कविता: "किसानों की मेहनत"
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*"किसानों की मेहनत"*
खेतो में फसले छाई है,
सबके मन के भाई है ,
चारो ओर सरसो पीले - पीले और हरियाली छाई है ,
कुछ घासों की वजह से, फसले रुक जाती है ,
जैसे ही...
6 days ago







2 comments:
बहुत बहुत बधाइयाँ ।
बधाई !
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