कविता : " माँ "
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* " मेरी माँ "*
ये लव्ज है तो उन्ही की बदौलत।
जिंदगी भी तो उन्ही की बदौलत।
जननी होकर मेरी अम्मा दरजा निभा लिया।
इतने काबिल है तो उन्ही की बदौलत ,
खुशि...
14 hours ago
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3 comments:
सुंदर
ग खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत अच्छी रचना...
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