order date- 23-12-1012 को xelectron resistive SIM calling tablet WS777 का आर्डर किया था। जिसकी डिलीवरी मुझे Delivery date- 11-01-2013 को प्राप्त हुई। इस टैब-पी.सी में मुझे निम्न कमियाँ मिली-
1- Camera is not working.
2- U-Tube is not working.
3- Skype is not working.
4- Google Map is not working.
5- Navigation is not working.
6- in this product found only one camera. Back side camera is not in this product. but product advertisement says this product has 2 cameras.
7- Wi-Fi singals quality is very poor.
8- The battery charger of this product (xelectron resistive SIM calling tablet WS777) has stopped work dated 12-01-2013 3p.m. 9- So this product is useless to me.
10- Napptol.com cheating me.
विनीत जी!!
आपने मेरी शिकायत पर करोई ध्यान नहीं दिया!
नापतोल के विश्वास पर मैंने यह टैबलेट पी.सी. आपके चैनल से खरीदा था!
मैंने इस पर एक आलेख अपने ब्लॉग "धरा के रंग"पर लगाया था!
कविता : " आँधी "
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*" आँधी "*
आँधी आई जोर - जोर से ,
डाले टूटी है झुकोर से ,
उड़ा घोसला , अंडे फूटे ,
किस्से दुःख कहेगी ,
अब यह चिडिंया कहा रहेगी ,
आँधी आई जोर - जोर से ,
ग...
मुहावरे ढूँढो :
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मुहावरे ढूँढो :
चेहरे की हवाइयाँ उड़ गईं, देख लिया जब शेर ,
भीगी बिल्ली बना बहादुर , भागा लाई न देर |
पास हुआ तो फूला नहीं , समाया पप्पू राम |
घर बसाकर समझ ...
Chaitanya's Cartoony Communications - :)
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Classmate - Chaitanya..... what is your age ???
Chaitanya- I am not sure ... it keeps changing.
Classmate - Awww !! 😱😱 How ???
Chaitanya - One day my ...
मेरे मार्गदर्शक का जन्मदिन
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आज मेरे मार्गदर्शक दिवगंत दादा जी का जन्मदिन है उनका जन्म
विजयादशमी पर्व पर हुआ था औऱ उस दिन गांधी जयंती भी थी आज अगर वे जीवित होते
89 वर्...
पापा, आप असली हीरो हो
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आज फादर्स डे मनाया जा रहा है. सभी इसे मना रहे हैं तो हमने भी सोचा कि हम भी
फादर्स डे मना लें. अब सिर्फ ‘हैप्पी फादर्स डे’ कह देने का मन नहीं हुआ.
विचार आ...
Oil pastel
-
Oil Pastel Village scenery
Hi everybody !
This is my new pastel drawing of a village scene with a lake. I spent an an
hour and half for this.
Hope you li...
बरसों बरस की मित्रता है हमारी
-
बरसों बरस की मित्रता है हमारी
हमारी पहली मुलाकात कब, कहां और कैसे हुई, याद नहीं। हां, यह जरूर याद है कि
जब हम पहली बार मिले तब ऐसा कतई नहीं लगा कि यह हमारी...
मिट्टी की गुडिया
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ये ब्लॉग कोना , मैंने अपने दोनों बच्चों के बढ़ते सफ़र को उनके चित्रों ,
तस्वीरों , और शब्दों में सहेजने के लिए बनाया था | कभी कभार खींची उनकी
तसवीरें , आ...
मुझे अपना दोस्त बना लो
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आदिल के घर के पड़ोस में शर्मा अंकल रहते थे. उनका घर बहुत बड़ा था. बच्चे उनसे
बहुत डरते थे. क्योंकि उनकी बड़ी बड़ी मूंछे थी जिसके कारण वो डरावने दिखते थे.
उनक...
गर्मी मीठे फल है लाती
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लाल लाल तरबूजे लाती,
गर्मी मीठे फल है लाती.
आम फलों का राजा होता,
बच्चों को मनभावन लगता.
मीठे पके आम सब खाते,
मेंगो शेक भी अच्छा लगता.
खरबूजा गर्मी में आ...
'मेरा मन उचट गया है त्यौहारों से'
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मेरा मन उचट गया है त्यौहारों से… मेरे कान फ़ट चुके हैं सवेरे से लाउड वाहियत
गाने सुनकर और फ़ुर्र हो चुका है गर्व। ये कौनसा रंग है मेरे देश का? बिल्कुल
ऐसा ...
सपत्नीक सम्मानित.....
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विप्र फाउण्डेशन, हनुमानगढ़ की ओर से साहित्य की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए
समस्त ब्राह्मण समाज के भव्य समारोह में सपत्नीक सम्मानित करते हुए.....
इन दिनों की जादू की ड्रॉइंग्स
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जादू को ड्रॉइंग का शौक़ काफी समय से है।
आजकल चूंकि घर के नीचे वाली सड़क को कोलतार वाली सड़क से कॉन्क्रीट वाली सड़क
में बदला जा रहा है। इसलिए जादू आते-जा...
निश्छल मन...., भोली बातें !!
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आज हमारी नन्ही बेटी ने हमें ऑफिस फ़ोन किया . पंखुरी बेटी से बात करना एक इतना
प्यारा अनुभव है जिसे सिर्फ़ महसूस ही किया जा सकता है. तो लीजिए आप भी हमारे
इस...
नाकारा साबित हुईं राजनीति कि चाल
-
नाकारा साबित हुईं राजनीति कि चाल,
आम आदमी पार्टी ने वो किया कमाल।
वोटर नेता से कहे - 'अब तो जाओ चेत,
लूट-दलाली छोड़ दो समझो कुछ संकेत'।
मोदी कि बाँछें खि...
मेरी प्यारी नानी
-
मेरी नानी अमेरिका आ गई है। जून २४ को हमलोग सब हवाई अड्डे गये उनको लाने
के लिए। ग्यारह बजे हमलोग सब नानी के साथ घर पहुँच गये थे. जब हमलोग घर आगये
थे उ...
पीरखाना, बंटी बाबा और करिश्में
-
*एक ऐसा स्थान जहाँ मन भी बदलते हैं और जिंदगी के रंग ढंग भी*
*लुधियाना की काकोवाल रोड पर स्थित न्यू अग्रवाल पीरखाना एक ऐसा धार्मिक स्थान
है जहाँ लोगों के मन ...
ओ मेरे पापा , ओ मेरी मम्मा
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ओ मेरे पापा , ओ मेरी मम्मा
एक बात सुनाऊं मैं
मैं ही सत्य हूँ
मैं ही सुन्दर
शिव तुम्हारा भी हूँ मैं
तेरा सपना
और हकीकत
तेरा आकाश हूँ मैं ...
तेरा बच...
कविता एक सुरीली : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत
-
*सभी नन्हे साथियों को ढेर-सारा प्यार!*
नए साल में मैं अभी तक
सरस पायस पर कोई रचना नहीं सजा पाया था!
आज अंतरजाल पर विचरण करते समय
मेरी मुलाकात अनुष्का से...
चकई के चकादुम
-
चकई के चकादुम, चकई के चकादुम,
गांव की मडैया, साथ रहें हम तुम!
चकई के चकादुम, चकई के चकादुम
ग्वाले की गैया, दूध पिएँ हम तुम!
चकई के चकादुम, चकई के चकादुम
...
मेरे नाम अनेक -डा. नागेश पांडेय 'संजय'
-
*शिशुगीत : डा. नागेश पांडेय 'संजय'*
मेरे नाम अनेक , दोस्तों ,
मैं छोटा सा भोलू .
कोई मुझसे सोनू कहता ,
कोई कहता गोलू .
दादा जी कहते हैं टिंकू ,
दादी क...
फिर जहाँ थे वहीं चले ....!!
-
इस बार जन्मदिन की धूम बहुत दिन चली . ममा पापा और सभी चाहने वालों ने मिलकर
बर्थडे वीक सेलिब्रेट किया . ४थे जन्मदिन पर ४-४ केक काटे गए . डीज़नी लेंड
में मिकी...
मैं प्रधानमंत्री बनी तो देश का लुक बदल दूंगी
-
महज 13 साल की लड़की सड़क पर किसी आदमी को पोलीथीन फेंकते देखकर कहती है कि अगर
मैं कभी देश की प्रधानमंत्री बनी तो देश का पूरा लूक ही बदल दूंगी।
यह लड़की और कोई न...
ज्ञ से ज्ञानी........
-
ज्ञ कहता है प्यारे बच्चों,
अब आई है मेरी बारी,
शांत होकर बैठो सभी,
सुनो मेरी कहानी प्यारी।
ज् व ञ के मिलने से,
मैं अस्तित्व में आया,
वर्णमाला का अ...
अनुष्का दीदी
-
*Hello अनुष्का दीदी आप कैसे हो? और आप क्या कहना चाहती हो ?*
*"मेरा नाम अनुष्का झाँ है। मै केजी-२ में पढ़ती हूँ, मेरे स्कूल का नाम श्री
गुरु विद्या भवन...
युद्ध
-
युद्ध / अनीता सैनी
…..
तुम्हें पता है!
साहित्य की भूमि पर
लड़े जाने वाले युद्ध
आसान नहीं होते
वैसे ही
आसान नहीं होता
यहाँ से लौटना
इस धरती पर आ...
2019 का वार्षिक अवलोकन (सत्ताईसवां)
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डॉ. मोनिका शर्मा का ब्लॉग
Search Results
Web results
परिसंवाद
*आपसी रंजिशों से उपजी अमानवीयता चिंतनीय*
अमानवीय सोच और क्रूरता की कोई हद नहीं बची ह...
स्वागतम्
-
मित्रों,
सभी को अभिवादन !!
बहुत दिनों के बाद कोई पोस्ट लिख रहा हूँ |
इतने दिनों ब्लॉगिंग से बिलकुल दूर ही रहा | बहुत से मित्रों ने इस बीच कई
ब्लॉग के लि...
कम से कम सामान रखना, जिन्दगी आसान रखना
-
कम से कम सामान रखना
जिन्दगी आसान रखना ।
फिक्र औरों की है लाजिम
पहले अपना ख्याल रखना।।
हर कोई कतरा के चल दे
नहीं ऐसा अभिमान करना।
भीड़ में घुलमिल के भी त...
कविता -अमित अकबरपुरी
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*जीवन का सत्य मरण में है *
*बाक़ी सब कुछ विचरण में है ,*
*जो उदय हुआ वो अस्त भी है*
*पागल मानव तो व्यस्त ही है *
*एक हवा भी आएगी इक दिन*
*ले जाय...
2 Cara Screenshot Hp Xiaomi dengan Mudah
-
*Cara Screenshot Hp Xiaomi dengan Mudah. Me*ngambil gambar layar Android
disebut screenshot. Melakukan screen capture di Layar Xiaomi android
bukanlah hal ...
Online Diaries - 01
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यही सुकून है मेरे लिए, यही तलाश और तलाश की मंजिल भी।
लिखने के लिए सबसे पहली शर्त है आलोचना से बचने की कोशिश से मुक्त होना।
ये मुक्ति ही लिखने की दुनिया का ...
कुछ कहना हैं...: जिंदगी के पल
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कुछ कहना हैं...: जिंदगी के पल: हमारी जिंदगी में कुछ ऐसे पल आते है ' जिसे हम
कभी भुला नहीं सकते और किसी के सामने बयां भी नहीं कर सकते. ऐसे पालो को याद
करने ...
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सुना था रिश्तों की शुरुआत में, होती है जुस्तज़ू
मगर सिर्फ़ इतने छोटे सफ़र के लिए, ये सोचा ना था
सुना था तब हर पल होती है, हमसफ़र की आरज़ू
मगर सिर्फ़ इतने छो...
बन्नी / विवाह-गीत (लोक-गीत)
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गौरा-पार्वती के आगे, शंकर-पार्वती के आगे
अपना भाग माँगन जैहें
हाँ... सुहाग माँगन जैहें.....
बाबा ऐसो वर ढूँढ़ो, मैया ऐसो वर ढूँढ़ो
जिनके हों लक्ष्म...
नई वेबसाइट!
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ज्योतिष से सम्बन्धित नए-पुराने सभी लेखों के लिए कृपया नीचे दिए गए लिंक पर
जाएँ...
http://www.dhoomket...
Ek Baat H !!!!
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Kuch din ka saath , Kuch pyri si yaad , Ab bas ek baat h, Jo mujhey yaad h
... Kyu tm badal gyi, Kyu hm badal gye, Tmse dur hue jb, Toh duniya hmri
badal...
internet trickss...
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hello every one ....still awaiting for my new blog...........friends
its now starting for new takniki sahta.................
enjoying
जय माँ \दी
क्या सदैव सत्य बोला जा सकता है?
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क्या मैं सदैव सत्य बोलता हूँ? बोल पाता हूँ? क्यूँ ? एक ऐसा प्रश्न जिसका
उत्तर आसान भी है और बहुत कठिन भी. बहुत आसान है यह कहना कि जिसे मेरा मन या
अंतरात्म...
झाँसी की रानी पर आधारित "आल्हा छंद"
-
झाँसी की रानी पर आधारित 'अखंड भारत' पत्रिका के वर्तमान अंक में सम्मिलित
मेरी एक रचना. हार्दिक आभार भाई अरविन्द योगी एवं सामोद भाई जी का.
सन पैंतीस नवंबर उ...
बॉर्डर और बिहार
-
बिहार के सीमांत जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में पोरस बॉर्डर से
होकर जो समस्याएं प्रवेश कर रही हैं, उनके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। सतत
घुसपै...
क्रिसमस की हार्दिक बधाइयाँ
-
*मेरा Exam आज से शुरू हो रहा है इसलिए ये पोस्ट मैं वक़्त से पहले दे रहा
हूँ....*
*क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाल...
रिमाइंडर बाबा का कमाल
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यदि आप भुलक्कड है नाराज ना हो श्रीमान अधिका कार्य के कारण यह आजकल होना
लाजमी है इसी के सम्बंध मे मैने कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर मे एक काम की
जानकारी प...
खुशी का अणु
-
*किसी ने कहा जानते हो *
*सबसे छोटा अणु होता हैखुशी का अणु*
*उसी बात को याद करते हुऎ मैंने आगे कुछ इस तरह लिखामैं भी तो तरसती हूँ उसी
एक छोटे से ...
