है ॥१॥
जेसे लंबी सर्द पतझड़ के बाद शान-ए बहारे बसंत
घने-घने अंधेरों मे टिम टिमाती ...
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"सर जी..आप सदैव सत्य लिखते हैं..
देश की राजनीतिक बीमारी पर तीर कसते हैं..
आज मुझे..ज़रा ये भी तो बताइए..
कितने यहाँ आपकी-मेरी बात सुनते हैं..
क्यूँ उ...
झूठ,
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बेवजह आरोप है, मुझ पर झूठ बोलने का,
तुमने कब सुनना चाहा था सच,
हर बार झूठ तुम्हे अच्छा लगा,
और हर सच बुरा,
तुम्हे जो पसंद था, वही तो किया हमने,
ये लो अ...
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"टकरा कर भी पत्थर से हम टूट ना पाए,
कुछ तो एक ठोकर से ही बिखर जाते हैं. ."
"भूल ना करना डूबने की,
नमी देखकर आँखों की,
मासूम नहीं अंगार हैं निगाहें,
डूबे त...
12 comments:
बोगस वोटिंग हो रही, वेटिंग इक सप्ताह ।
चौदह जन तैयार मन, आह वाह हो स्वाह ।
आह वाह हो स्वाह, हवा बहती बासंती ।
आज बढ़ी उम्मीद, छाप दी एक तुरंती ।
लेकिन रविकर खिन्न, करे तन मन से फोकस ।
फल ना पाए भिन्न, होय बैलट ही बोगस ।
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा शनिवार (9-2-2013) के चर्चा मंच पर भी है ।
सूचनार्थ!
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।।
बहुत बढिया है सर जी......आभार
sundar prastuti,aadhunik vicharo se otprot,
:))).... बढ़िया...
~सादर!!!
बढिया
बढिया
बढिया
बहुत सुन्दर व् भावात्मक प्रस्तुति .सराहनीय अभिव्यक्ति ये क्या कर रहे हैं दामिनी के पिता जी ? आप भी जाने अफ़रोज़ ,कसाब-कॉंग्रेस के गले की फांस
waah guru ji salute to u
बहुत बढिया व् भावात्मक प्रस्तुति
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