मुक्तक "वही उद्यान होता है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Sunday, February 20, 2022
जहाँ पर फूल खिलते हों, वही उद्यान होता है किसी के तोड़ना दिल को, बहुत आसान होता है सभी को बाँटती खुशियाँ, कली जब मुस्कराती है सभी को रूप पर उसके, बहुत अभिमान होता है |