कविता: "किसानों की मेहनत"
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*"किसानों की मेहनत"*
खेतो में फसले छाई है,
सबके मन के भाई है ,
चारो ओर सरसो पीले - पीले और हरियाली छाई है ,
कुछ घासों की वजह से, फसले रुक जाती है ,
जैसे ही...
3 days ago




3 comments:
सुंदर
ग खूबशूरत अहसाह ,बहुत सुन्दर रचना
बहुत अच्छी रचना...
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