-
*****माँ *****
ओ माँ तुझे सलाम ................
अपने बच्चे तुझको प्यारे
रावण हो या राम .........
क्या आप भी इस बात से सहमत है ???????
और है तो कितना % सहमत...
मेरा पैगाम
-
नमस्कार दोस्तों!......कहते है, ''जान है तो जहान है!''......शायद
सच ही है!...जिन्दगी के कुछ सपने है, कुछ लक्ष्य है, जिन्हें हासिल करने के
लिए निर...
Back in Black
-
It has been an awfully long time since I wrote. As a matter of fact, it's
been quite a long time since I did something meaningful on the internet.
What in ...
बुद्धिमानों की सलाह
-
एक बहुत बडा विशाल पेड था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत स्याना
हंस था,बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे।
एक दिन ...
मुक्तक...
-
एक बाइक वाला उधर से आ रहा था,
एक रिक्शावाला उधर को जा रहा था।
एक गाड़ी वाला दोनों से जा टकराया,
वो ग्रीन लाइट जंप करके जा रहा था।
आजकल मैं ना कोई का...
कलम
-
रचनाकार - ऋता शेखर 'मधु'
विधा - नवगीत
विषय - कलम, लेखनी
चिंतन की भीड़ से पन्नों को आस
कलम की सड़क पर शब्द चले खास
परिश्रम के पेड़ पर मीठे लगे फल
स्य...
नम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएं
-
नम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएंनम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएं।
अगर आप यह पता लगाना चाहते है कि आपके नाम पर कितने सिम एक्टिव है। तो मेरा यह
आर्टि...
कम से कम सामान रखना, जिन्दगी आसान रखना
-
कम से कम सामान रखना
जिन्दगी आसान रखना ।
फिक्र औरों की है लाजिम
पहले अपना ख्याल रखना।।
हर कोई कतरा के चल दे
नहीं ऐसा अभिमान करना।
भीड़ में घुलमिल के भी त...
Battle of Jawar ki Gadhi
-
Battle of Jawar ki Gadhi : Rao Bahadur Thakur Narendra Singh
Without entering into Colonel James Tod's speculation about the Jat's
identity with the Got...
793. किरदार
-
किरदार
***
थक गई हूँ अपने किरदार से
इस किरदार को बदलना होगा
ढेरों शिकायत है वक़्त से
कुछ तो उपाय करना होगा
वक़्त न लौटता है, न थमता है
मुझे ख़ुद को अब रोकना...
वक्त की परछाइयां !
-
उस हवेली में भी कभी, वाशिंदों की दमक हुआ करती थी,
हर शय मुसाफ़िर वहां,हर चीज की चमक हुआ करती थी,
अतिथि,आगंतुक,अभ्यागत, हर जमवाडे का क्या कहना,
रसूखदार ह...
सुर्ख गुलाब
-
एक सुर्ख़ गुलाब देकर
कर देते हैं लोग
अपनी भावनाओं का इज़हार।
यदि
यही है
अपने प्रीत को बयाँ करना
तो कई बार बांधे मैंने
ख़ुद ही अपने
जुड़े में सुर्ख़ गुल...
"बात करो दिल खोल कर"
-
अच्छा बोलो, सच्चा बोलो, बात करो दिल खोल कर,
सबको वश में कर सकते हो, मीठी वीणी बोल कर।
सच के साथ ज़मीर तुम्हारा,
खड़ा साथ में सदा रहेगा।
युगो...
आदमी
-
सोना जब
भट्टी मे तपता है
कुन्दन बनता है ,
और जब कसौटी
पर खरा उतरता है
उसका सही दाम लगता है
वाह रे !
मेरे देश ; यहाँ
जब कोई इंसान
तप कर
हर कसौटी पर
खरा उतरता...
उत्तरी कारो नदी में पदयात्रा Torpa , Jharkhand
-
कारो और कोयल ये दो प्यारी नदियां कभी सघन वनों तो कभी कृषि योग्य पठारी
इलाकों के बीच से बहती हुई दक्षिणी झारखंड को सींचती हैं। बरसात में उफनती ये
नदियां...
शैवालिनी...!!!
-
उद्भव से अग्रसर होते हुए
शैवालिनी के प्रवाह का और
बहते हुए मन के भावों का
अद्भुत तालमेल है...
दोनों में तिरते हुए
समन्वित अनुरक्त प्रकृति का
चेत...
समय की बात!
-
उम्र खर्च हो गयी
बिना सोचे-समझे,
बहुत पैसे कमाने के लिए।
धनी आज बहुत हैं,
रखने की जगह नहीं,
बस चुप हो गया।
वक़्त ही नहीं मिला संभालें,
जैसे भी थे...
श्री राम चरित मानस अमृत वाणी_49
-
श्री राम चरित मानस अमृतवाणी _49
आज ये मानस पाठ किया
कृपया नित्य सुबह सुनें मानस पाठ , मित्रों आप से प्रोत्साहन और सुझाव मिलता
रहे
जय श्री राम
दे ऐसा आशी...
स्व प्रतियोगी
-
रोहित का आज आठवीं कक्षा का परिणाम घोषित होना था। पिछले वर्ष वह प्रथम आया
था, इस वर्ष भी उसे यही उम्मीद थी। विघालय में प्रतिवर्ष परीक्षा परिणाम घोषित
करन...
जब रात स्वप्न
-
जब रात स्वप्न
मन में से
आने जाने लगे
उन को मन में
बसने दिया जाए
कब तक उस पर निर्भर रहे
नही कहां जा सकता|
मन के अनुसार चला
आ सकता |
आशा...
एक परिचय : दीक्षा राणा
-
एक परिचय वो ख़ास सा है आधार ही जिसका मिठास सा है । कहने को तो वो आम सा है
पर जिंदगी में उसका होना ईनाम सा है । जिसका छूना ही एक आराम सा है उसका दूर
होना एक...
रेडियो भूली बिसरी स्मृतियां
-
ये आकाशवाणी है..........।
रेडियो पर ये उद्घोषणा सुनते ही एक अजब अनुभूति का आभास होता है। जैसे आकाश
से वाणी सुनाई दे रही हो। आकाशवाणी से ये शब्द सुनत...
Top Fresh Hoods Coupon & Promo Codes
-
Wearing what you want is important since it does not only give you
convenience, it also lets you move freely. Selecting the best clothing
pieces takes time...
छायादार पेड़ की सजा
-
www.sahityakar.com
मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों
की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं...
खबर अब भी नहीं तुमको ?
-
*खड़ी मायूस हूँ कबसे*
*खबर ये भी नहीं मुझको *
*जमीं ये जल गयी कैसे*
*खबर ये भी नहीं तुमको !*
*मेरे घर का जो हो तिनका *
*सहेजे उसको फिरती हूँ *
*तो फिर बस्...
कविता
-
पानी भरे खेतों में
धान रोपते किसान
फैक्ट्रियों में
उत्पाद तैयार करते
मज़दूर
अट्टालिकाएँ बनाते
राजमिस्त्री
रच रहे होते हैं कविता
कविता
सिर्फ़ कवि नहीं लिखता
...
free live demo based on lal kitab
-
लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो
क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे
तक होगा...
लक्ष्य पर ध्यान जीवन में कितना जरुरी है ?
-
[image: लक्ष्य पर ध्यान दें]
लक्ष्य पर ध्यान रखें लक्ष्य पर ध्यान
बात चाहे अपने आस-पास की हो या दूरदराज के किसी क्षेत्र अथवा देश विदेश
की, लेकिन ...
हाइगा के लिए दूसरी आई डी
-
इस पोस्ट के जरिए मैं अपना खेद व्यक्त कर रही हूँ कि आपमें से बहुत मित्रों
ने हाइगा बनाने के लिए अपने हाइकु भेजे होंगे...किन्तु उसके लिए जो मेल आई डी
दिया थ...
सब कुछ ठीक हैं क्या ?
-
मतदान के पूर्व किसी सरकार के फ्री आफर , दोनों हाथों से धन का अपार व्यय या
लोकलुभावन कार्य के निम्न कारण होते है -
1. पब्लिक को अपने तरफ आकर्षित करना
2.अप...
नहीं दिखाएंगे बनाम हम देखेंगे
-
ऐसे मौक़े पर किसी एक पक्ष के बारे में रचना लिख दो, अकसर मशहूर हो जाती है।
किसीने लिख दिया कि हम पेपर नहीं दिखाएंगे।
बिलकुल ठीक है, नागरिकता वगैरह के पेपर ...
डर
-
प्रधानमंत्री आवास योजना से मिले घर मे सौभाग्य योजना के बल्ब के उजाले में
उज्ज्वला योजना की गैस पर बनी चाय पीते हुए आदमी अगर CAA से डरा हुआ है तो
समझिये नास...
-
वृक्ष
अगले जन्म में
मैं बनना चाहता हूँ एक वृक्ष
फलदार,बरगद,पीपल या नीम ही सही
छाया तो दूंगा
पक्षी जब बनाएँगे घोसले
तो कितना इतराऊगां मैं
अगर नीम बन गया
तो ...
छत्तीसगढ़ी साहित्य के विकास यात्रा
-
छत्तीसगढ़ी ह छत्तीसगढ़ के महतारी भाखा आए, जेन ल राजभासा के दर्जा तको मिले
हावय। छत्तीसगढ़ के साहित्य ह तइहा समे ले कथा कंथली अउ गाथा के रूप म मौखिक
रूप ले लो...
मार्ग कंटकाकीर्ण है, जीर्ण-शीर्ण पद-त्राण-
-
चढ़ा शिखर पर कल कलश, लेकिन आज मलीन।
चमक द्वेष-छल ने लिया, कुछ वर्षों में छीन।।
पनघट पर घटना घटी, मचा भयंकर शोर।
कलस लिए कटि कलसिरी, करे कलह पुरजोर।
नहीं जब...
विधाता छन्द
-
हुआ #नाकाम बन्दा तो, करे वह #इश्क की पूजा।
बदलकर नाम अपना वह रखे उपनाम ही दूजा।
गजल गाता, घुमक्कड़ बन, सदा दारू पिये उम्दा-
#मुकम्मल #इश्क फेरे में, रहे हर ...
काया
-
काया महकाई सतत, लेकिन हृदय मलीन।
चहकाई वाणी विकट, प्राणी बुद्धिविहीन।
प्राणी बुद्धिविहीन, भरी है हीन भावना।
खिसकी जाय जमीन, न करता किन्तु सामना।
पाकर उच्चस्...
रेप करने से बचने के कारगर उपाय
-
"यह मेसेज हर उस लड़की को भेजें जिससे आप प्यार करते हैं, जिनकी आप इज्ज़त करते
हैं। देश की हर एक लड़की तक आज इस सन्देश का पहुँचना ज़रूरी है।"
ऐसा कोई न कोई मैसे...
बड़े अरमान है कि मखमली
-
बड़े अरमान है कि, मखमली गालो पे रंग डालूँ।
कि वो हँसते रहे, हँसते हुए मै उनपे रंग डालूँ।।
कि ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपना रंग दे...
सर्दी ने ढाया सितम
-
नस्कार मित्रो। नव वर्षा की शुभकामनाओं के साथ मै सर्दी का एक तौहफा लेकर
आई हूँ
*सर्दी ने ढाया सितम*
ठिठुरती काँपती ऊँगलियाँ
माने नहीं छूने को कलम
...
-
*ग़ज़ल*
*____________*
कहा हो हम ने कुछ , ऐसा नहीं है
कभी तुम ने भी तो पूछा नहीं है
***
मिला इन’आम सच कहने का उस को
कड़ी है धूप और साया नहीं है
***
सिखाया तज्...
ख्वाव तेरे किरचियाँ बन ...
-
ख़्वाब तेरी किरचियाँ बन आँखों को अब चुभने लगी
गम की आँधियाँ इस तरह ख्वाबों के धूल उड़ा गए
मंज़िल पास थी रास्ता साफ था दो कदम डग भरने थे
गलतफहमी की ऐसी हवा ...
हिंदी ब्लागिंग के कलंक !
-
कल से ही सोच रहा हूं कि कम से कम अंतर्रराष्ट्रीय हिंदी ब्लागिंग दिवस पर कुछ
तो लिखा जाए, मित्र भी लगातार याद दिला रहे हैं, पूछ रहे हैं कहां गायब है,
इन...
..और तुम्हारी याद आयी है
-
आज बगीचे के उस कोने में
कुछ पीले
फूल खिले हैं ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज आसमानों को छूता
चिड़ियों का
एक झुण्ड उड़ा है..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज हवा ...
खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
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खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
कितने पौधे हमने पाले
नन्ही मेरी क्यारी में
सुंदर सी फुलवारी में !
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सूखी रूखी धरती मिटटी
ढो ढो कर जल लाता...
श्री राम की सहोदरी : भगवती शांता सर्ग-४
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भाग-1
कौशिकी-कोसी
सृन्गेश्वर महादेव
भगिनी विश्वामित्र की, सत्यवती था नाम |
षोडश सुन्दर रूपसी, बनी रिचिक की बाम ||
मत्तगयन्द सवैया
नारि सँवार रही ...
बरबादी ।
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*बिलकुल सही है, मुझ से इश्क न फरमाने का फैसला तेरा,*
*मेरी बरबादी के लिए, तो बस काफ़ी है तेरी बददुआ...!*
मार्कण्ड दवे । दिनांकः १२ अगस्त २०१६.
दियों की दिवाली - २०१६ Diyon ki Diwali 2016
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जो दिये के
तल अँधेरा
रह गया था उस दिवाली
इस दिवाली
उस तमस् को भी नया दिनमान देना
कुछ अँधेरे झोपड़ों पर
याद रखना इक नजऱ
देखना अबकी चमकती
हर हवेली के परे...
सेवा कृतज्ञता और क्षमा
-
एक राजा था। उसने 10 खूंखार जंगली कुत्ते पाल रखे थे। जिनका इस्तेमाल वह
लोगों को उनके द्वारा की गयी गलतियों पर मौत की सजा देने के लिए करता था।
एक बार कुछ ऐसा...
तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत....
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तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत,
कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत।
झंकृत है ये तन,मन और जीवन,
हो रहा है ह्रदय नर्तन,
थिरक कर कर रही कोशिश,
झूमने की आज द...
