कविता: "वो आखरी घर"
-
*"वो आखरी घर" *
गाँव का वो आखरी घर
जहाँ खामोशी, हमेशा बरकरार है
किस खौफनाक मंज़र मे है
जहाँ बस अजीब सी नजरे हट गई
खुशियों की लड़ी गायब हो गई
बसेरा बन गया...
1 day ago
होली का त्यौहार
-0-0-0-0-0-
फागुन में अच्छी लगें, रंगों की बौछार।
सुन्दर, सुखद-ललाम है, होली का त्यौहार।।
--
शीत विदा होने लगा, चली बसन्त बयार।
प्यार बाँटने आ गया, होली का त्यौहार।।
--
पाना चाहो मान तो, करो मधुर व्यवहार।
सीख सिखाता है यही, होली का त्यौहार।।
--
रंगों के इस पर्व का, यह ही है उपहार।
भेद-भाव को मेटता, होली का त्यौहार।।
--
तन-मन को निर्मल करे, रंग-बिरंगी धार।
लाया नव-उल्लास को, होली का त्यौहार।।
--
भंग न डालो रंग में, वृथा न ठानो रार।
देता है सन्देश यह, होली का त्यौहार।।
--
छोटी-मोटी बात पर, मत करना तकरार।
हँसी-ठिठोली से भरा, होली का त्यौहार।।
-- सरस्वती माँ की रहे, सब पर कृपा अपार। हास्य-व्यंग्य अनुरक्त हो, होली का त्यौहार।। |
© Blogger templates Newspaper II by Ourblogtemplates.com 2008
Back to TOP