‘चन्दा और सूरज’’
चन्दा में चाहे कितने ही, धब्बे काले-काले हों।
सूरज में चाहे कितने ही, सुख के भरे उजाले हों।
लेकिन वो चन्दा जैसी शीतलता नही दे पायेगा।
अन्तर के अनुभावों में, कोमलता नही दे पायेगा।।
सूरज में है तपन, चाँद में ठण्डक चन्दन जैसी है।
प्रेम-प्रीत के सम्वादों की, गुंजन वन्दन जैसी है।।
सूरज छा जाने पर पक्षी, नीड़ छोड़ उड़ जाते हैं।
चन्दा के आने पर, फिर अपने घर वापिस आते हैं।।
सूरज सिर्फ काम देता है, चन्दा देता है विश्राम।
तन और मन को निशा-काल में, मिलता है पूरा आराम।।
--
संस्मरण
लगभग 13 वर्ष पूर्व की बात है। उन दिनों मैं उत्तराखण्ड सरकार में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सदस्य था।
मेरे साथ एक सज्जन आयोग में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए जा रहे थे। गर्मी का मौसम था इसलिए रोडवेज बस की रात्रि-सेवा से जाने का कार्यक्रम बनाया गया। रुद्रपुर से हमें देहरादून के लिए एसी बस पकड़नी थी।
खटीमा से रात्रि 8 बजे चलकर 10 बजे रुद्रपुर पहुँचे। बस के आने में एक घण्टे का विलम्ब था। सोचा खाना ही खा लिया जाये। हम दोनों खाने खाने लगे।
हमारे पास ही एक व्यक्ति जो पुलिस की वर्दी पहने था। आकर बैठ गया।
हमने उससे कहा कि भाई! हमें खाना खा लेने दो।
हमने खाना खा लिया, लेकिन 3 पराँठे बच गये।
मैं इन्हें किसी माँगने वाले या गैया को देने ही जा रहा था कि वो बोला- ‘‘साहब ये पराँठे मुझे दे दीजिए। मैं सुबह से भूखा हूँ।’’
मैंने कहा- ‘‘पुलिस वाले होकर भूखे क्यों हो।’’
वह बोला- ‘‘साहब! मेरी जेब कट गयी है।’’
मैंने अब उससे विस्तार से पूछा और कहा कि पुलिस कोतवाली में जाकर कुछ खर्चा क्यों नही ले लेते?
वह बोला- ‘‘साहब! वहाँ तो मुझे बहुत झाड़-लताड़ खानी पड़ेगी। इससे तो अच्छा है कि किसी कण्डक्टर की सिफारिश करके बस में बैठ जाऊँगा।’’
बातों बातों में मुझे पता चला कि यह सिपाही तो खटीमा थाने में ही तैनात है। मैंने उसे पचास रुपये बतौर किराये भी दे दिये। जो उसने खटीमा आने पर मुझे चार-पाँच दिन बाद लौटा दिये थे।
मुझे उस दिन आभास हुआ कि भूख क्या होती है।
एक ब्राह्मण कुल में जन्मा व्यक्ति भूख में जूठे पराँठे और सब्जी खाने को भी मजबूर हो जाता है।
|
31 comments:
भूख तो इंसान को नराधम बना बड़े से बड़ा पाप करवा देती है
सत्य कथन सर ! भूख होती ही ऐसी है कि इन्सान संकोच,भला-बुरा भूल जाता है ।
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 19.3.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3645 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
धन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
भूख जाती नहीं देखती।
केवल सोच ही जाती पूछती है... इसके अलावा एक भी उदहारण नहीं है जो जाती पूछती हो और इसके आधार पर भेदभाव करती हो।
चन्दा व सूरज दो अलग अलग चीजें है और दोनों का अपना अपना काम है। इनकी आपस में तुलना बईमानी है।
खैर
चन्दा जो है वो भी सूरज से ही रोशन है।
🙏😁.
नई रचना सर्वोपरि?
भूख होती ही ऐसी है साहब
आज दुनिया में जो कुछ है वह सिर्फ इस पापी पेट के लिए ही करना पड़ता है
कहते हैं ऊपर वाला भूखा उठाता है पर सुलाता नहीं
अच्छी अभिव्यक्ति
सराहनीय अभिव्यक्ति
जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (13-04-2020) को 'नभ डेरा कोजागर का' (चर्चा अंक 3670) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
*****
रवीन्द्र सिंह यादव
सही कहा
सूरज चाँद का महत्व बताता लाजवाब सृजन साथ ही बहुत हृदयस्पर्शी संस्मरण....।
वाह!!!
सुंदर काव्य के साथ हृदय स्पर्शी सार्थक सच्ची घटना । मन में आदर और करूणा का संचार करती शानदार प्रस्तुति।
सूरज में है तपन, चाँद में ठण्डक चन्दन जैसी है।
प्रेम-प्रीत के सम्वादों की, गुंजन वन्दन जैसी है।।... बहुत खूब ... अद्भुत हैं ये पंक्तियां शास्त्री जी
nice one
https://www.dileawaaz.in/
A good informative post that you have shared and thankful your work for sharing the information. I appreciate your efforts and all the best Aaj Ka Suvichar in Hindi this is a really awesome and i hope in future you will share information like this with us
बहुत शानदार रचना
सच कहे डॉक्टर साहब जहाँ भूख है वहीं मज़बूरी है।
Thanks for sharing this valuable information.I have a blog about computer and internet
how to create email subscription form
This is the lyrics website that provide information about latest lyrics songs
If you are Looking current affair and sarkari naukari information you can find here
This is really a good information for us. If you are a Fitness freak so you can read our Quotes which will motivate you.
भूख न देखें जूठी रोटी, नींद न देखें टूटी खाट।
पेट न हो तो भेंट न हो।
शानदार अभिव्यक्ति। सादर
बहुत ही शानदार रचना ।
बहुत ही बढ़िया रचना
उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् (सिर्फ आधार और पैनकार्ड से लिजिये तुरंत घर बैठे लोन)
आदरणीय सर प्रणाम, सच बात है भूख के सामने हर इंसान विवस हो जाता है बहुत अच्छाी पोस्ट है ।
सराहनीय अभिव्यक्ति
wow apne bahut hi jada ache Quotes likhe
Bahut khub love failure quotes telugu
best laptops
Sahi baat he, bhukh insan ko kuch bhi kara sakti he, Saabhar
Atiuttam
Please see my poem on my blog please
Please see my poem on my blog please
Please see my blog
Post a Comment