वोट बैंक बनाम इंसान
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जानेवालों ज़रा मुड़ के देखो मुझे
एक इंसान हूँ, मैं तुम्हारी तरह.
आज मुझे लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल का ये गाना याद आ रहा है. फिल्म दोस्ती में दो
अपंग थे समाज...
सुख-दुःख का अधिष्ठाता 'मन'
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* मोहग्रस्त *मनुष्य अज्ञान के कारण मानव-जीवन का ठीक-ठीक
महत्व नहीँ समझ पा रहा है। चूँकि उसे मनुष...
প্রেম মানে
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প্রেম মানে চুপচাপ টুপটাপ গল্প প্রেম হলো আদরের আষাঢে স্বপ্ন প্রেম মানে
বিশ্বাস প্রাণ ভরা নিশ্বাস ছোট কোনো গল্পের পুরনতার আশ্বাস প্রেম যদি দিক্ভ্রম
তবে কেন ...
यह भी बीत जायेगा
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घर के आस-पड़ोस में कई प्राणी देखने को मिल जाते हैं। कुछ जो सुबह सुबह अपनी
ज़िन्दगी को दो-चार भली बुरी बातें बोलते हुए अपने काम को निकल जाते हैं।
परिवार के...
ऐ मेरे मन....
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किसी के कहने पर कुछ कहना ...
किसी दूसरे की भावनाओ मे बहना..
अपने भीतर के प्रकाश को कमजोर कर जाता है।
ऐ मेरे मन....
दूसरो को छोड़..
अपने भीतर के प्रकाश पर वि...
THE MOMENT WHEN I WAS REALLY FRIGHTENED
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आइये आज आपको मिलवाती हूँ एक नवोदित उभरती हुई रचनाकार से ! यह है वाणी, मेरी
पोती, जो कक्षा ९ की विद्यार्थी है ! आज पढ़िए उसका लिखा हुआ यह अनुभव जो उसने
कु...
मन गुरु में ऐसा रमा, हरि की रही न चाह
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ॐ
श्री गुरुवे नमः
*ॐ ब्रह्मानंदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम् ।*
* द्वंद्वातीतं गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम् ॥ एकं नित्यं विमलमचलं
सर्वधीसाक्षीभूतम् । ...
तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम
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यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन नदियों के पास मेरे दे...
..… .नारी ...
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*जब भी चाहा असत से विरक्त होना *
*विलुप्तियों के अन्धकार में छुप जाना तुम मुस्कातीगुदगुदाती हो मुझे और मैं
हंस *
*पड़ता हूँ खिलखिलाते **………………………...
गौमांस निषेध को अपना समर्थन दीजिए………
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सात आसान चरण गाय को गौमांस का सामान बनने से बचाने के लिए...
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जिंदगी का पता न दे.........
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चित्र गूगल साभार
ऐ खुदा, मुझे फिर से ये सजा न दे
कज़ा है मुकद्दर मेरा जिंदगी का पता न दे।
अश्कों से भर गया है दरिया-ए-मोहब्बत मेरा
फिर से चाहुँ मैं कि...
वह एक ख़ामोश कज़रारी शाम
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वह एक ख़ामोश कज़रारी शाम थी जब किसी ने पीछे से कन्धे पर हाथ रखकर खनकती आवाज़
में पूछा था "मेरे साथ चलोगे बाबू!" और उसे बिना देखे मेरे मुँह से अनायास
निकला था...
विचार
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विचार ...?
निराली सी इनकी दुनियाँ
आते हैं |जाते है |
निरंतर मन के आकाश पर
घुमड़ते रहते है|
आवारा बादलों की तरह ,
ऊपर नीचे
व्र्त्ताकर ,त्रिकोण ,चतुर्भु...
जिंदगी एक कविता
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नहीं सूझती कविता अब कोई,
जिंदगी खुद एक कविता बनी है।
ढली है सुरमई शाम बनकर,
शंखनाद बन सुबह को गूंजी है।
विराम मिला है बुद्धि को,
जैसे युद्ध के बाद,
प्रेम य...
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*चल हसरतो के गावँ एक पौधा लगाये*
*चल हसरतो के गावँ एक पौधा लगाये*
नीला था जो था हरा कभी
मद्धम था जो वेगा कभी
काली पड़ी नदिया को चल निर्मल बनाए
छिन छिन पड़े...
महिला दिवस
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महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत
हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं,
बेख...
बचपन : कड़ी भाग 2
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कहने को तिकड़ी थी।
एक थी बुलबुल, एक थी टीना, और एक मैं दोनों से छोटी, बोले तो सबसे छोटी
टिन्नी,,, ।
मुझे तब भी झुंडों की जरुरत नहीं थी, वो दोनों मुझसे बड़ी ...
प्रतिदान
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बेटा ! तुम पहली बार घर से कहीं बाहर जा रही हो, सम्हल कर रहना, दूर घूमने
नहीं जाना, शाम होने के बाद हॅास्टल से बाहर नहीं निकलना, किसी से ज्यादा
अनावश्यक घु...
हवा
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स्वछंद माहौल गर हो
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती ह...
अगर ऐसा नहीं वैसा हुआ तो?
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नही बरसी मगर छाई घटा तोज़मीं को दे गयी इक हौसला तो! न कुछ मैंने किया इस
कश्मकश में अगर ऐसा नहीं वैसा हुआ तो? किये हैं बंद सारे रास्ते, पर
जबर्दस्ती वो दिल ...
हिन्दी साहित्य पहेली 107 का सही उत्तर और विजेता
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*प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,घोषित है हिन्दी सहित्य पहेली 107 का सही उत्तर*
*नल दमयंती*
*और अब चर्चा इस पहेली 107 के परिणाम पर1- और आज की पहेली में ...
प्रकृति से दो टूक
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देवेश
हम बूँद बूँद को तरसे
तुम वहाँ इतना क्यूँ बरसे
हमको मारा बिन पानी
उनको मारा पानी पानी में
तुम कहते हो ये मेरा प्रतिशोध है
मैं कहता हूँ उन निर्दोषों...
आपको भी होली की अग्रिम शुभकामनाएं...
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* लाल रंग आपके गालों के लिए;*
*काला रंग आपके बालों के लिए;*
*नीला रंग आपकी आँखों के लिए;*
*पीला रंग आपके हाथों के लिए;*
*गुलाबी रंग आपके सपनों के लिए;*
*सफ़...
हमारी भी सुनो!
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*हमारी भी सुनो!*
*..गृहिणियां!..कुछ कामकाजी है और कुछ नहीं भी है...घर परिवार से थोड़ी दूरी
बनाकर,अपना एक अलग ग्रुप बनाकर मिलने-जुलने का प्रबंध करती है!...यह...
ज़रा सोचिये !
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बलात्कारियों के लिए कौनसी सजा उचित है या होनी चाहिए ये तो देश के बुद्धिजीवी
और प्रबुद्ध व्यक्ति तय कर ही लेंगे मगर मैं कुछ और भी सोचता हूँ, जो कुछ इस
तर...
मोमबतिया फूकने दरिंदो की दरिंदगी नहीं रुकेगी
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23 वर्षीय दामिनी (परिवर्तित नाम )
द्वारका मोड़ जाने के लिए अपने एक मित्र के
साथ बस का इन्तेज़ार कर रही थी ,
तभी एक स्कूल बस उन्हें देखकर रूकती है और
बस का ड्...
कबीर के श्लोक - १२१
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*ढूंढ्त डोलहि अंध गति , अरु चीनत नाही संत॥कहि नामा किऊ पाईऐ , खिनु भगतहु
भगवंतु॥२४१॥*
कबीर जी कहते हैं कि नामदेव जी कहते हैं -जीव खोज खोज कर परेशान हो जात...
OBO -छंद ज्ञान / गजल ज्ञान
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उर्दू से हिन्दी का शब्दकोश
*http://shabdvyuh.com/*
ग़ज़ल शब्दावली (उदाहरण सहित) - 2 गीतिका छंद
वीर छंद या आल्हा छंद
'मत्त सवैया' या 'राधेश्यामी छंद' :एक ...
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*फेसबुक मैत्री सम्मेलन: किशोर श्रीवास्तव कृत जन चेतना कार्टून पोस्टर
प्रदर्शनी ‘‘खरी-खरी‘‘ के आयोजन *
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत...
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*1] फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन*
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं
अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेस...
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*1] फेसबुक मैत्री सम्मेलन का आयोजन*
भरतपुर। यहॉं 29-30 सितम्बर,2012 को हम सब साथ साथ पत्रिका, नई दिल्ली एवं
अपना घर, भरतपुर के संयुक्त तत्वावधान में फेस...
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15, श्री त्रिलोक सिंह ठकुरेला व उनकी लघुकथाएं:
पाठकों को बिना किसी भेदभाव के अच्छी लघुकथाओं व लघुकथाकारों से रूबरू कराने
के क्रम में हम इस बार *श्री ...
जयहिंद!
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समस्त सम्माननीय मित्रों को स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक बधाईयों सहित एक
नज़्म सादर समर्पित...
झुक नहीं सकता कभी भी मान यह अभिमान है।
यह तिरंगा ही हम...
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
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इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और
यंत्र बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई
बार तो लग...
इन दिनों बस्तर में
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इन दिनों बस्तर में.
इन दिनों
चिंतित है,लकडहारे
घटते जंगलो से.
परेशां है,शिकारी
शेरो की घटती संख्या से
दहशत में है,ठेकेदार
नक्सलियों की दहशत से.
राज...
काग्रेस सरकार जिन्दाबाद..
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एक आदमी ने मछली पकडी और घर लाया,
घर मेँ ना तेल था ना आटा,
ना गैस था ना लकडी,
ना मसाला ना मिर्च, उसने वापस मछली को नदी मे छोड दिया , नदी मे पहुचते ही
मछली चि...
रेतघड़ी
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दिन बुरे नहीं थे जब पानी और सूरज घरो की छ्प्परें लाँघ जाते थे,
जब हवा भी बिन पूछे दरवाजा धेलकर अंदर आ जाती थी,
जब दिन की शुरूवात पंछियों के चहचाहट और राते...
आलस्य :मेरा दोस्त
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*आज सुबह मैंने पूछा आलस्य से," भाई, तुम क्यूँ मुझे इतना सताते हो?हर समय बिन
बुलाये मेहमान के जैसे आस-पासमंडराते हो!मुझे नहीं पसंद है यूँ तुम्हार...
ये कैसी बेबसी
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आज दुल्हन के लाल जोड़े में,
उसकी सहेलियों ने उसे इतना सजाया होगा …
उसके गोरे हाथों पर,
सखियों ने मेहँदी लगाया होगा …
क्या खूब.... चढ़ेगा रंग, मेहँदी का;...
"ग़ज़ल"
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"ग़ज़ल"
हवाओ से कह दो बहना छोड दे,
भोरो से कह दो मंडराना छोड दे,
कलियो से कह दो चटकना छोड दे,
बदलो से कह दो गरजना छोड दे,
बिजलियो से कह दो चमकना छोड दे,
ज...
जमाना
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इस ज़माने को मैं कैसे जमाना कह दूँ
जमाना तो वो था जिसमे हम जवान हुए
वो मीठे बोल में छुपी शरारतें और वो सुहावनी रातें
वो चाँद की ही गोद थी जिसमे हम जवान ...
दस
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*नेताजी ने आश्वासन दिया-*
*हम भ्रष्टाचार को जड़ से मिटा देगें।*
*जनता बोली ठीक है नेताजी,*
*जनाजे की तैयारी करवाइये*
*हम भी आपकी अर्थी में कन्धा लगा देगें॥*
Cool Santa.....
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Cool Santa!................. > > > > > >
Sardar Santa Singh Ji is the English teacher in a
> >school. He is very
> >well renowned for all his students do v...
नम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएं
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नम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएंनम्बर से मोबाइल कनेक्शन का पता लगाएं।
अगर आप यह पता लगाना चाहते है कि आपके नाम पर कितने सिम एक्टिव है। तो मेरा यह
आर्टि...
Battle of Jawar ki Gadhi
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Battle of Jawar ki Gadhi : Rao Bahadur Thakur Narendra Singh
Without entering into Colonel James Tod's speculation about the Jat's
identity with the Got...
मन के पास
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मन के पास
जितने दूर हुए तुम तन से,उतने मन के पास हुए।
रहते हो तुम दूर मगर, मिलने की फिर भी आस हुए।।
भीड़ भरी इस दुनिया में,जब से तुमको मैंने देखा।
दूर सही अ...
डांस मेरा सबसे पहला शौक़ है – गोविंद अग्रवाल
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ऋषिकेश में गंगा तट पर परमार्थ निकेतन के बिलकुल पास ही, निर्वाणा पैलेस और
निर्वाणा ब्लिस नाम से दो होटल हैं जिनके स्वामी गोविंद अग्रवाल एक युवा
व्यवसायी तो ...
अनलिमिटेड वेब होस्टिंग की सच्चाई
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आपने अक्सर देखा होगा कि कई वेब होस्टिंग कंपनियां अनलिमिटेड शेयर्ड होस्टिंग
बेचती हैं। क्या अनलिमिटेड का अर्थ वाकई में अनलिमिटेड ही होता है? इसकी
सच्चाई क्य...
free live demo based on lal kitab
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लाल किताब से प्रेम व विश्वास रखने वालों के लिए लाल किताब की एक फ्री डेमो
क्लास मंगलवार 16-02-2020 को रखी जा रही है| क्लास का वक़्त 3.00 से 5.00 बजे
तक होगा...
लिख रहे कैसी कहानी मुल्क में
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लिख रहे कैसी कहानी मुल्क में कर रहे जो हुक्मरानी मुल्क में क़द्र खोती ये
सियासत देखिए आम होती बदजुबानी मुल्क में मुफ़लिसी, बेरोजगारी बढ़ रही रक़्स
करती ख़ुश-गु...
नौ दशक पुराना है रांची की रामनवमी का इतिहास
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चैत्र मास की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म अयोध्या में
हुआ था। इसलिए रामभक्त इस दिन को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। राम के
प्रति ...
"हिन्दी महँगी, अंग्रेजी सस्ती"
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*मैट्रो रेलवे परिसर में थूकने पर *
*जुर्माने का प्रावधान है। *
*किन्तु आपको जुर्माना अदा करते समय *
*यह बताना होगा कि आपने *
*हिन्दी में थूका है *
*या अंग्...
