कविता: " घर की राह है थोड़ा "
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*"घर की राह है थोड़ा "*
घर की राह है थोड़ा
गर्मी है मुँह मोड़ा |
पाँच दिन की बात है
और घर जाने की बात है |
जाने को बेतहाशा हो रहा हूँ
धीरे धीरे तैयारी ...
3 days ago
1 comments:
शुभकामनाऐं ।
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