कविता: " मंजिल पाओगे "
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* " मंजिल पाओगे "*
यूँ न बैठ उदास होकर ,
अभी जिंदगी के कई जंग बाकी है ,
एक जंग ही तो प्रविजय हुआँ है।
तू अगले युद्ध की तयारी कर ,
थोड़ा मेहनत और होशियार क...
6 days ago
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3 comments:
सुंदर
ग खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत अच्छी रचना...
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