कहाँ के थे
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थोड़ा बरस के थम गए वो बादल कहाँ के थे आँखों में नमी शेष है आँसू यहाँ पे थे
इस माहौल को देखते सोचता हूँ एक बात आदम यहां हैं तो अहरमन कहां पे थे कई बरस
हो गए ...
मन गुरु में ऐसा रमा, हरि की रही न चाह
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ॐ
श्री गुरुवे नमः
*ॐ ब्रह्मानंदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम् ।*
* द्वंद्वातीतं गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम् ॥ एकं नित्यं विमलमचलं
सर्वधीसाक्षीभूतम् । ...
मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे,
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मोती बने अगर, आंसू तुम्हारे,
अपने आँचल,. में समेट लूँगा।....
सितारे बन बरसे, ....घर मेरे,
अपने आँगन में,. समेट लूँगा।....
बदरा बन बरसे,...... संग मेरे,
उन्ह...
रिमाइंडर बाबा का कमाल
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यदि आप भुलक्कड है नाराज ना हो श्रीमान अधिका कार्य के कारण यह आजकल होना
लाजमी है इसी के सम्बंध मे मैने कुछ दिन पहले दैनिक भास्कर मे एक काम की
जानकारी प...
ब्लॉगर पर नई सुविधा- लेबल क्लाउड (label cloud)
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ब्लॉगर सेवा के दस साल पूरे होने के साथ ही चिट्ठाकारों को नई सौगातें मिलने
का सिलसिला शुरू हो गया है। ब्लॉगर संचालित चिट्ठों पर लेबल क्लाउड की
बहुप्रतीक्षित...
SAHA VAISHYA OF BENGAL - बंगाल के साहा वैश्य
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*SAHA VAISHYA OF BENGAL - बंगाल के साहा वैश्य *
*साहा ( बंगाली : সাহা ), जिसे कभी-कभी शाहा भी लिखा जाता है , एक
बंगाली वैश्य उपनाम है, जो आमतौर पर पश्चिम ब...
UP NEW DGP - RAJEEV KRISHNA RAJ
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*UP NEW DGP - RAJEEV KRISHNA *
*UP New DGP: कौन हैं IPS राजीव कृष्ण,जिन्हें बनाया गया यूपी का नया डीजीपी;
प्रशांत कुमार को भी मिलेगी नई जिम्मेदारी*
*हम सम...
भारत में ड्रग तस्करी का फैलता जाल
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2014 के बाद से भारत में ड्रग तस्करी के संदर्भ में कई बदलाव और चुनौतियाँ
सामने आई हैं। भारत की भूमिका इस मामले में दोहरी रही है - एक ओर यह ड्रग्स के
उत...
धूल में उड़ते कण
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हवा के थपेड़ों से गिरता रहा इधर-उधर
मकसद क्या था,कहाँ था जाना
कुछ खबर न थी
बस बहता रहा इस नदी से उस नदी तक
इस डगर से उस डगर
जिसने जिधर चाहा बहा लिया
अपन...
वीरान हवेली की रहस्यमय बुढ़िया
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-छोटे
यह कहानी उस जमाने की है जब शिकार खेलने पर प्रतिबंध नहीं था। चार दोस्त हिरन
का शिकार करने बिहार के नवादा जिले के गोविंदपुर के जंगलों में निकले। उनक...
मेरी कविता - जीवन
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*जीवन*
*चित्र - google.com*
*जीवन*
* तुम हो एक अबूझ पहेली, न जाने फिर भी क्यों लगता है तुम्हे बूझ ही
लूंगी. पर जितना तुम्हे हल करने की कोशिश कर...
जब तुम बोल रही थी
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सुना मैंने तुम्हें
पर वैसे नहीं
जैसे तुम कहना चाहती थी
कोशिश की मैंने बहुत
पर कम नहीं कर पाया अहम
आंखे झुका कर
नजरें गड़ा कर
सुनता रहा तुम्हें
तुम बोलती र...
"हिन्दी महँगी, अंग्रेजी सस्ती"
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*मैट्रो रेलवे परिसर में थूकने पर *
*जुर्माने का प्रावधान है। *
*किन्तु आपको जुर्माना अदा करते समय *
*यह बताना होगा कि आपने *
*हिन्दी में थूका है *
*या अंग्...
उम्रभर की यही कमाई है.
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हर घड़ी ग़म से आशनाई है.
ज़िंदगी फिर भी रास आई है.
आस्मां तक पहुंच नहीं लेकिन
कुछ सितारों से आशनाई है.
अपने दुख-दर्द बांटता कैसे
उम्रभर की यही कमाई है.
ख्...
ये जिन्दगी.....
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* ये जिन्दगी ...*...
बेखबर ,बेसबर, बेबाक ये जिन्दगी
हंसती ना हंसाती ये जिन्दगी ।
चिराग नही जिसे जला दूं,
दुबारा हाथो से फिसल जाती ये जिन्दगी ।
रूठती क्...
मेघा हमको पानी दे दो
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मेघा हमको पानी दे दो
राकेश ‘चक्र’
मेघा हमको पानी दे दो
खाने को गुरधानी दे दो ।
आग उगलते सूरज दादा
पानी दे दो, पानी दे दो ।।
सूखी नदियाँ सरवर सारे
फसलें सू...
पावन पवित्र होली की हार्दिक अनंत अपार शुभकामनायेँ ।
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होली हैँ भाई होली हैँ बुरा ना मानोँ होली हैँ _हुंडदंग टोली
बोलो हैँपी होली
गोबर कीचर कादोँ हुंडदंग का चोली
सब मिलकर बोलो हैँपी होली
Nature Ka Har Rang Aap ...
इंतज़ार ..
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सुरसा की बहन है
इंतज़ार ...
यह अनंत तक जाने वाली रेखा जैसी है
जवानी जैसी ख्त्म होने वाली नहीं ..
कहते हैं ..
इंतज़ार की घड़ियाँ लम्बी होती हैं
ख़त्म भ...
सहनशीलता का प्रकाश... संध्या शर्मा
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जब शरीर की थकी लकीरें
आत्मा को घेर लेती हैं
और मन के कोलाहल में
एक सन्नाटा छा जाता है।
तब भीतर के मंदिर में
खड़ी होती आत्मा विनीत
उस निराका...
दहेज – एक समाजिक समस्या
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दहेज – एक समाजिक समस्या दहेज प्रथा भारत में बहुत पुरानी है। बदलते
जमाने के साथ यह प्रथा एक कुप्रथा में परिवर्तित हो गई है। जनता इससे परेशान
है। अ...
उठा के हाथ में कब से मशाल बैठा हूँ ...
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*किसी के इश्क़ में यूँ सालों-साल बैठा हूँ.में कब से दिल में छुपा के मलाल
बैठा हूँ. नहीं है कल का भरोसा किसी का पर फिर भी,ज़रूरतों का सभी ले...
लेखक की दुविधाएँ
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बारह ड्राफ्ट के बाद, मेरा दूसरा उपन्यास लगभग तैयार है। इसे आज से इक्कीस साल
पहले अंग्रेज़ी में लिखना शुरु किया था और तब इसमें कहानी थी एक नवयुवक की जो
दिल...
“माँ " आस पास महसूस होती हो
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जाने क्यों आजकल अक्सर
माँ मुझमें चहल - कदमी सी करती
महसूस होती हो
ख्वाबों में ही सही
मंद मंद मुस्काती तुम
उलझनों में फँसी मुझे
दिल...
नया स्टार्ट अप!
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फेसबुक अब पूरी तरह से ठगने के विज्ञापनों से भर चुकी है, इसमें
काम करने वाले तथाकथित लेखक, पब्लिशर भी है । उनके नाम बड़े हैं या नहीं यह
नहीं जा...
संग्रहालय और कथा-कथन
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*इस वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस पर संचालनालय पुरातत्व,
अभिलेखागार और संग्रहालय, रायपुर में 16 से 18 मई को संगोष्ठी का आयोजन किया
गया, जिसके ...
कहते बात जरूरी बाबा
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ऐसी क्या मजबूरी बाबा
बने आप सिन्दूरी बाबा
जिन्हें दिया सिन्दूर आपने
अब तक उनसे दूरी बाबा
कीमत जो सिन्दूर की जाने
चाहत उनकी पूरी बाबा ...
मीडिया और हमलोग
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आतंकियों ने हँसते खेलते निर्दोष लोगों का जो नरसंहार किया है उससे पूरा देश
आहत और स्तब्ध है। मृतकों के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित है और घायल
लोगों के श...
एक आईना हमारे आज के लिए
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*एक दौर था जब हज़रत अली अलैहिस्सलाम को बदनाम किया गया — एक आईना हमारे आज के
लिए*
*[image: एक आईना हमारे आज के लिए]*
एक दौर ऐसा भी गुज़रा है जब हज़रत अली...
हे रुष्ट प्रकृति
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हे रुष्ट प्रकृति
करके क्रोध का त्याग
होंगी तुम कैसे प्रसन्न?
ये मूढ़ मानव
है तो तुम्हारी ही संतान
लाड़ का कर दुरुपयोग
पहुँचाई तुम्हारे जिया को ठेस
जानता ...
इक पुरानी तारीख के दस्तख़त.
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पहले अगर हफ्ता भर कुछ न लिखो तो मन अशांत हो जाता था, अब साल बीत गया और कुछ
भी लिखने की तलब नहीं हुई. उस बीते दौर में कुछ दिमाग में आये तो तुरंत लिखने
बैठ ज...
वादा किया वो कोई और था, वोट मांगने वाला कोई और
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तिवारी जी जब से कुम्भ से लौटे हैं तब से बस अध्यात्म की ही बातें करते हैं।
कई ज्ञानी जो उनकी बातें सुनते हैं वो पीठ पीछे यह भी कहते सुने जाते हैं कि
तिवार...
ख़त बेनाम-से
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ख़त - ४३
प्यारे साहेब,
आमद कुछ यूँ हुई गुलाबी जाड़े में लफ्ज़ों की.. के वक़्त की पेशानी पर उकेरे गए
बेनाम-से नाम कई..
और उसने कहा, "सुनो, तुम लिखा करो। यूँ...
माज़ी की गलियाँ - मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ
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ये माज़ी की गलियाँ, वो यादों के घेरे जहाँ रात-दिन हैं उदासी के फेरे हैं
अंजान से जाने-पहचाने चेहरे मेरे दर्द-ओ-वहशत से बेगाने चेहरे हैं ओढ़े मोहज़्ज़ब
वफ़ा की न...
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस
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आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) है. पूरे
विश्व में 10 दिसंबर को इसे मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा ने
10 दिसंब...
श्री राम चरित मानस अमृत वाणी_49
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श्री राम चरित मानस अमृतवाणी _49
आज ये मानस पाठ किया
कृपया नित्य सुबह सुनें मानस पाठ , मित्रों आप से प्रोत्साहन और सुझाव मिलता
रहे
जय श्री राम
दे ऐसा आशी...
पुरानी तस्वीर...
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कल से लगातार बारिश की झड़ी लगी है। कभी सावन के गाने याद आ रहे तो कभी बचपन
की बरसात का एहसास हो रहा है। तब सावन - भादो ऐसे ही भीगा और मन खिला रहता था।
...
युद्ध
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युद्ध / अनीता सैनी
…..
तुम्हें पता है!
साहित्य की भूमि पर
लड़े जाने वाले युद्ध
आसान नहीं होते
वैसे ही
आसान नहीं होता
यहाँ से लौटना
इस धरती पर आ...
कवि पर कविता , कविता में कवि !
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कोई एक कारण
कोई एक विषय
नहीं होता सबब
ना ही छिपी कुंठाए
या व्यग्र भावनाएं
बन सकती है आधार
सृजन का
जब बात कविता की हो
तो संवेदना चाहिए
वृहद्द मा...
Contoh Penerapan TOC Otomatis
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What are Shower Heads?
Shower heads are an essential component of any shower system. They are
responsible for directing and controlling the flow of water t...
सज्जन-मन
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सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
Watch: मिलिए इमरान के नन्हे जबरा फैन से...
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*पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रैली में 350 किलोमीटर दूर
से पहुंचा अबु बकर; पूर्व पीएम से नहीं मिल पाया तो रो-रो कर हुआ बेहाल,
वीडियो व...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
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अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
छायादार पेड़ की सजा
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मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों
की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं पाते और कुछ सूरज
की रोश...
पत्थर सी राजनीति
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ईमानदारी धर्म सद्भाव
ठेकेदारों ने खरीदे भाव
चढ़ गए सभी पर मुलम्मे
हावी हैं देखो राजनैतिक निकम्मे
न कोई दर्शन न सिद्धान्त
गरीबी अभाव से अभी भी क्लान्त
युवा...
हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास) - सुधीर मौर्य
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हम्मीर हठ Hammir Hath
शीघ्र प्रकाश्य ऐतहासिक उपन्यास #हम्मीर_हठ से
‘मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो
ये है कि आज...
हाय ! ये कैसा बसंत आया री
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हाय ! ये कैसा बसंत आया री
जब सब सुमन मन के कुम्हला गए
रंग सारे बेरंग हो गए
किसी एक रूप पर जो थिरकती थी
उस पाँव की झाँझर टूट गयी
जिस आस पर उम्र गुजरती थी
वो...
बचपन की यादें
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कल अपने भाई के मुख से कुछ पुरानी बातों कुछ पुरानी यादों को सुनकर मुझे बचपन
की गालियाँ याद आ गयीं। जिनमें मेरे बचपन का लगभग हर इतवार बीता करता था।
कितनी...
शृष्टि में निरंतर प्रवाहित प्रेम
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अभिभूत हूँ उस प्रेम से,
जो घटित हुआ एक पल में,
और जीवंत रहेगा, सदियों तक।
एक अपरिचित का प्रेम,
उस के पलकों के कोरों पर रुके,
अश्रु के दो बूँद,
जो उस के चेह...
तिरोही गज़ल
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तिरोही गज़ल
इश्क कोई परदा एे साज़ नहीं होता
तूफान का कोई मिज़ाज नहीं होता
बिना दवा दर्द का इलाज नहीं होता
मर जाते प्यार में जिन्दा नहीं रहते
इश्क अगर शाहिद ब...
तुम्हारा स्वागत है
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1
तुम कहती हो
" जीना है मुझे "
मैं कहती हूँ ………… क्यों ?
