कविता: "सर्दी का मौशम"
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*"सर्दी का मौशम"*
ये मौशम है सर्दी का,
रजाई काम करता है है वर्दी का।
इस मौशम में कुछ भी पहनो ,
सब कुछ कम पड़ जाता है ,
चाहे जैकेट कम हो या रजाई, कंम्बल ,
फ...
9 hours ago
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2 comments:
नववर्ष 2014 सभी के लिये मंगलमय हो ,सुखकारी हो , आल्हादकारी हो
बहुत सुन्दर प्रस्तुति ..
नए साल की बहुत-बहुत हार्दिक शुभकामनायें!
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