कविता :"मौसम "
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*"मौसम "*
अब मौसम को क्या बताना ,
कभी कड़क गर्मी और धूप से मंडराना |
कभी काले बदलो से सूर्य ढक ले जाना ,
बारिश की मौसम का अब न कोई ढिकाना |
अब मौसम को क्या...
11 hours ago
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2 comments:
बहुत बहुत बधाइयाँ ।
बधाई !
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