कविता: "सितारे"
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*"सितारे"*
गिनने की कोशिश की तारो को,
सौ बार नहीं हजार बार ,
पाने की कोशिश की इन सितारों को ,
हस्ते और गाते चमकते है ,
रात अँधेरे में।
खुसियों से बंधे रहत...
11 hours ago
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3 comments:
बेहद खूबशूरत अहसाह
वाह
Wonder full
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