कविता: "सर्दी का मौशम"
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*"सर्दी का मौशम"*
ये मौशम है सर्दी का,
रजाई काम करता है है वर्दी का।
इस मौशम में कुछ भी पहनो ,
सब कुछ कम पड़ जाता है ,
चाहे जैकेट कम हो या रजाई, कंम्बल ,
फ...
1 day ago
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1 comments:
शुभकामनाऐं ।
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