आखिर क्यों आना चाहती हो दुनिया में ?
क्या मिलेगा तुम्हे जीकर ?
बचपन से ही बेटी होने के दंश ...
ना काहू से दोस्ती ....
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*पुलिस और वकील एक ही परिवार के दो सदस्य से होते हैं, दोनों के लक्ष समाज को
क़ानून सम्मत नियंत्रित करने के होते हैं, पर दिल्ली में जो हुआ या हो रहा है
उस...
मूर्खता : एक सात्विक गुण
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मूर्खता एक सात्विक गुण है, जिसे धारण करने से अपमान की सम्भावना कम हो जाती
है. याद रखें अपमानित सदा विद्वत्ता का दुर्गुण धारण करने वाले ही होते हैं.
यह अनु...
दिल से निकली हुई दुआ हूँ मैं.....
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*दिल से निकली हुई दुआ हूँ मैं..*
*रस्म ए उल्फ़त का सिलसिला हूँ मैं..!*
*लब़ ए खामोश ग़रचे जाहिर हूँ..*
*इश्क़ का ऐसा फ़लसफ़ा हूँ मैं..!*
*मुझको महफ़िल में ...
आया है मुझे फिर याद
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*असली मजा सब के साथ आता है *– ई बात भले सोनी-सब टीवी का टैगलाइन है, बाकी
बात एकदम सच है. परब-त्यौहार, दुख तकलीफ, सादी-बिआह, छट्ठी-मुँड़ना ई सब
सामाजिक अबस...
गर्भाशय की सूजन Uterus Swelling
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अक्सर लोगों को पेट में दर्द की समस्या होती है। कई बार ये दर्द लाइफस्टाइल
में हुए बदलाव, मौसम में बदलाव और गलत-खान-पान के चलते होता है। लेकिन कई बार
इस दर्...
रिश्ते...
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ब्लाॅग लिखने से बढ़िया कुछ नहीं...:-) :-) _______________________________
वक़्त की साज़िश से, रिश्ते पनप तो जाते हैं, मगर उनको कहानी बनते, देर नहीं
लगती .....
सूरज लूट गया
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विहँस रही है रजनी
तारे चमक रहे
रातरानी के सानिध्य में
मौसम गमक रहे
कलियाँ - कलियाँ झूम रही
दिशायें मुस्कुराई
आनंद के रथ पे हो सवार
नाची पुरवाई
आगो...
कोई कह दे ये वाक़या क्या है...
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*जिंदगी ने जो दी सज़ा क्या है...*
*हम भी समझें....ये माज़रा क्या है...?*
*अब वो रहते हमारे पहलू में..*
*बात बस इतनी सी...ख़ता क्या है..?*
*हम समझते है...
🟧 (OB 121) सौदागर (लघुकथा)
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🟧. TR KS 5001C
सौदागर
” प्रोफेसर सैन और प्रोफेसर देशपांडे सरकारी मुलाजिम हैं, तनख्वाह भी एकै जैसी
मिलत है लेकिन ई दुइनो जब से निरीक्षक भइ गए हैं तब से प्...
एक सपने की हत्या
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कुछ मैंने की, कुछ तूने की
कुछ मिलकर हम दोनों ने की
इक सपने की हमने हत्या की ।
समझौतों का ये जीवन जीया
मिलकर गरल कुछ हमने पीया
जो करना था वह हमने न किया ।
...
जीवन नाम है ...पतझड़ का...
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दास्ताँ.... पेड़ से बिछुड़े सूखे पत्ते की
तन से उतरे आत्मा रूपी ...कपड़े लत्ते की ...
-अकेला
जीवन नाम है ...पतझड़ का...
फिर पतझड़ में, पत्ता टूटा
शाख़ से उसका,...
काल का प्रवाह..
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वे दुष्यंत थे
भूल गये थे शकुन्तला को
आज के दुष्यंत हैं
जो शकुन्तला से मिलते ही हैं
भूलने के लिए।
वे दुष्यंत थे
याद आयीं थीं शकुन्तला उन्हें
अँगूठी देखकर
आज क...
दर-ब-दर
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बालिश्त दर बालिश्त
गुजरती उम्र,
गिनती रही पोरों
पे वो पड़ाव ,जो
बदलते रहे मायने
ज़िंदगी के ,
यादों की पुनरावृतियां
लाती रही सुनामीयां,
बस यूँ कटता रहा
उबा...
ख्वाव तेरे किरचियाँ बन ...
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ख़्वाब तेरी किरचियाँ बन आँखों को अब चुभने लगी
गम की आँधियाँ इस तरह ख्वाबों के धूल उड़ा गए
मंज़िल पास थी रास्ता साफ था दो कदम डग भरने थे
गलतफहमी की ऐसी हवा ...
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चलने को तो चल रही है ज़िंदगी
बेसबब सी टल रही है ज़िंदगी ।
बुझ गये उम्मीद के दीपक सभी
तीरगी में ही पल रही है ज़िंदगी ।
ऐ खुदा ,रहमो इनायत पे तेरी
ये मुकम...
गिरिधर की कुण्डलियाँ
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सुप्रसिद्ध कवि गिरिधर ने अनेक कुण्डलियाँ लिखी हैं।
प्रस्तुत है गिरिधर कवि रचित गिरिधर की कुण्डलियाँ।
*बिना विचारे जो करै*
बिना विचारे जो करै, सो पाछे पछि...
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...1
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ब्लॉगिंग की दुनिया बड़ी रोमांचक है. इसका दायरा कितना बड़ा है उसका अंदाजा
लगना मुश्किल है. लेकिन इतना तो हम समझ ही सकते हैं कि जहाँ तक इन्टरनेट और
स्मार्टफोन...
ये कैसा संस्कार जो प्यार से तार-तार हो जाता है?
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जात-पात न धर्म देखा, बस देखा इंसान औ कर बैठी प्यारछुप के आँहे भर न सकी,
खुले आम कर लिया स्वीकारहाय! कितना जघन्य अपराध! माँ-बाप पर हुआ वज्रपातनाम
डुबो दिया,...
इश्क़ का बीज
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लो मैंने बो दिया है
इश्क़ का बीज
कल जब इसमें फूल लगेंगे
वो किसी जाति मज़हब के नहीं होंगे
वो होंगे तेरी मेरी मुहब्बत के पाक ख़ुशनुमा फूल
तुम उन अक्षरों से मुहब्...
डोलिया में उठाये के कहार
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*डोलिया में उठाये के कहार *
*ले चल किसी विधि मुझे उस पार *
*जहाँ निराशा की ओट में *
*आशा का सबेरा हो *
*तम संग मचलता उजालों का घेरा हो *
*जहाँ मतलबी नहीं अप...
..और तुम्हारी याद आयी है
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आज बगीचे के उस कोने में
कुछ पीले
फूल खिले हैं ..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज आसमानों को छूता
चिड़ियों का
एक झुण्ड उड़ा है..और
तुम्हारी याद आयी है ..
आज हवा ...
खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
-
खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
कितने पौधे हमने पाले
नन्ही मेरी क्यारी में
सुंदर सी फुलवारी में !
=======================
सूखी रूखी धरती मिटटी
ढो ढो कर जल लाता...
खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
-
खेल- खेल मै खेल रहा हूँ
कितने पौधे हमने पाले
नन्ही मेरी क्यारी में
सुंदर सी फुलवारी में !
=======================
सूखी रूखी धरती मिटटी
ढो ढो कर जल लाता ...
अपनी-अपनी ढपली
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सबकी अपनी-अपनी ढपली
सबके अपने-अपने राग
किसे पड़ी है तेरे गम की
कौन सुनेगा तेरे मन की
तन्हाई में रो ले प्यारे
दाग जिगर के धो ले प्यारे
टूटकर गिरने से पहल...
जा तू कोयल हो जा!
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तेरी मीठी बोली है,
मिसरी बहुत ही घोली है,
बनी ठनी औ सजी धजी सी
गठरी बातों की खोली है,
इस पल इस घर,
उस पल उस घर,
रहे पैर तू रोज बदलती,
जा तू पायल हो जा!
...
आप अदालत हैं
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अपना मानते हैं जिन्हें
वही नहीं देते अपनत्व।
पक्षपात करते हैं सदैव वे
पुत्री के आँसुओं का स्वर सुन।
नहीं जाना उन्होंने मेरी कटुता को
न ही मेरी दृष्टि में बन...
-
मेरी मुश्किल करे आसान कोई
मुझे आकर करे हैरान कोई
ज़वाल ऐसा कि तुमको क्या बताएं
फ़रिश्ता हो गया इंसान कोई
निखरता जा रहा था रंग उसका
छिडकता जा रहा था जान कोई
...
नदी और समंदर
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*वो हज़ारों मील बह कर नदी समंदरों से मिलती है,*
*उसे लगता है फूल-ए-इश्क़ बस वहीं जा के खिलती है,*
*अपना बजूद खो कर जब नदी लहरों के संग उठती हैं,*
*कई नदियां...
बचा रहे थोड़ा मूरखपन
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*कल रात सोने से पहले कुछ लिखा था वह आज यहाँ साझा है :*
आज सुबह - सुबह मनुष्य के सभ्य होते जाने के बिगड़ैलपन की दैनिक कवायद के रूप
'बेड टी' पीते हुए उसे वि...
वोट बैंक बनाम इंसान
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जानेवालों ज़रा मुड़ के देखो मुझे
एक इंसान हूँ, मैं तुम्हारी तरह.
आज मुझे लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल का ये गाना याद आ रहा है. फिल्म दोस्ती में दो
अपंग थे समाज...
"कदम" की ओर से छोटी सी पहल
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अर्चना चावजी with Shella Jain.
March 20 at 10:19pm ·
धन्यवाद जैन मेडम ...
इनका नाम दुर्गा यादव है,बी.ए. सेकंड ईयर चौथे सेमिस्टर में है ,साथ ही
कंप्यूटर ...
প্রেম মানে
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প্রেম মানে চুপচাপ টুপটাপ গল্প প্রেম হলো আদরের আষাঢে স্বপ্ন প্রেম মানে
বিশ্বাস প্রাণ ভরা নিশ্বাস ছোট কোনো গল্পের পুরনতার আশ্বাস প্রেম যদি দিক্ভ্রম
তবে কেন ...
सरमाया
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कुलविंदर कौशल
वह कई वर्षों बाद गाँव आया था। शाम को घूमता-घुमाता वह चौपाल की तरफचला गया।
गाँव की चौपाल के पास कभी उसने बहुत यत्न से गाँव के नौजवान शहीद क...
हरिगीतिका
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"आओ कविता करना सीखें" आज का छंद....
*हरिगीतिका* में --------विरहणी---
जब भी हुआ यह भान मानव, आपको घनघोर से
तब ही बनी यह धारणा कुछ, नाचते मन मोर से
अब आ गय...
राजस्थानी भाषा राजस्थान मांय पूजीजैला
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राजस्थान में दूजै प्रदेशां सूं आ आ'र बस जावण वाळा लोग
आज राजस्थानी भाषा री मान्यता री संभावना देख'र नाक-भौं सिकोड़ण लाग रैया है ।
उणां नैं ललकारतां फिटकारत...
चौराहे का घर
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स्त्री उठाती है अपनी डुगडूगी अपनी बोरी अपना डम्फरा
मुड कर देखती है फिर से सड़क के उस कोने
जहां नट ने बिछाए हैं सात नौटंकी के साजोसामान
अभी सड़क पर मज़मा लगना ब...
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
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वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
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मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
हिंदी गानों में बददुआएँ
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न...न...यह कोई शोध कार्य नहीं है. बस incidental है.
हिंदी गानों में बददुआएँ देने की परंपरा पुरानी है और कभी कोई दुआ बददुआ बन
जाती है. बस यूँ ही.
बड़ा पुर...
७. जंगलों में - कल्पना रामानी
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सोच में डूबा हुआ मन
जब उतरता जंगलों में।
वे हरे जीवन भरे दिन
याद करता जंगलों में।
कल जहाँ तरुवर खड़े थे
ठूँठ दिखते उस जगह।
रात रहती है वहाँ केवल
नहीं...
SHARMA JI KI HOLI
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होली कि सुबह
जब मैं चाय पीने आँगन में आयी
तो अपनी आंखों पे एकाएक विश्वास ना कर पायी
सामनेदएखा शर्मा जी खड़े हैं
फ़ोन पे किसी से मिलने कि जिद पे अड़े हैं...
रंग रंगीली होली आई.
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[image: Friends18.com Orkut Scraps]
रंग रंगीली होली आई..
रंग - रंगीली होली आई मस्तानों के दिल में छाई
जब माह फागुन का आता हर घर में खुशियाली...
~ रूह है जो जागती है साँस लेती है सदा ~
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*ज़िन्दगी के हर मोड़ पर ,*
*वादे बदलते हैं कभी इरादे बदलते हैं ,*
*वक़्त की हर दहलीज़ पर ,*
*खुशियाँ बदलती हैं कभी तन्हाइयाँ बदलती हैं ,*
*घूमते -फ़िरते, भा...
संघर्ष विराम का उल्लंघन
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जम्मू,संघर्ष विराम का उल्लंघनकरते हुए पाकिस्तानी सेना ने रविवार को फिर से
भारतीय सीमा चौकियों पर फायरिंग की। इस बार पाकिस्तान के निशाने पर जम्मू जिले
के का...
हाल-चाल ठीक-ठाक है
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हाल-चाल ठीक-ठाक है
सब कुछ ठीक-ठाक है
बी.ए. किया है, एम.ए. किया
लगता है वह भी ऐंवे किया
काम नहीं है वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है
आबो-हवा देश की बहुत ...
हमारी भी सुनो!
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*हमारी भी सुनो!*
*..गृहिणियां!..कुछ कामकाजी है और कुछ नहीं भी है...घर परिवार से थोड़ी दूरी
बनाकर,अपना एक अलग ग्रुप बनाकर मिलने-जुलने का प्रबंध करती है!...यह...
महिला दिवस...एक अर्थ पूर्ण दिवस!
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*अगर महिलाएं समझ सकें...*
*...आज महिला दिवस पर महिलाएं और पुरुष सभी अपने विचार व्यक्त कर रहे
है!...महिलाओं की प्रगति कैसे हो, महिलाओं को समाज में सम्माननी...
