कविता: "पापा ज़रा बूढ़े हो चले है"
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* "पापा ज़रा बूढ़े हो चले है"*
अब कंधे झुक गए है,
उम्र निकल भी रही है,
रोशनी आँखों की धुंधला रही है,
थोड़ा धीरे चलते है,
और अब भूलने भी लगे है,
मेरे पापा ज़रा...
1 hour ago