"दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
Sunday, November 11, 2012
दूर करने को अन्धेरा दीप झिलमिल जल रहे।
स्नेह पाकर प्यार का दीपक खुशी से खिल रहे।।
दीन की कुटिया-भवन जगमग हुए आलोक से।
लग रहा मानों सितारे आ गये द्यु-लोक से।।
प्रेम से करना "गजानन-लक्ष्मी" आराधना।
आज होनी चाहिए "माँ शारदे" की साधना।।
अपने मन में इक दिया नन्हा जलाना ज्ञान का।
उर से सारा तम हटाना, आज सब अज्ञान का।।
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
आप खुशियों से धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!
7 comments:
मटर! आज 'नर्क-चतुदशी' की कोटि वधाइयां
आओ,'भ्रष्टाचार के नरकासुर' को हम मारें !
तब 'दीवाली के दीपक'हम मिल कर के बारें ||
बहुत बढिया । आपको दीपावली की शुभकामनायें
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति...
आपको सहपरिवार दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ..
:-)
मंगलमय हो दीपों का त्यौहार... आपको व आपके समस्त परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें......
दीपावली के दीपक,जीवन में नव ज्योति बिखेरें |
भाग्य पटल पर सुख-दायी कुछ सुन्दर चित्र उकेरें ||
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें
सुन्दर रचना
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