उपदेश का सही प्रभाव
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उपदेशदाता का कार्य उपदेश देना है लेकिन जिस व्यक्ति मेँ सत्यनिष्ठा नहीँ है
और उसे उपदेश दिया जाए, उसे समझाने का प्रयत्न करेँ किव्यवहार प्रामाणिक होना
चाहिए...
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हर मंदिर की नींव में रखी हुई हर ईंट उतनी ही महत्त्वपूर्ण होती
हैं जितना कि मंदिर के ऊपर दिखाई देने वाला गुम्बद...और वो आकाश की तरफ
मुंह उठाये लोगों के...
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नमस्कार मित्रों,
मैंने आज अपने इस ब्लॉग को अपने एक अन्य ब्लॉग में मर्ज कर लिया है..... जिसका
लिंक www.manavsir.blogspot.com है... आप सब दोस्तों ने मुझे ज...
यार की आँखों में.......
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मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ
उन्हे दिखाई नही देता।
मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ
उन्हें तारा नही दिखता।
या खुदा!
कहीं मेरे यार की आँखों में
मोतियाबिंद...
Dara Singh दारा सिंह का न रहना दुखद है।
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*अगर वे 1928 की बजाय 1988 में पैदा होते, या अगर w.w.f. 1958 में शुरू हो गया
होता तो दारा सिंह अरबपति हो गए होते। आइ पी एल में खेल कर करोड़ों बटोरने
वाले ...
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो …
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अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम जानकी मंदिर
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो … राम का नाम बदनाम न करो !!!
चुनाव का मौसम आ गया है । उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अप...
शुभ हो नववर्ष
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नया वर्ष आ गया; वर्ष 2012 आ गया; पुराना वर्ष 2011 चला गया। इस समय समाचारों
में लोगों का उत्साह दिखाया जा रहा है। घर के कमरे में बैठे-बैठे हमें यहां
उरई म...
HAPPY NEW YEAR 2012
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*2012*
*नव वर्ष की शुभकामना सहित:-*
*हर एक की जिंदगी में बहुत उतार चढाव होता रहता है।*
*पर हमारा यही उतार चढाव हमें नया मार्ग दिखलाता है।*
*हर जोखिम से ...
आतंक में सुकून
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*लोगों की धारणा है अशांति शस्त्रों से फैलती है*
*कलयुग में तो शांति ,शस्त्रों के साए में मिलती है *
*मरने का खौफ तो अब जर्रे जर्रे में वाकिफ है *
*मज...
आत्मदर्शन
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*मनुष्य केवल मात्र अखिलेश्वर परमपिता परमात्मा के स्वरुप की प्रति है
जीवात्मा कर्मानुसार समस्त योनियों को भोगता हुआ मानव देह को प्राप्त करता
है यद्यपि ...
"मेरा देश और मै" पर संभाषण प्रतियोगिता संपन्न
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जय हिंद,
समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की ओर से सादर प्रणाम,
आदाब, सतश्री अकाल !!
दिनांक 19.11.2011 को "अभियान भारतीय" एवं संस्कार भारत...
"पूर्णागिरि यात्रा" (शिवकुमार वर्मा)
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*मित्रों!*
*कल रविवार को खटीमा से प्रातः 5 बजे उठकर*
*मैं अपनी बहन कविता, जीजा जी नितिन शास्त्री*
*भानजे प्रांजल, भानजी प्राची और *
*बुआ जी विजय लक्ष्मी व उन...
फिर जहाँ थे वहीं चले ....!!
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इस बार जन्मदिन की धूम बहुत दिन चली . ममा पापा और सभी चाहने वालों ने मिलकर
बर्थडे वीक सेलिब्रेट किया . ४थे जन्मदिन पर ४-४ केक काटे गए . डीज़नी लेंड
में मिकी...
आओ मिलकर वृक्ष लगायें
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वृक्ष हमें फल देते हैं,
हमसे कुछ नहीं लेते हैं,
खुशियाँ बाँटे, खुशियाँ पायें।
आओ मिलकर वृक्ष लगायें॥
तरु हमें छाया देते हैं,
हम इनको पानी देते हैं,
आओ इनकी ...
राज के जन्मदिन के अवसर पर लगा आम का पौधा ‘चम्पक’
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राज के जन्मदिन के अवसर पर उनके मम्मी-पापा और उन्होंने इस अवसर यादगार बनाने
के लिये आम का पौधा लगाया है। जिसका प्यार से उनके बाबा जी ने ‘चम्पक’ नाम रखा
है...
आतंकवाद और हम भारत के लोग
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[प्रणाम]
समूची दुनिया में हमारे मुल्क ने आतंक की भयावह त्रासदी को जितना अधिक झेला है
, उतना शायद विश्व के किसी और देश ने इस पीड़ा को नही झेला है । आतंकवाद...
मीरा — एक अंतरध्वनि
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मीरा — एक अंतरध्वनि
कविता / अनीता सैनी
१७ जून २०२५
....
अंतः स्वर
ध्वनि और दृश्य का
एक गहरा द्वंद्व है।
धरती के गर्भ से
फूटा था जो
उष्ण लावा —
अब...
पिता।
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Kmsraj51 की कलम से….. Father| पिता। पिता होते है घर की शान, इनकी छत्र छाया
में हंसता खिलता है जहांन। शाम को थके हारे जब घर में प्रवेश करते, सारे घर को
खु...
दहेज – एक समाजिक समस्या
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दहेज – एक समाजिक समस्या दहेज प्रथा भारत में बहुत पुरानी है। बदलते
जमाने के साथ यह प्रथा एक कुप्रथा में परिवर्तित हो गई है। जनता इससे परेशान
है। अ...
उच्चतम न्यायालय में उर्दू विवाद
-
भाषाओं के विवाद कितने गम्भीर और निर्णायक होते हैं इसे भारतीय महाद्वीप से
अधिक और कौन समझ सकता है? अभी हाल ही में महाराष्ट्र की एक नगर परिषद के साइन
बोर्ड प...
एक उद्योगपति की मौत
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एक खेत मजदूर अक्सर खेत मजदूर के घर या छोटे किसान के घर पैदा होता है, मजदूरी
करना उसकी नियति है, वह वहीं काम करते हुए अभावों में जीवन जीता है। उसकी
आकांक्षा...
समीक्षा -- है न -
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शशि पुरवार
Shashipurwar@gmail.com
समीक्षा है न - मुकेश कुमार सिन्हा
है ना “ मुकेश कुमार सिन्हा का काव्य संग्रह जिसमें प्रेम के विविध रंग बड़ी...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
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अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
Homeschooling tidak Harus Menjadi Pekerjaan rumah
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Sebelum memulai home schooling pendekatan, mendapatkan mengurus pada cara
anda sendiri dari kemauan. Apakah menurutmu itu kemungkinan akan memadai
saat a...
मृत्युंजय साधक की कुछ गजलें
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. ग़ाज़ियाबाद के युवा ग़ज़लकार मृत्युंजय साधक की ग़ज़लें
मुझे पसन्द आईं । आप भी इन का आनन्द लें ।
सुधेश
ठ
सपनों की क्या बात...
" गहलोत सरकार की चालाकियां" ! ?? _
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राजस्थान में जब से गहलोत सरकार ने शपथ ग्रहण की है,तभी से उसे एक चिंता बहुत
बुरी तरह से सता रही है ! वो समस्या है निकाय चुनावों की ! गहलोत सरकार चाहती
है...
नौ दशक पुराना है रांची की रामनवमी का इतिहास
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चैत्र मास की नवमी तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म अयोध्या में
हुआ था। इसलिए रामभक्त इस दिन को राम जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। राम के
प्रति ...
हद तक खफा जो है - राज सक्सेना
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[image: Image result for बेवफा सनम]
मित्रो सुप्रभात आज सनम की बेरुखी पर एक मुक्तक आपके कोर्ट में-
जुनूनेइश्क में यारो कहींपर कुछ फंसा तो है |...
आधुनिक विज्ञान के जन्मदाता गैलेलियो
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गैलीलियो गैलीली
गैलीलियो गैलीली एक इटालियन भौतिक विज्ञानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और
दार्शनिक थे; जिन्होने आधुनिक वैज्ञानिल क्रांति की नींव रखी थी। उनका...
करता रहा उम्र-भर नफरत जिस शख्स से
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...
करता रहा उम्र-भर नफरत जिस शख्स से,
जुदा हुआ तो कतरा इक मेरी आँखों में था,
यत्न तो किये थे मैने कि उसे भूल ही जाऊँ,
मगर क्या करूँ वो दिल की सलाख़ों में...
चुनौती या मंज़िले
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चुनौती यहाँ है यहीं मंजिले भी यहाँ के सिवा अब कहा जाऊंगा मैं॥ संवरते संवरते
जो किस्मत भी बदली अभी तक चला हूँ चला जाऊंगा मैं ॥ कभी साथ छूटे तो थमना भले
हो...
"हिन्दी महँगी, अंग्रेजी सस्ती"
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*मैट्रो रेलवे परिसर में थूकने पर *
*जुर्माने का प्रावधान है। *
*किन्तु आपको जुर्माना अदा करते समय *
*यह बताना होगा कि आपने *
*हिन्दी में थूका है *
*या अंग्...
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आप जा रहे हैं दिल्ली-"विश्व पुस्तक मेला" में,
तो वहाँ भी उपलब्ध है,
मेरा काव्य-संग्रह "बूँद-बूँद गंगाजल "
हॉल सं-12 A में,
अंजुमन-प्रकाशन के -स्टॉल 337 पर
...
PROBLEM: FeedMedic Alert for blogspot/YywBH
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The error message is:
* Error getting URL: 503 -...
anuj post
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प्रसंग है एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है, वह उदास है, उसकी मुख मुद्रा देखकर लग
रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली है। विभिन्न कवियों से अगर
इस ...
हमारे तुम्हारे बीच
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हमारे तुम्हारे बीच
एक नदी बहा करती थी
शीतल, शांत और पावन
जलधारा समेटे,
फिर अचानक
लहरों का आवेग बढ़ने लगा,
पानी छिटक कर
किनारे बहने लगा,
जहाँ नागफनी के साथ
कुछ...
इंतज़ार
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जानती थी कि हमारे रिश्ते को भी मिलेगी एक मंजिल
और उसके आखिरी मोड़ तक चलूंगी तुम्हारे साथ
हां, मंजिल तो मिली पर हाथ छुड़ा लिया तुमने
ऐसा तो नहीं सोचा था मैंने
...
ई-रिटर्न का कागज भेजने की अनिवार्यता हटेगी
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इलेक्ट्रॉनिक तरीके से आयकर रिटर्न जमा करानेवाले लाखों करदाताओं को जल्द डाक
से इसकी प्रति सीबीडीटी को भेजने की अनिवार्यता से राहत मिलेगी. सीबीडीटी
सत्यापन ...
यही तो रहा है आज 'करतब'
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ये लड़की चाहे कितना भी पसीना बहाए, रस्सी पर अपनी एडिया घिस ले मगर उसे
मिलाता क्या है? सिर्फ दो वक्त की रोटी। चाहे कितने भी करतब करे मगर उसे
बहेतारिन जीव...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
आत्मघात से बुरी कोई चीज़ नहीं
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—चौं रे चम्पू! पिछले दिनन में कौन सी खबर नै तेरौ ध्यान खैंचौ?
—चचा, ख़बरें तो हर दिन देश की, विदेश की, परियों की, परिवेश की और मुहब्बतों
के क्लेश की सामने आ...
13. वह एक प्रेम पत्र था
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तहसील का मुख्यालय होने के बावजूद शिवपालगंज इतना बड़ा गाँव न था कि उसे टाउन
एरिया होने का हक मिलता। शिवपालगंज में एक गाँव सभा थी और गाँववाले उसे
गाँव-सभा ही ...
सयानी श्रेया - लघुकथा
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*सरिता जी की तबीयत ठीक नहीं थी ! रात से ही बुखार चढ़ा हुआ था और बदन में भी
बहुत दर्द था ! किसी तरह वो किचिन में बेटे बहू और पोती के टिफिन बनाने मे...
व्योम
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गीत: व्योम
व्योम का रूप ज्यों, कृष्ण की नीलिमा।
अंक तारे भरे, फूल ज्यों चंद्रिमा।
चंचला चाँदनी, चाँद से झाँकती।
नीलिमा नील से,व्योम को आँकती।
रत्...
“सवाल”
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“मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने…॥” बहुत प्यारा गाना है “आनन्द”
मूवी का ।आज यूट्यूब पर गाने सुनते-सुनते मुकेश जी के गाने सामने आए और उन्हीं
गान...
जद्दोजहद होने ना होने के बीच
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*अभी उसने बताया तुम हो *
*समझाया भी खरा खरा होने का मतलब *
*अच्छा महसूस हुआ नहीं होने से होने तक पहुंचना *
*बहुत बड़ी बात लगी *
*समझ में भरा था सभी ...
श्री राम चरित मानस अमृत वाणी_49
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श्री राम चरित मानस अमृतवाणी _49
आज ये मानस पाठ किया
कृपया नित्य सुबह सुनें मानस पाठ , मित्रों आप से प्रोत्साहन और सुझाव मिलता
रहे
जय श्री राम
दे ऐसा आशी...
सीक्रेट फ़ाइल
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प्रतिष्ठित साहित्यिक पत्रिका 'लघुकथा डॉट कॉम' में मेरी लघुकथा
'सीक्रेट फ़ाइल' प्रकाशित हुई है।
पत्रिका के संपादक-मंडल का सादर आभार।
आप भी पढ़िए म...
मूर्खता : एक सात्विक गुण
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मूर्खता एक सात्विक गुण है, जिसे धारण करने से अपमान की सम्भावना कम हो जाती
है. याद रखें अपमानित सदा विद्वत्ता का दुर्गुण धारण करने वाले ही होते हैं.
यह अनु...
Agumbe karnataka ,Rainforest Research Station
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agumbe rainforest, better known as Agumbe Rainforest Research Station and
is a less familiar but beautiful place. Introducing you to this, *Alpa
Dougli*...
Chalo Chale Maa - Asha Bhosle, Jagriti Song
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Happy Mother's Day to all the viewers and audience.
Here is another classics from the film 'Jagriti'. The beautiful song is
rendered by Asha Bhosle, compo...
