कविता: "ठंडी"
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*"ठंडी" *
आ गया देखो सर्दी का मौशम,
सुबह सुबह मौशम लगता है औसम।
चारो ओर कोहरा ढक लिया सबके ,
नहाने का मन नहीं करता,
सुबह की वो अच्छी सी नींद खराब नहीं करना...
12 hours ago
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2 comments:
बधाई :-)
बधाई
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