कविता :"नींद "
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*"नींद "*
सोया था मैं न जाने कहाँ ,
सपना खोया था मेरा जंहा |
सबकुछ छूटता जा रहा है,
मेरा लक्ष्य मुझसे रूठता जा रहा है |
मै ढूंढ रहा हूँ अपने आप को ,
वही फ...
9 hours ago
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2 comments:
नववर्ष 2014 सभी के लिये मंगलमय हो ,सुखकारी हो , आल्हादकारी हो
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
नए साल की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें!
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