सभी को सम्मान दें ...।
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ये कहानी इक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में काम करता था ।
वह दिन का अंतिम समय था व् सभी घर जाने को तैयार थे तभी प्लांट में एक तकनीकी
समस्या उत्...
TIPS MEMBUAT ARTIKEL SEO UNTUK SI PEMALAS
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Banyak blogger yang malas untuk membuat postingan baru. Ia ingin blognya
selalu banyak pengunjung dan mudah masuk di halaman pertama google, makanya
bany...
बचपन की यादें
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बचपन, एक ऐसा मधुर शब्द जिसे सुनते ही लगता है मानो शहद की मीठी बूंद जुबान पर
रख ली हो। जिसकी कोमल कच्ची यादें जब दिल में उमड़ती है तो मुस्कान का लाल
छींटा ...
टच & फील
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*फेसबुक पर मेरे ४६०० मित्र हैं और १२-१३०० रिक्वेस्ट अभी पेंडिंग में है।
लेकिन कल ऐसी घटना हुई कि मेरे चारों तबक रोशन हो गये.एक सामान्य सी बात है
कि इन ...
(14) सभ्यता (क) सभ्यता इसी को कहते हैं !
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‘फूलों’ में ‘काँटे’ रहते हैं |
वे इक-दूजे को सहते हैं || दोनों में ‘समझौता’ हो जब-
‘सभ्यता’ इसी को कहते हैं || हम ‘भले-बुरे’ का निवाह कर-
अन...
बॉर्डर और बिहार
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बिहार के सीमांत जिले अररिया, किशनगंज, कटिहार और पूर्णिया में पोरस बॉर्डर से
होकर जो समस्याएं प्रवेश कर रही हैं, उनके दूरगामी परिणाम घातक होंगे। सतत
घुसपै...
महिला दिवस
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महिला दिवस पर एक महिला की दिल की ज़ुबानी --- उन्मुक्त आकाश मैं उड़ने की चाहत
हमेशा से रही हैं दिल में, जिंदगी को अपने दम पर जीने की जिद हमेशा ही की हैं,
बेख...
आओ रोटी सेंकते हैं
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घर बगल में जल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं ,
एक मुद्दा पल रहा है , आओ रोटी सेंकते हैं |
फिर गरीबों की गली में , रात भर रोया कोई ,
फिर शहर से एक भूखा , खुद-ब-...
बुद्धिमानों की सलाह
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एक बहुत बडा विशाल पेड था। उस पर बीसीयों हंस रहते थे। उनमें एक बहुत स्याना
हंस था,बुद्धिमान और बहुत दूरदर्शी। सब उसका आदर करते ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे।
एक दिन ...
पत्थरों के गाँव में ठहरने लगा है आईना …..
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*तेरी गली से होकर गुजरने लगा है आईना*
*तेरी हर आहट पर संवरने लगा है आईना*
*.*
*लटें संवार कर तुम चली गयी पल भर में*
*जाने क्या सोचकर उछलने लगा है आईना*
*....
आजकल वे मुझसे नाराज़ हैं …
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[image: image]
आजकल वे मुझसे नाराज़ हैं. यूँ तो मैं कभी नाराज़ नहीं होता और न किसी की
नाराजगी का अंदाज़ा होता है. पर पत्नी के मामले में बात अलग है. वे जब भ...
कुण्डलियाँ : अरविन्द कुमार झा
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१-
मना लो तुम भी होली
*होली में बढ़ती सदा इन चीजों की मांग*
*कपडे खोया साथ में दारू, गांजा, भांग*
*दारू, गांजा,भांग,छान मस्ती में सब ज...
सयानी श्रेया - लघुकथा
-
*सरिता जी की तबीयत ठीक नहीं थी ! रात से ही बुखार चढ़ा हुआ था और बदन में भी
बहुत दर्द था ! किसी तरह वो किचिन में बेटे बहू और पोती के टिफिन बनाने मे...
इजराइल और अंधभक्त - अमरीका का भी वजूद मिट सकता है
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इस बात की आशंका अब काफ़ी बढ़ गई है कि अमेरिका शायद आज रात को इजरायल के साथ
मिलकर ईरान पर हमला कर दे! जवाब में ईरान ने हॉर्मूज को बंद करने और वहां
माइन्स ल...
मोदी जी दिखाई नहीं दिए
-
मोदी जी दिखाई नहीं दिए जैसे ही तोताराम बैठने को हुआ हमने कहा- तोताराम,
मोदी जी दिखाई नहीं दिए । बोला- क्यों, मोदी जी तेरी तरह निठल्ले हैं जो सुबह
हुई और...
गुरूजी, छतरपुर वाले
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*छतरपुर के मंदिर में गुरूजी का समाधिस्थल आज भी लोगों को सम्बल प्रदान कर रहा
है ! वहां भक्तों की एक परिवार के रूप में रोज ही भीड़ लगी रहती है, जिसका
मानना ...
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हम तुम और बीमारी
बीमार तुम भी, बीमार हम भी
बचा ना हम मे ,कोई दम खम भी
चरमरा करके चलती जीवन की गाड़ी
कभी तुम अगाड़ी, कभी हम अगाड़ी
बुढ़ापे का होता, यही आ...
उठा के हाथ में कब से मशाल बैठा हूँ ...
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*किसी के इश्क़ में यूँ सालों-साल बैठा हूँ.में कब से दिल में छुपा के मलाल
बैठा हूँ. नहीं है कल का भरोसा किसी का पर फिर भी,ज़रूरतों का सभी ले...
अब दो जून की नहीं, डिजिटल रोटी कहिए जनाब!!
-
वक्त बदल गया है और उसके साथ बदल गई है हमारी दो जून की रोटी। कभी वह गोल,
मुलायम, माँ के हाथ की थी, जिसकी खुशबू से पेट के साथ-साथ तन मन भी भर जाता
था। लेकि...
कब्र में आदमी
-
कब्र में आदमी
ज़िंदगी की खोई धड़कनों की तलाश
अचानक ही बैठे-बैठे मन के किसी
चुप कोने से एक हूक उठी
कितने दिन हो गए...
कोई कविता नहीं लिखी,
ना रंगों से क...
पुराना डर्रा चेंज करने की जरूरत है
-
हमारे देश में एजुकेशन सिस्टम में बहुत बड़े चेंज की जरुरत है सबसे बड़ा चेंज
तो यह होना चाहिए की यदि आप प्रार्थना पूरे महीने करवा रहे हैं तो अगले महीने
आप ...
भोलाराम का राज्याभिषेक
-
#भोलाराम
#भोलाराम_का_राज्याभिषेक
#व्यंग्य: गिरीश बिल्लौरे मुकुल
नंदनवन के हरे-भरे जंगल में एक अनोखा दौर था। जानवर इंसानों की तरह संगठित थे,
और शेर की अ...
330. पहला गोलमेज सम्मेलन
-
*राष्ट्रीय आन्दोलन*
*330.* *पहला **गोलमेज सम्मेलन*
*1930*
*प्रवेश :*
दांडी यात्रा के साथ सविनय अवज्ञा आन्दोलन के रूप में भारतीय राष्ट्रीय
स्वतन्त्रत...
तुम्हारी कलाई से लिपटा वक्त . . .
-
तुम्हारी कलाई में एक घड़ी हुई करती थी, काले रंग की । जिसके लाल रंग के
काँटे पूरी दुनिया का चक्कर लगा कर वक्त अनाउंस किया करते थे, चुप-चाप, बिना
किस...
डायबिटीज़ के कारण और नियंत्रण के उपाय
-
डायबिटीज़ (मधुमेह) आज के समय में सबसे तेजी से फैलने वाले रोगों में से एक
है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का शर्करा स्तर सामान्य से अधिक हो जाता
है। य...
हे रुष्ट प्रकृति
-
हे रुष्ट प्रकृति
करके क्रोध का त्याग
होंगी तुम कैसे प्रसन्न?
ये मूढ़ मानव
है तो तुम्हारी ही संतान
लाड़ का कर दुरुपयोग
पहुँचाई तुम्हारे जिया को ठेस
जानता ...
खालीपन
-
नये पहाड़ चढ़ते हैं
सपाट पगडंडियों से
जो थक चुके हैं
नये व्यंजन पकाते है वे
जो पुरानों से पक चुके हैं
***
जो खुश हैं यथास्थिति से
उन्हें कुछ कमी नहीं
वे कभी...
बढ़ा हुआ हाथ
-
कल शाम अपनी नातिन दित्सा को लेकर पास वाली कॉलोनी के बगीचे में गई थी. ये
थोड़ा बड़ा बगीचा है. वहीं चार झूले और फिसलपट्टी लगी है l घूमने के लिए चारों
तरफ ज...
सुर्ख गुलाब
-
एक सुर्ख़ गुलाब देकर
कर देते हैं लोग
अपनी भावनाओं का इज़हार।
यदि
यही है
अपने प्रीत को बयाँ करना
तो कई बार बांधे मैंने
ख़ुद ही अपने
जुड़े में सुर्ख़ गुल...
माज़ी की गलियाँ - मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ
-
ये माज़ी की गलियाँ, वो यादों के घेरे जहाँ रात-दिन हैं उदासी के फेरे हैं
अंजान से जाने-पहचाने चेहरे मेरे दर्द-ओ-वहशत से बेगाने चेहरे हैं ओढ़े मोहज़्ज़ब
वफ़ा की न...
बचपन के रंग -
-
बहुत पुरानी , घोर बचपन की बातें याद आ रही है.
मुझसे पाँच वर्ष छोटे भाई का जन्म तब तक नहीं हुआ था. पिताजी का ट्रांस्फ़र
होता रहता था - उन दिनों हमलोग तब ...
बीज - मंत्र .
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शब्द बीज हैं!
बिखर जाते हैं,
जिस माटी में ,
उगा देते हैं कुछ न कुछ.
संवेदित, ऊष्मोर्जित
रस पगा बीज कुलबुलाता
फूट पड़ता ,
रचता नई सृष्टि के अंकन...
525 शिवलिंग के दर्शन"
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*525 शिवलिंग के दर्शन"*
शिवपुरी धाम
*थेगड़ा (शिवपुरी धाम ) कोटा ( राजस्थान)*
करीब 37 साल पहले जब मैं राजस्थान के इस शहर कोटा में आई थी तो यह...
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पड़ाव और पड़ताल अंक 1 से 31 अब निःशुल्क ई-बुक्स के रूप में
लघुकथा विधा पर आधारित दिशा प्रकाशन के श्री मधुदीप द्वारा पड़ाव और पड़ताल
शीर्षक से लघुकथा विधा प...
टालमटोल
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बहुत समय पहले के कुछ समय बाद की बात है |
एक मछुवारा हुआ करता था | बहुत ही ईमानदार और कर्मठ |
हर रात की सुबह, गावं के पास से गुज़र रही छोटी सी नदी में जाता...
लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है ....
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महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने
थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के
मैदान मे...
हम्मीर हठ (ऐतिहासिक उपन्यास) - सुधीर मौर्य
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हम्मीर हठ Hammir Hath
शीघ्र प्रकाश्य ऐतहासिक उपन्यास #हम्मीर_हठ से
‘मरहठ्ठी बेगम तुम क्या खुशनसीबी और वक़्त की फेर की बात कर रही हो जबकि सच तो
ये है कि आज...
जहाँ प्यार दिख जाये.....
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चित्र गूगल से साभार....
सत्यनारायण पूजा पर एकत्रित परिवार की सब स्त्रियाँ पूजा के बाद सबको प्रसाद
खिला अब स्वयं भी तृप्त होकर आराम करते गप्पे लड़ा रही थीं...
ऐनी सेक्सटन की कविताएँ : अनुवाद - अनुराधा अनन्या
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पिछली सदी के आरम्भ में अमेरिका में के समृद्ध व्यापारिक घर जन्मीं* ऐनी
सैक्सटन*, एक असाधारण कवयित्री हैं। उनकी कविताओं को confessional verse, स्टाइल
की...
चादर सन्नाटे की
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चारों ओर पसरा है सन्नाटा
मौन है श्वासों का शोर भी,
उघाड़ कर चाहता फेंक देना
चीख कर चादर मौन की,
लेकिन अंतस का सूनापन
खींच कर फिर से ओढ़ लेता
चादर सन्नाटे की...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
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वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
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[image: Image result for pagdandi in a field]
*एक पड़ाव *
जीवन की पगडण्डी पर
मैं यूँ ही चलता जाता था
मुट्ठी में थे अतरंगी सपने
उनमें रंग भरता जाता था
...
मूर्खता : एक सात्विक गुण
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मूर्खता एक सात्विक गुण है, जिसे धारण करने से अपमान की सम्भावना कम हो जाती
है. याद रखें अपमानित सदा विद्वत्ता का दुर्गुण धारण करने वाले ही होते हैं.
यह अनु...
व्यंग्य : आँख दिखाना
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एक व्यंग्य : आँख दिखाना --आज उन्होने फिर आँख दिखाई
और आँख के डा0 ने अपनी व्यथा सुनाई--" पाठक जी !यहाँ जो मरीज़ आता है ’आँख
दिखाता है ...
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* गज़ल *
रहे बरकत बुज़ुर्गों से घरों की
हिफाजत तो करो इन बरगदों की
खड़ेगा सच भरे बाजार में अब
नहीं परवाह उसको पत्थरों की
रहे चुप हुस्न के बढ़ते गुमां पर
रही...
A Ray of Hope: Who is Chandrasekhar Sankurathri?
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On 23 June 1985, Dr Chandrasekhar Sankurathri was to see his world torn
apart—his wife, son and daughter were all on the ill-fated Air India
Kanishka fligh...
-
खुद को छोड़ आए कहाँ, कहाँ तलाश करते हैं,
रह रह के हम अपना ही पता याद करते हैं|
खामोश सदाओं में घिरी है परछाई अपनी
भीड़ में फैली इस तन्हाई से मगर डरते हैं|...
नेटुआबीर बाबा-3
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जी हाँ। नेटुआबीर बाबा! कहने के लिए तो भूत-प्रेत की श्रेणी में हैं पर इनके
किस्से इन्हें वीर और अच्छे भूत-प्रेत की श्रेणी में लाकर खड़े कर देते हैं।
एक ऐस...
आखिर कब तक????
