कविता : " माँ "
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* " मेरी माँ "*
ये लव्ज है तो उन्ही की बदौलत।
जिंदगी भी तो उन्ही की बदौलत।
जननी होकर मेरी अम्मा दरजा निभा लिया।
इतने काबिल है तो उन्ही की बदौलत ,
खुशि...
16 hours ago
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4 comments:
वाह बहुत सुंदर ।
अद्भुत एवं अनुपम प्रस्तुति ! अति सुन्दर !
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 25-9-2014 को चर्चा मंच पर चर्चा - 1747 में दिया गया है
आभार
जीवन की सुंदर प्रस्तुति।
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