-
*दो *और जवान शहीद हो गए। राखी के एक दिन पहले दो बहनों ने अपने भाईयों को खो
दिया। राखी की सुबह दोनों शहीदों को गार्ड आफ ऑनर दिया गया। पुलिस, प्रशासन और
...
हिंदी ब्लागिंग के कलंक !
-
कल से ही सोच रहा हूं कि कम से कम अंतर्रराष्ट्रीय हिंदी ब्लागिंग दिवस पर कुछ
तो लिखा जाए, मित्र भी लगातार याद दिला रहे हैं, पूछ रहे हैं कहां गायब है,
इन...
ऐंठन
-
*किस बात पे इतना गरजे हो*
*किस बात पे तुमको इतनी अकड़*
*अपने ही बने उस जाल में कल *
*फंस कर के मरी है एक मकड़*
*किस बात की इतनी ऐंठन है*
*किस बात पे यूँ ...
पराशर झील के नजारे जन्नत से कम नहीं हैं
-
समंदर तल से 9 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित पराशर झील के नजारे जन्नत से कम
नहीं हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल पराशर में
सरानाहुली...
इतिहास रच सकती हूँ मैं
-
मैंने आहुति बनकर देखा, यह प्रेम यज्ञ की ज्वाला है - यह कहना है कानपुर
निवासिनी श्री हरीचन्द्र जी और श्रीमती जमुना देवी जी की योग्य सुपुत्री
सुषमा कुमारी ...
तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत....
-
तुम्हारी धुन पर नाचे आज मेरे गीत,
कहो तुम हो कहाँ ओ व्याकुल मन के मीत।
झंकृत है ये तन,मन और जीवन,
हो रहा है ह्रदय नर्तन,
थिरक कर कर रही कोशिश,
झूमने की आज द...
जल-संकट
-
याद है वो दिन? क्या ताल, क्या नदी, सूखे की मार से सूख गया था लोगों के आँखों
का भी पानी। पानी की एक बूँद के लिए गिड़गिड़ाते हुए, चेहरे पर असहायी पीड़ा
लिए...
चलो नया एक रंग लगाएँ
-
लाल गुलाबी नीले पीले,
रंगों से तो खेल चुके हैं,
इस होली नव पुष्प खिलाएँ,
चलो नया एक रंग लगाएँ ।
मानवता की छाप हो जिसमे,
स्नेह सरस से सना हो जो,
ऐसी होली खू...
एक हमीं हैं जो बगावत कर रहे हैं
-
बिना उस्तरे के हज़ामत कर रहे हैं
वो शहादत पर सियासत कर रहे हैं
सच बोल कर कोई जेल जा रहा है
झूठ वाले देखो वकालत कर रहे हैं
जिन्हे गरीबों ने साहब बना द...
इज़हार
-
हमने तो तोहफे में दिल दिया,
जाने वे उसे क्या समझ बैठे ,
दूसरे नजरानो की तरह ही,
रख किसी कोने में घर के,
दिल की कद्र ना कर सके,
आज तन्हाई में दिल शायद,
उन या...
क्या सदैव सत्य बोला जा सकता है?
-
क्या मैं सदैव सत्य बोलता हूँ? बोल पाता हूँ? क्यूँ ? एक ऐसा प्रश्न जिसका
उत्तर आसान भी है और बहुत कठिन भी. बहुत आसान है यह कहना कि जिसे मेरा मन या
अंतरात्म...
सुषमा स्वराज ने गलती तो की है ....
-
मित्रों, कल से पुनः संसद का सत्र आरम्भ होने जा रहा है, ऐसे में आवश्यक हो
जाता है कि सत्र में हो रहे व्यवधान पर थोडी चर्चा कर ली जाए, बात करते हैं,
भा...
उसके लिए (सरोकार की मीडिया)
-
फेसबुक पर एक लेखक वर्ग ऐसा है जो हम जैसी घरेलू लेखिकाओं से बहुत डरता है
क्योंकि हमारा लिखा (चाहे थोडा लिखें) तारीफ़ पाता है |ज्यादा की चाह के बिना
हम अपन...
हेराका आन्दोलन और हमारा दायित्व
-
जब असम में था तो नागालैंड के दो सरकारी अफसरों से जुड़ा एक प्रसंग सुनने को
मिला था. इन दोनों का प्रशासनिक सेवा के लिए चयन हुआ फिर दोनों को ट्रेनिंग के
लिए...
मन गुरु में ऐसा रमा, हरि की रही न चाह
-
ॐ
श्री गुरुवे नमः
*ॐ ब्रह्मानंदं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम् ।*
* द्वंद्वातीतं गगनसदृशं तत्वमस्यादिलक्ष्यम् ॥ एकं नित्यं विमलमचलं
सर्वधीसाक्षीभूतम् । ...
गुरु पूर्णिमा
-
आज गुरु पूर्णिमा है ! अपने गुरु के प्रति आभार प्रकट करने का दिवस ,गुरु
शब्द का अर्थ होता है अँधेरे से प्रकाश की और ले जाने वाला ,अज्ञान ज्ञान की
और ले...
पूर्ण स्वराज के विचार स्रोत नेता जी
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शशि कान्त त्रिगुण
नेता जी सुभाष चंद्र बोस नहीं होते तो आजादी की जंग उतनी जल्दी नहीं जीती
जाती, जितनी जल्दी जीत ली गई। एक विचार 'पूर्ण स्वराज ने अंग्रेजों ...
तीर्थराज प्रयाग - सपना निगम
-
यहाँ माझी है नैय्या है पतवार है
और गंगा यमुना की बहती धार है
प्रयागराज तीरथ त्रिवेणी का संगम
बहती यहाँ सत्संग की बयार है
इन नदियों के पास मेरे दे...
कुछ अनुत्तरित प्रश्न
-
कुछ अनुत्तरित प्रश्न जगदीश कश्यप संपादक मिनी युग व विक्रम सोनी संपादक
लघुआघात द्वारा प्रेषित किये गए थे (बीस वर्ष से भी पहले ) . प्रश्न व
भगीरथ के उत...
गर्मी मीठे फल है लाती
-
लाल लाल तरबूजे लाती,
गर्मी मीठे फल है लाती.
आम फलों का राजा होता,
बच्चों को मनभावन लगता.
मीठे पके आम सब खाते,
मेंगो शेक भी अच्छा लगता.
खरबूजा गर्मी में आ...
मैं अन्तर्मन तेरा (ग़ज़ल )
-
मैं अन्तर्मन तेरा, मैं ख़्वाब भी तेरा हूँ
विश्वास करो मेरा, मैं साँझ सवेरा हूँ
बनजारें भी अब तक, घर लौट गये होंगे
मैं बीच रास्ते का, लूट गया जो डेरा हूँ...
-
ख्वाबों की ताबीर
सुना है उसके शहर की ...
बात बड़ी निराली है ,
सुना है ढलते सूरज ने ...
कई दास्ताँ कह डाली है ,
सुना है जुगनुओं ने ...
कई बारात निकाली है ,
...
The Legend of Hercules (2014)
-
Watch Movie The Legend of Hercules Online StreamingWatch Movie The Legend
of Hercules Online Streaming with duration 99 Min and broadcast on
2014-01-10 wi...
रेलवे के सभी नौ सर्विस काडर होंगे समाप्त
-
रेलवे यूनियनों के विरोध के बावजूद रेलवे बोर्ड का पुनगर्ठन तय माना जा रहा
है। बड़े बदलाव के तहत रेलवे बोर्ड और रेलवे के नौ सर्विस काडर समाप्त किए जा
सकते ह...
गाँव
-
बहुत सुंदर बहुत मोहक तुम्हारा शहर है लेकिन
मुझे वह गाँव की गलियां पुरानी याद आती हैं
चहकते खेत, लहराती हुई फसलें; गरजते घन,
उन्ही के बीचमें फिर झूमता गाता ह...
आहटें .....
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*आज भोर *
*कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,*
*पूरब से उस लाल माणिक का *
*धीरे धीरे निकलना था *
*या *
*तुम्हारी आहटें थी ,*
*कह नहीं सकती -*
*दोनों ही तो एक से...
इन्तहा इंतज़ार की
-
*इन्तहा इंतज़ार की *
*दो आँखों की बेकरारी कर रही है किसी का इंतज़ार *
*ये बिखरा हुआ सन्नाटा उसको कर रहा है बेकरार *
*उसके कदमो की आहट सुनने को है बेताब *...
अब अंतिम चार के लिए होगा मुकाबला
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फीफा विश्व कप अपने अंतिम पडाव की ओर बढ़ रहा है 32 टीमों में 24 की विदाई हो
चुकी है । अंतिम आठ के बारे में मेरा अनुमान सही निकला । यह सिर्फ मेरा अनुमान
नह...
वीर छत्रपति शिवाजी
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*भा*रतभूमि हमेशा ही वीरों की जननी रही है. यहां समय-समय पर ऐसे वीर हुए जिनकी
वीर गाथा सुन हर भारतवासी का सीना गर्व से तन जाता है. भारतभूमि के महान वीरों
में...
जागो
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एक तरंग लिए कोई नई – नई से उमंग लिए
उठो जागो देखो कोई सायद उजला – उजला सा है ॥१॥
जेसे लंबी सर्द पतझड़ के बाद शान-ए बहारे बसंत
घने-घने अंधेरों मे टिम टिमाती...
-
...
"सर जी..आप सदैव सत्य लिखते हैं..
देश की राजनीतिक बीमारी पर तीर कसते हैं..
आज मुझे..ज़रा ये भी तो बताइए..
कितने यहाँ आपकी-मेरी बात सुनते हैं..
क्यूँ उ...
झूठ,
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बेवजह आरोप है, मुझ पर झूठ बोलने का,
तुमने कब सुनना चाहा था सच,
हर बार झूठ तुम्हे अच्छा लगा,
और हर सच बुरा,
तुम्हे जो पसंद था, वही तो किया हमने,
ये लो अ...
रश्मिरथी / द्वितीय सर्ग / भाग 7 ........दिनकर
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'हाय, कर्ण, तू क्यों जन्मा था? जन्मा तो क्यों वीर हुआ?
कवच और कुण्डल-भूषित भी तेरा अधम शरीर हुआ?
धँस जाये वह देश अतल में, गुण की जहाँ नहीं पहचान?
जाति-गोत्...
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"टकरा कर भी पत्थर से हम टूट ना पाए,
कुछ तो एक ठोकर से ही बिखर जाते हैं. ."
"भूल ना करना डूबने की,
नमी देखकर आँखों की,
मासूम नहीं अंगार हैं निगाहें,
डूबे ...
वर दे वीणावादिनी वर दे....
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*ॐ सरस्वती नमस्तुभ्यं वरदे कामरूपिणी |विद्यारम्भं करिष्यामि सिद्धिर्भवतु मे
सदा ||*
विद्या की देवी हंसवाहिनी माँ सरस्वती को मेरा शत-शत नमन !!!
नमस्कार...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
दाढ़ी वाली मल्लिका शेरावत
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आदरणीय अन्ना अंकल ,
कल राम औतार अखबार ले कर भागा-भागा आया और बोला " मेरी फोटो छपी है, तुमने
देखी ?"
मैंने फोटो सुबह ही देख ली थी जिसमें राम औतार गधे पर बैठा...
पत्थरों के गाँव में ठहरने लगा है आईना …..
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*तेरी गली से होकर गुजरने लगा है आईना*
*तेरी हर आहट पर संवरने लगा है आईना*
*.*
*लटें संवार कर तुम चली गयी पल भर में*
*जाने क्या सोचकर उछलने लगा है आईना*
*....
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
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इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और
यंत्र बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई
बार तो लग...
तुम भी अपना मतलब निकाल लो
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धोखेबाजों की कमी नही है इस जहान में,
हो सके तो तुम भी अपना मतलब निकाल लो|
मुझे तेरी हार जीत से क्या मतलब,
किसी तरह तेज भाग कर खुद को निकाल लो|
सभी धोखेबाज...
कवि: एक "तत्क्षण योगी"
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एक योगी स्वाध्याय,आत्मचिंतन और इंद्रियों पर नियंत्रण कर स्वयं को मन का
स्वामी बना लेता है।मन की चंचलता को स्थिर कर एक कुशल सारथी की भाँति इच्छाओं
और कामना...
कविता एक सुरीली : रावेंद्रकुमार रवि का नया शिशुगीत
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*सभी नन्हे साथियों को ढेर-सारा प्यार!*
नए साल में मैं अभी तक
सरस पायस पर कोई रचना नहीं सजा पाया था!
आज अंतरजाल पर विचरण करते समय
मेरी मुलाकात अनुष्का से...
"ग़ज़ल"
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"ग़ज़ल"
हवाओ से कह दो बहना छोड दे,
भोरो से कह दो मंडराना छोड दे,
कलियो से कह दो चटकना छोड दे,
बदलो से कह दो गरजना छोड दे,
बिजलियो से कह दो चमकना छोड दे,
ज...
ये समानता क्या हतप्रभ नही करती ?
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वेद के बारे में विद्धानों का ये कथन है, "वेदो अखिलो ज्ञानमूलम" अर्थात् "वेद
सभी ज्ञान का मूल है " ! इसी तरह कुरान की एक आयत में आता है कि ‘यह अगले लोगों
क...
तेरी तस्वीर.....ओम कश्यप
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सोचा एक दिन तेरी तस्वीर बना लूँ ,
हसीन रंगों से अपनी तकदीर सजा लूँ !
मेरा दिल तो कोरे कागज की तरह हैं ,
इस पर तेरे नाम की लकीरे बना लूँ !
तेरे लिए थे बहुत...
माहताब
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माहताब
वो हॅंसते हैं तो लगता है हॅंसता हुआ गुलाब,
चर्चा है चमन में कि हॅंसी का नहीं जबाब।
दिल ले गये मेरा इसका किसे मलाल,
सुकू है खिल गया है मेरा अमावस में म...
ज्ञ से ज्ञानी........
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ज्ञ कहता है प्यारे बच्चों,
अब आई है मेरी बारी,
शांत होकर बैठो सभी,
सुनो मेरी कहानी प्यारी।
ज् व ञ के मिलने से,
मैं अस्तित्व में आया,
वर्णमाला का अ...
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*Advocates*
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Enterprising Law firm enjoying challenges in assignments and discharging
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3 comments:
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!!!
मेरे ब्लॉग का यू. आर. एल.---http://praanjalideep.blogspot.com
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
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